नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘स्वामित्व’ योजना के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संपत्ति कार्डों का रविवार को भौतिक वितरण शुरू किया और कहा कि यह ग्रामीण भारत को बदलने वाला ‘‘ऐतिहासिक कदम’’ है।
सरकार की इस पहल से ग्रामीणों को अपनी जमीन और संपत्ति को वित्तीय पूंजी के तौर पर इस्तेमाल करने की सुविधा मिलेगी जिसके एवज में वे बैंकों से कर्ज और अन्य वित्तीय लाभ उठा सकेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कहा कि इस कार्यक्रम की शुरुआत से करीब एक लाख संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति से जुड़े कार्ड अपने मोबाइल फोन पर एसएमएस लिंक के जरिए डाउनलोड कर सकेंगे। इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपत्ति कार्डों का भौतिक वितरण करेंगी।
ये लाभार्थी छह राज्यों के 763 गांवों से हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के 346, हरियाणा के 221, महाराष्ट्र के 100, मध्य प्रदेश के 44, उत्तराखंड के 50 और कर्नाटक के दो गांव शामिल हैं।
मोदी ने स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में अत्याधुनिक तकनीक के साथ गांवों का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण) योजना के कई लाभार्थियों से बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज मध्यप्रदेश सहित देश के छह राज्यों के सात सौ से अधिक गांवों के लोगों के लिए स्वामित्व योजना की शुरूआत की, जिसके तहत संबंधित ग्रामीण को संपत्ति कार्ड वितरित किया जाएगा।
श्री मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस योजना की शुरूआत के अवसर पर मध्यप्रदेश के हितग्राहियों में से चयनित डिंडोरी जिले के एक हितग्राही दशरथ सिंह मरावी से चर्चा भी की। हितग्राही ने श्री मोदी के सवालों के जवाब में कहा कि उन्हें इस कार्य में कोई परेशानी नहीं हुयी। श्री मोदी ने लाभान्वित हितग्राहियों से कहा कि अब उनकी संपत्ति पर कोई भी गलत नजर नहीं रख पाएगा।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ड्रोन के माध्यम से मैपिंग सर्वे और भू संबंधी आकड़ों के संधारण के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया जाएगा। स्वामित्व योजना लोगों को न सिर्फ प्रॉपर्टी कार्ड उपलब्ध करवाएगी, बल्कि विकास कार्यों का संचालन भी आसान हो जाएगा। पंचायतों के कार्य भी तकनीक के माध्यम से पारदर्शी तरीके से पूरे हो रहे हैं।
श्री मोदी ने कहा कि उनकी जब ग्रामीणों से बात हुई तो ज्ञात हुआ कि स्वामित्व योजना के लिए गांव में ड्रोन के उपयोग से ऊंचाई से ली गई ग्राम की तस्वीर देखकर ग्रामवासी बहुत प्रसन्न होते हैं और उनमें गांव के प्रति प्रेम भी बढ़ जाता है। यह योजना विवादों को समाप्त करने में भी बहुत उपयोगी है। योजना में सवा करोड़ व्यक्तियों ने पंजीयन करवाया है।
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने केन्द्रीय पंचायत राज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और उनके मंत्रालय को इस महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत के लिए बधाई दी।
प्रारंभ में केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने स्वागत उद्बोधन दिया।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस कार्यक्रम में भोपाल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पंचायती राज मंत्रालय ने इसी वर्ष 24 अप्रैल को यह योजना लागू की है। योजना देश में चार वर्षों में चरणबद्ध रूप में क्रियान्वित होगी। पायलेट फेस (प्रायोगिक तौर पर)में मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखंड, पंजाब और राजस्थान राज्य शामिल किए गए हैं। भू-संपत्ति मालिकों को मोबाइल फोन पर एसएमएस से लिंक देकर संपत्ति कार्ड डाउनलोड करने की सुविधा होगी।
इस योजना से भू-संपत्ति मालिक अपनी संपत्ति को वित्तीय संपत्ति के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। अलग-अलग राज्यों में संपत्ति कार्ड को अलग-अलग नाम दिए जाएंगे। मध्यप्रदेश में संपत्ति कार्ड को अधिकार अभिलेख, महाराष्ट्र में सनद, उत्तरप्रदेश में घरौनी, हरियाणा में टाइटल डीड और कर्नाटक में रूरल प्रॉपर्टी ओनरशिप रिकार्ड (आरपीओआर) नाम दिया गया है।