अबुधाबी, 24 अगस्त । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के द्विपक्षीय संबंध अब तिक के अपने अच्छे दौर में हैं।
उन्होंने कहा कि यह रिश्ता चार साल में क्रेता-विक्रेता के रिश्ते से बढ़ कर विस्तृत रणनीतिक भागीदार का रूप ले चुका है।
उन्होंने यूएई की आधिकारिक समाचार एजेंसी डब्ल्यूएएम को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि भारत को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाने की दिशा में यूएई के रूप में एक मूल्यवान भागीदार मिला है।
मोदी तीन देशों की यात्रा के दौरान फ्रांस के बाद शुक्रवार को यहां पहुंचे। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने 2024-25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जिसे हासिल किया जा सकता है। हमने अगले पांच साल में करीब 1,700 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य रखा है। इसे हासिल करने के लिये सरकार घरेलू के साथ ही विदेशी निवेश को आकर्षित करने पर काम कर रही है।’’
मोदी ने कहा कि पिछले चार साल में यूएई की उनकी इस तीसरी यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार के आवेग को बनाये रखने की दोनों देशों की भावना का पता चलता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसी फायदेमंद भागीदारी के जरिये पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाने में यूएई को महत्वपूर्ण भागीदार मानते हैं।’’
उन्होंने कहा कि दोनों देशों के आपसी संबंधों का अब तक का यह सबसे अच्छा दौर है। भारत में विभिन्न क्षेत्रों में यूएई का निवेश लगातार बढ़ रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘भारत में अक्षय ऊर्जा, खाद्य, बंदरगाह, हवाईअड्डा, रक्षा विनिर्माण समेत कई अन्य क्षेत्र हैं जिनमें निवेश को लेकर दिलचस्पी बढ़ रही है। बुनियादी संरचना और आवास जैसे क्षेत्रों में यूएई का निवेश बढ़ रहा है।
वित्त वर्ष 2018-19 में 60 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ यूएई हमारा तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। हमारे देश की कई कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं। दोनों देश भारत में यूएई के 75 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता को अमल में लाने के लिये मिलकर काम कर रहे हैं।’’
मोदी ने स्थानीय अखबार खलीज टाइम्स को दिये एक अन्य साक्षात्कार में कहा, ‘‘विभिन्न देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाना मेरी सरकार की विदेश नीति की प्राथमिकताओं में से एक रहा है। पिछले पांच साल में (यूएई के साथ) आपसी तालमेल व प्रतिबद्धता से हम काफी आगे निकल आये हैं।’’
उन्होंने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ महज क्रेता और विक्रेता का संबंध पिछले चार साल में विस्तृत रणनीतिक भागीदारी में बदल चुका है।
मोदी ने अबुधाबी के युवराज शेख मोहम्मद बिन जायेद के साथ संबंधों के बारे में कहा, ‘‘युवराज और मैं दोनों एक-दूसरे को भाई के जैसा मानते हैं। हमारे बीच बड़े भरोसे और सम्मान का संबंध है। मेरा मानना है कि हम दोनों के बीच शानदार संबंध दोनों देशों के संबंधों की सही क्षमता का दोहन कर पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कारक है।’’
यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जायेद’ दिये जाने के बारे में मोदी ने कहा, ‘‘यह सम्मान मिलने से मैं काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह हमारी बढ़ती भागीदारी का सबूत है और 1.30 अरब भारतीय लोगों का सम्मान है।’’
मोदी अबुधाबी के बाद बहरीन जाएंगे, जहां वह शेख हमद बिन ईसा अल खलीफा के साथ बातचीत करेंगे।
मोदी वहां से जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिये रविवार फिर फ्रांस लौट जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए संयुक्त अरब अमीरात के कारोबारी और उद्यमी आमंत्रित-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत अपनी ‘राजनीतिक स्थिरता और भरोसेमंद नीतियों’ के चलते आज दुनिया में निवेश का एक आकर्षक स्थल बन गया है। उन्होंने यूएई में रह रहे भारतीय समुदाय के उद्यमियों और करोबारियों से जम्मू-कश्मीर में निवेश की भी अपील की।
उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबुधाबी में प्रवासी भारतीय (एनआरआई) कारोबारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री ने विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस समुदाय ने देश की आर्थिक वृद्धि में महती योगदान किया है।
उन्होंने भारत में आर्थिक अवसरों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ निवेशकों को प्रेरित करने में राजनीतिक स्थिरता और भरोसेमंद नीतियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन कारकों के चलते भारत आज दुनिया का एक आकर्षक निवेश स्थल बना गया है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी सभी नीतियां आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन के अवसर सृजित करने तथा मेक-इन-इंडिया को बल देने के लिये बनायी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात पर भी ध्यान देते हैं कि निवेशकों को उनके निवेश पर अच्छी कमाई भी हो।’’
मोदी ने एनआरआई कारोबारियों से भारत में उपलब्ध निवेश अवसरों पर गौर करने की अपील करते हुए कहा कि देश में कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां निवेश किया जा सकता है। उन्होंने विशेषकर जम्मू-कश्मीर में निवेश की अपील की। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को दशकों से उपेक्षित रहा है।
मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां विकास की अपार संभावनाएं हैं। लंबे समय से इन क्षेत्रों में कोई विकास-कार्य नहीं हुआ । अब इन दोनों क्षेत्रों में निवेश के अनुकूल माहौल है।
उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर में विकास की मुहिमों पर जोर देने से यह देश के विकास के इंजन को शक्ति देगा और इससे स्थानीय युवाओं के लिये रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। ’’
भारत ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा पांच अगस्त को समाप्त कर दिया। इसके बाद क्षेत्र को दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभक्त कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए विशेष दर्जा का प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा था कि सरकारी और निजी कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे क्षेत्र में स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करें। उन्होंने कहा था कि जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में दुनिया के सबसे बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत अपनी ‘‘ राजनीतिक स्थिरता और भरोसेमंद नीतियों ’’ के चलते आज दुनिया में निवेश का एक आकर्षक स्थल बन गया है।
उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबुधाबी में प्रवासी भारतीय (एनआरआई) कारोबारियों की एक सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। प्रधानमंत्री ने विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस समुदाय ने देश की आर्थिक वृद्धि में महती योगदान किया है।
उन्होंने भारत में आर्थिक अवसरों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘ निवेशकों को प्रेरित करने में राजनीतिक स्थिरता और भरोसेमंद नीतियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन कारकों के चलते भारत आज दुनिया का एक आकर्षक निवेश स्थल बना गया है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी सभी नीतियां आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने, रोजगार सृजन के अवसर सृजित करने तथा मेक इन इंडिया को सहारा देने के लिये बनायी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात पर भी ध्यान देते हैं कि निवेशकों को उनके निवेश पर अच्छी कमाई भी हो।’
संयुक्त अरब अमीरात में रूपें कार्ड जारी किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बाजार में रुपे कार्ड की पेशकश की। इससे यहां की बहुत सी दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी भारत के डिजिटल भुगतान कार्ड से खरीद की जा सकती है।
संयुक्त अरब अमीरात पश्चिम एशिया का पहला देश बन गया जिसने इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की भारतीय प्रणाली को अपनाया है। भारत इससे पहले सिंगापुर और भुटान में रुपे कार्ड के चलने को शुरू कर चुका है।
मोदी ने यहां रुपे कार्ड से एक विशेष खरीदारी कर के यहां के बाजार में इस कार्ड के चलन की शुरुआत की। वह इस खरीदी गयी सामग्री को रविवार को बहरीन में श्रीनाथजी मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाएंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, ‘‘रुपे कार्ड यूएई भी पहुंचा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष खरीदारी की, जिसे वह कल बहरीन में श्रीनाथजी मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाएंगे।’’
रुपे कार्ड की शुरुआत से पहले मोदी की उपस्थिति में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम ने संयुक्त अरब अमीरात के मरक्यूरी पेमेंट्स सर्विसेज के साथ दोनों देशों के भुगतान मंचों के बीच तकनीकी इंटरफेस तैयार करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यूएई में कारोबार कर रहे लुलु समूह, पेट्रोकेम मिडल ईस्ट, एनएमसी हेल्थकेयर और लैंडमार्क समेत 21 प्रमुख कारोबारी समूहों ने रुपे कार्ड को स्वीकार करने का वादा किया।
हर साल यूएई में करीब 30 लाख भारतीय पर्यटक घूमने आते हैं। इस कार्ड की शुरुआत से वह 1,75,000 स्थानों पर रुपे कार्ड से भुगतान कर सकेंगे तथा पांच हजार एटीएम से नकद निकासी भी कर सकेंगे। इससे उनका विनिमय खर्च बचेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘भारत और यूएई की अर्थव्यवस्थाओं को एक दूसरे के और नजदीक लाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में यूएई में आधिकारिक तौर पर रुपे कार्ड को पेश किया गया। खाड़ी देशों में यूएई पहला देश है जिसने भारतीय रुपे कार्ड को अपनाया है। यूएई की कई कंपनियों ने रुपे भुगतान को स्वीकार करने की बात की है।’’
यूएई में भारतीय राजदूत नवदीप सिंह सुरी ने इससे पहले इस सप्ताह में कहा, ‘‘यूएई इस क्षेत्र का सबसे बड़ा और आकर्षक व्यवसायिक केंद्र है। इस क्षेत्र रहने वाले भारतीय समुदाय के सबसे अधिक लोग यहीं (यूएई में) रहते हैं, सबसे ज्यादा भारतीय पर्यटक यहीं आते हैं और इस सबसे ज्यादा व्यापार भारत के साथ है। इस क्षेत्र में रुपे कार्ड को स्वीकार करने वाला पहला देश बनने के साथ हम उम्मीद करते हैं इससे पर्यटन, व्यापार तथा भारतीय समुदाय, इनमें से सबको लाभ होगा।’’
दोनों देशों का द्विपक्षीय व्यापार 2018 में करीब 60 अरब डॉलर का रहा।
मोदी फ्रांस, यूएई और बहरीन की तीन देशों की यात्रा के क्रम में शुक्रवार को पेरिस से यहां पहुंचे।