नयी दिल्ली, 25 जनवरी ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ हाथ धोने को लेकर जागरूकता अभियान में देश के बच्चों के योगदान की सराहना की और कहा कि कोई कार्यक्रम तभी सफल होता है जब बच्चे उसका हिस्सा बन जाते हैं।
‘प्रधाानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ विजेताओं से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संवाद करते हुए उन्होंने पुरस्कार जीतने वाले बच्चों की तारीफ की और कहा कि उन्हें मेहनत जारी रखनी है और हमेशा विनम्र बने रहना है।
उन्होंने बच्चों से देश के लिए काम करने को कहा और उनसे आग्रह किया कि देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर वे क्या कर सकते हैं, इस बारे में सोचें।
उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना ने निश्चित तौर पर सभी को प्रभावित किया है। लेकिन एक बात मैंने नोट की है कि देश के बच्चे, देश की भावी पीढ़ी ने इस महामारी से मुकाबला करने में बहुत भूमिका निभाई है। साबुन से 20 सेकेंड हाथ धोना हो, ये बात बच्चों ने सबसे पहले पकड़ी।’’
प्रधानमंत्री ने बच्चों को जीवनी पढ़ने की सलाह दी और कहा कि इससे उन्हें प्रेरणा मिलेगी।
व्यवस्थित खेती के लिए एक बहुउद्देशीय बीज बुआई मशीन बनाने वाले एक बच्चे से बातचीत में मोदी ने कहा कि आधुनिक कृषि आज देश की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई को लेकर जागरूकता फैलाने में भी बच्चों ने बहुत योगदान दिया हैं
भारत सरकार ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ के तहत ‘बाल शक्ति पुरस्कार’ पुरस्कार प्रदान करती है। नवाचार, शैक्षिक उपलब्धियों, खेल, कला और संस्कृति, सामाजिक सेवा और बहादुरी के क्षेत्र में असाधारण क्षमताओं और उत्कृष्ट उपलब्धि वाले बच्चों को बाल शक्ति पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
इस वर्ष, बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर के 32 बच्चों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-पीएमआरबीपी -2021 प्रदान किया गया है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी भी इस अवसर पर उपस्थित थीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के पुरस्कार विशेष हैं, क्योंकि विजेताओं ने उन्हें कोरोना के कठिन समय में अर्जित किया है। बातचीत के दौरान, प्रधानमंत्री ने स्वछता आंदोलन जैसे प्रमुख व्यवहार-परिवर्तन अभियानों में बच्चों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जब कोरोना के समय में बच्चे हैंडवॉश कैंपेन जैसे अभियानों में शामिल हुए, तब अभियान ने लोगों की सोच को प्रभावित किया और अभियान सफल हुआ। प्रधानमंत्री ने क्षेत्रों की विविधता को भी रेखांकित किया, जिनमें इस वर्ष पुरस्कार दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब एक छोटे विचार के लिए आवश्यक कार्य किये जाते हैं, तो परिणाम प्रभावशाली होते हैं। उन्होंने बच्चों को कार्य करने पर विश्वास करने के लिए कहा क्योंकि विचारों और कार्य की इस परस्पर क्रिया से लोगों को महत्वपूर्ण चीजों के लिए प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री ने बच्चों को सलाह दी कि वे इन उपलब्धियों तक सीमित ना रहें और अपने जीवन में बेहतर परिणाम के लिए प्रयास करते रहें।
प्रधानमंत्री ने बच्चों से अपने मन में तीन चीजें, तीन प्रतिज्ञा रखने को कहा। सबसे पहले, निरंतरता की प्रतिज्ञा। कार्य करने की गति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। दूसरा, देश के लिए प्रतिज्ञा। यदि हम देश के लिए काम करते हैं और हर काम को देश के संदर्भ में देखते हैं, तो वह काम स्वयं से अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है । उन्होंने कहा कि बच्चों को यह सोचना चाहिए कि वे देश के लिए क्या कर सकते हैं, क्योंकि हम आजादी के 75 वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। तीसरा, विनम्रता की प्रतिज्ञा। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौर पर कहा कि प्रत्येक सफलता के साथ हमें अधिक विनम्र होना चाहिए, क्योंकि हमारी विनम्रता दूसरों को हमारी सफलता पर खुश होने के लिए प्रेरित करेगी।