मुंबई, 26 मार्च । मुंबई में एक मॉल में स्थित अस्पताल में आग लगने के बाद 11 मरीजों की मौत हो गई। इस अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज चल रहा था। दमकल विभाग के एक अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि जिन लोगों की मौत हुई है उनमें से कितने कोविड-19 के मरीज थे। नगर निकाय के अधिकारियों ने अभी यह नहीं बताया कि अस्पताल से जिन मरीजों को बाहर निकाला गया उनमें से कितने मरीजों का कारोना वायरस के लिए इलाज चल रहा था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मुंबई में एक अस्पताल में आग लगने की घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र के मुंबई में एक कोविड देखभाल अस्पताल में आग लगने की घटना में लोगों की मौत से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’
अधिकारी ने बताया कि भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल इमारत में सनराइज अस्पताल में आधी रात के कुछ देर बाद आग लग गई।
दोपहर को घटनास्थल पर पहुंच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वहां कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के वास्ते अस्थायी केंद्र बनाने के लिए मंजूरी ली गई थी।
अस्पताल ने अभी तक दो लोगों की मौत की पुष्टि की है और दोनों कोरोना वायरस के मरीज थे जिनकी आग लगने से पहले ही मौत हो चुकी थी। उसने कहा कि आग लगने के कारण किसी की मौत नहीं हुई है। अस्पताल और दमकल अधिकारियों के अलग-अलग बयानों का अभी मिलान नहीं किया जा सका है।
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह अस्पताल चार मंजिला मॉल की सबसे ऊपरी मंजिल पर स्थित है और जब आग लगी तब वहां 76 मरीज मौजूद थे जिनमें से ज्यादातर कोविड-19 का इलाज करा रहे थे।
मुंबई में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने के बीच यह घटना हुई है। शहर में बृहस्पतिवार को संक्रमण के 5,504 नए मामले सामने आए जो इस महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक एक दिन में सर्वाधिक मामले हैं।
बीएमसी नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि आग लगने की वजह का अभी पता नहीं चला है।
अधिकारी ने बताया कि दमकल की 20 गाड़ियां, पानी के 15 टैंकर और एम्बुलेंस को घटनास्थल पर भेजा गया। आग पर काबू पाने की कोशिश चल रही है।
उन्होंने बताया कि दमकल कर्मियों ने 70 मरीजों को बाहर निकाल लिया और उन्हें एक अन्य अस्पताल में भेजा गया है। दमकलकर्मी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कहीं कोई मरीज अब भी अस्पताल के अंदर तो फंसा नहीं है।
मुंबई की महापौर किशोरी पेडनेकर घटनास्थल पर पहुंचीं और उन्होंने इस बात पर हैरानी जताई कि मॉल के अंदर अस्पताल है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहली बार किसी मॉल के अंदर अस्पताल देखा है।’’ उन्होंने कहा कि अगर यहां अस्पताल चलाने में किसी तरह की अनियमितता पाई गई तो कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल ने एक बयान में कहा, ‘‘ड्रीम्स मॉल, भांडुप की पहली मंजिल पर आग लगी और धुआं सबसे ऊपरी मंजिल पर बने सनराइज अस्पताल तक पहुंच गया। जब आग लगने का अलार्म बजा तो सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया क्योंकि धुआं अस्पताल तक पहुंच रहा था।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘दो शवों को भी बाहर निकाला गया। अन्य मरीजों को नजदीक के कोविड-19 केंद्र और निजी अस्पतालों में भेजा गया।’’
बयान में कहा गया है कि महामारी की ‘‘असाधारण परिस्थितियों’’ में पिछले साल यह अस्पताल शुरू हुआ और इसने कई जिंदगियां बचाने में मदद की। यह अस्पताल दमकल विभाग से मिले लाइसेंस, नर्सिंग होम लाइसेंस समेत सभी अन्य नियमों का पालन करते हुए चल रहा है।
नगर निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी ने अग्नि सुरक्षा नियमों का कथित उल्लंघन करने को लेकर पिछले साल नवंबर में मॉल को नोटिस भेजा था।
राकांपा के पूर्व सांसद संजय पाटिल ने कहा कि उन्होंने भी बीएमसी आयुक्त को पिछले साल पत्र लिखकर वहां अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन की ओर ध्यान दिलाया था।
मुंबई नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान निसार जावेदचंद (74), गोविंद दास (80), मंजुला बथारिया (65), अंबाजी पाटिल (65) और उनकी पत्नी सुनंदा पाटिल (58), सुधीर लाड (66) शामिल हैं कुछ अन्य मृतकों की अभी तक पहचान नहीं हुई है।