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भारी बारिश और कीचड़ के बीच फंसी महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन के 1200 यात्रियों को रेस्क्यू अभियान चलाकर बचाया गया attacknews.in

मुंबई/नयी दिल्ली, 27 जुलाई । मुंबई और इसके आसपास के इलाकों में मानसून के दौरान हुई भारी बारिश के कारण बदलापुर और वांगणी स्टेशनों के बीच पिछले 15 घंटों से पटरी पर अटकी 17411 डाउन महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन में फंसे 1200 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है।


केन्द्रीय गृह मंत्रालय की प्रवक्ता वसुधा गुप्ता ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, वायु सेना, नौसेना, रेलवे और राज्य प्रशासन के प्रयासों से महालक्ष्मी एक्सप्रेस ट्रेन से 1200 से अधिक यात्रियों को बचाया जा चुका है जिनमें नौ गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। गृह मंत्रालय स्थिति पर करीबी से नजर रखे हुए है और बचाव अभियान की निगरानी की जा रही है। डॉक्टरों के साथ एम्बुलेंस की व्यवस्था की गयी है। 


केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बचाव दलों की इसके लिए सराहना की है। 


आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कल भारी बारिश के कारण रात करीब पाैने दस बजे उल्हास नदी का जलस्तर बढ़ गया और इससे अंबरनाथ स्टेशन पर पानी भर गया। अंबरनाथ से बदलापुर के बीच करीब 300 मीटर के खंड पर पानी पटरी की सतह से एक फुट ऊपर पहुंच गया। सूत्रों के अनुसार इस घटना के बाद डाउन दिशा की दो और अप दिशा की तीन लोकल ट्रेनों और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन से कोल्हापुर जाने वाली 17411 डाउन महालक्ष्मी एक्सप्रेस रुक गयीं। एक डाउन लोकल ट्रेन कल्याण वापस बुलायी गयी। जब पानी कम हुआ तो अप लोकल को मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भेजा गया और एक अन्य डाउन ट्रेन को बदलापुर लाया गया। महालक्ष्मी एक्सप्रेस इगतपुरी की ओर भेजा गया। 


महालक्ष्मी एक्सप्रेस छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से रात 20.32 बजे कोल्हापुर के लिए रवाना हुई थी और 21.42 बजे कल्याण पहुंची, लेकिन पानी भरने के कारण गाड़ी बहुत देर तक खड़ी रही और देर रात 01.21 बजे आगे के लिए रवाना हुई। कल्याण से करीब 14 किलोमीटर दूर बदलापुर निकलने के बाद जंगल वाले क्षेत्र में उल्हास नदी के पुल के पास जल स्तर बहुत बढ़ा हुआ होने के लोको पायलट ने गाड़ी रोक दी। जिस समय गाड़ी रुकी, उस समय पानी पटरी की सतह से एक फुट ऊपर बह रहा था। बाद में जलस्तर एक फुट और बढ़ गया। गाड़ी रात भर पानी के बीच खड़ी रही और बहुत देर तक जब नदी का जलस्तर नीचे नहीं उतरा तो गाड़ी में सवार यात्रियों को बाहर निकालने की कवायद शुरू हुई। 


महाराष्ट्र सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने सुबह वायुसेना, नौसेना और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल से सहायता मांगी। गृह मंत्रालय की प्रवक्ता वसुधा गुप्ता ने बताया कि सुबह करीब आठ बजकर 50 मिनट पर रेलवे संरक्षा नियंत्रण कक्ष से सूचना मिली की कि महालक्ष्मी एक्सप्रेस मुंबई से 72 किलोमीटर दूर बदलापुर के पास भारी बारिश के कारण फंसी हुई है। इसके बाद एनडीआरएफ और नौसेना ने बचाव अभियान शुरू किया। मध्य रेलवे ने भी रेलयात्रियों को भोजन आदि भेजा। मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ए के गुप्ता और महाराष्ट्र के मुख्य सचिव ने बचाव अभियान के लिए समन्वय से इस अभियान की निगरानी की। 


शनिवार को अपराह्न तक एनडीआरएफ और नाैसेना की नौकाओं तथा वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से सभी यात्रियों को बदलापुर लाया गया है जहां सह्याद्री मंगल कार्यालय में यात्रियों के विश्राम एवं भोजन आदि का प्रबंध किया गया है। उन्हें वहां से बसों के जरिये कल्याण ले जाया जा रहा है। मध्य रेलवे ने 19 कोचों की एक विशेष ट्रेन को कोल्हापुर तक चलाने का फैसला किया है जिससे यात्री गंतव्य पहुंच सकें। मध्य रेलवे के महाप्रबंधक श्री गुप्ता ने कहा कि पानी का स्तर एक फुट से नीचे आएगा वैसे ही एक इंजन भेज कर गाड़ी को उलटी दिशा में बदलापुर लाया जाएगा। 


केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) , सेना , वायु सेना , नौसेना रेलवे और राज्य प्रशासन ने महालक्ष्मी एक्सप्रेस में फंसे सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया है। गृह मंत्रालय स्थिति पर करीबी से नजर रखे हुए था और बचाव अभियान की निगरानी की जा रही थी। उन्होंने बचाव दलों की इसके लिए सराहना की है।


इस बीच मध्य रेलवे ने बताया है कि महालक्ष्मी एक्सप्रेस से निकाले गये यात्रियों के लिए कल्याण से कोल्हापुर के लिए 19 डिब्बों वाली एक विशेष गाडी चलायी जायेगी जो इन्हें गंतव्य तक पहुंचायेगी। मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ए के गुप्ता महाराष्ट्र के मुख्य सचिव के साथ मिलकर इस पूरे अभियान का संचालन कर रहे हैं। 


एनडीआरएफ के अनुसार उसे जानकारी मिली थी कि मुंबई से 100 किलोमीटर दूरी पर महालक्ष्मी एक्सप्रेस रात तीन बजे से पटरी पर फंसी है। इसके बाद सबसे नजदीक के केन्द्र से बचाव दल की एक टीम को रवाना किया गया और बटालियन मुख्यालय से दो अन्य दलों को घटनास्थल पर भेजा गया। घटनास्थल के आस पास कीचड़ होने के कारण उपकरणों को नौका में नहीं ले जाया जा सका और बचावकर्मी इन उपकरणों को कंधे पर ही लेकर गये। 

इसके बाद सेना, वायु सेना, नौसेना, रेलवे और राज्य प्रशासन ने मिलकर बचाव अभियान चलाया और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। नौसेना के हेलिकॉप्टरों की मदद से पहले महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। यात्रियों में 13 गर्भवती महिला भी थी। 

सभी यात्रियों को बदलापुर ले जाया गया और वहीं पर उनके खाने और विश्राम की व्यवस्था की गयी है। 

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