घोघा :गुजरात: 22 अक्तूबर : समुद्री तट को देश की उन्नति और समृद्धि का प्रवेश मार्ग बताते हुए प्रधाानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पिछले दशकों में केंद्र सरकारों ने समुद्री क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दिया और जहाजरानी एवं बंदरगाह क्षेत्र भी उपेक्षित रहा । हमारी सरकार ने समुद्री क्षेत्र में सुधार एवं जल आधारभूत संरचना के विकास के लिये ‘‘सागरमाला’’ परियोजना और 106 राष्ट्रीय जल मार्गो के निर्माण का कार्य शुरू किया है।
भावनगर के घोघा और भरूच के दहेज के बीच 650 करोड़ रुपये की रोल-ऑन रोल ऑफ (रो-रो) फेरी सेवा के पहले चरण का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने देश के परिवहन क्षेत्र के असंतुलन को दूर करने की दिशा में भी ठोस कदम उठाया है। नयी पोत परिवहन नीति और नयी विमानन नीति तैयार की है। छोटे छोटे हवाई अड्डों को सुधारने की पहल शुरू की है। इसके साथ ही अहमदाबाद और मुम्बई के बीच बुलेट ट्रेन परियोजना का कार्य आगे बढ़ाया है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत सरकार पर परोक्ष निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि देश में जलमार्गो के सस्ता होने के बावजूद पिछली सरकारों के दौरान आजादी के बाद से देश में मात्र 5 जलमार्ग थे। बंदरगाह और सरकारी कंपनियां घाटे में चल रही थी । अब हमारी सरकार के प्रयासों से स्थिति में सुधार आ रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘ ये सारे प्रयास देश को 21वीं सदी की परिवहन प्रणाली प्रदान करेंगे जो ‘न्यू इंडिया’ की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होगा । ’’ प्रधानमंत्री ने 45 मिनट से अधिक के संबोधन में अपने मुख्यमंत्रित्व काल और भाजपा सरकार के कार्यकाल में गुजरात के विकास की दिशा में उठाये गए कार्यो का बिन्दुवार ब्यौरा दिया ।
उन्होंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा सरकार की विकास पहल को अपने संबोधन के केंद्र में रखा और ‘रो रो फेरी सर्विस’ को दूसरे राज्यों के लिये रोल मॉडल बताया । उन्होंने कहा कि प्रदेश एवं उनकी केंद्र सरकार की पहल से राज्य के विकास के साथ लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे ।
मोदी ने कहा, ‘‘ पिछले 15 वर्षो में गुजरात ने अपने बंदरगाहों की क्षमता में चार गुना वृद्धि की है। गुजरात का समुद्री मार्ग सामरिक महत्व का है जहां से दुनिया के किसी दूसरे क्षेत्र में जाना सस्ता और आसान है। गुजरात का नौवहन विकास पूरे देश के लिये आदर्श है। रो रो फेरी सर्विस दूसरे प्रदेशों के लिये रोल मॉडल का काम करेगा । हमने वर्षो तक दिक्कतों का अनुभव किया और फिर इसे देखते हुए कार्यक्रम तैयार किया । अब इसे अपनाने वाले राज्यों को उन दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा ।’’ उन्होंने कहा कि इससे रोजगार के अवसर बनेंगे ही, तटीय जहाजरानी और तटीय पर्यटन की दिशा में नये अवसर भी पैदा होंगे ।