कोलकाता 12 अक्टूबर : आखिरकार मुकुल रॉय ने राज्यसभा और तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया. इस्तीफा देने के बाद मुकुल रॉय ने तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी पर जमकर प्रहार किये. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी सुविधाभोगी हैं. उन्होंने कहा, ‘हमलोग पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं, किसी व्यक्ति विशेष के नौकर नहीं.’
उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा सौंपने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राॅय ने अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का एलान किया. संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘काफी दुख और वेदना के साथ मैंने इस्तीफा दिया है. मजबूर होकर मुझे इस्तीफा देना पड़ा.’
दीदी की पोल खोलने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने कहा कि भाजपा सांप्रदायिक पार्टी नहीं है. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के कहने पर ही उन्होंने कई बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) संपर्क किया. ममता बनर्जी का नाम लिये बगैर मुकुल ने उन्हें सुविधाभोगी करार दिया.
कहा, ‘चुनाव आयोग के पास तृणमूल कांग्रेस के लिए मैंने ही आवेदन किया था. 17 दिसंबर, 1997 को मेरे आवेदन पर तृणमूल कांग्रेस का पंजीकरण हुआ था. पंजीकरण मेरे नाम से आया था. ममता बनर्जी को कांग्रेस ने निष्कासित किया, तो उन्होंने मेरे नेतृत्व में तृणमूल की सदस्यता ली. 1998 में भाजपा के साथ तृणमूल कांग्रेस ने गंठबंधन किया था.’
उन्होंने कहा कि ममता जब रेल मंत्री बनीं, तब तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांप्रदायिक पार्टी नहीं है. वर्ष 2007 तक भाजपा के साथ थी तृणमूल कांग्रेस. ममता बनर्जी के निर्देश पर ही उन्होंने RSS से संपर्क किया था.
उन्होंने कहा, ‘हमलोग पार्टी के कार्यकर्ता हैं, किसी के नौकर नहीं हैं. जहां तक मेरा सवाल है, तो मेरे आरएसएस, भाजपा समेत तमाम पार्टियों के नेताओं के साथ बेहतर संबंध हैं. किस पार्टी में जाऊंगा, अभी तय नहीं है.’
मुकुल रॉय ने कहा कि छह महीने पहले ही उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया था. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अरुण जेटली, कैलाश विजयवर्गीय से उनके मधुर रिश्ते हैं. उनके साथ बातचीत चल रही है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से भी उनके अच्छे संबंध हैं.
मुकुल ने कहा कि नारदा और सारधा मामले में पार्टी की कोई भूमिका नहीं है. जो भी आरोपी हैं, व्यक्तिगत रूप से इसमें शामिल हैं. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने लगातार आठ घंटे तक उनसे पूछताछ की. पूरी जानकारी ली. कहा, ‘मैंने देश के कानून का सम्मान किया. किसी भी जांच एजेंसी को सहयोग करने के लिए हमेशा तैयार हूं.’
उन्होंने तृणमूल नेता पार्थ चटर्जी को फिर बच्चा लड़का कहकर उनकी चुटकी ली. कहा कि उनको इतिहास के बारे में कुछ नहीं मालूम. वहीं, पार्थ चटर्जी ने कहा कि मुकुल रॉय का कोई जनाधार नहीं है. अच्छा हुआ पार्टी से चले गये. अब तृणमूल कांग्रेस के लोग चैन की सांस लेंगे.
उधर प्रदेश कांग्रेस नेता अधीर रायचौधरी ने कहा है कि मुकुल राय का पार्टी छोड़ना तृणमूल कांग्रेस के लिए एक जख्म जैसा है. समय के साथ यह जख्म नासूर बन जायेगा. मुकुल के तृणमूल कांग्रेस और राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने के मसले पर कांग्रेस नेता ने तृणमूल पर कटाक्ष किया. उन्होंने उम्मीद जतायी कि भविष्य में और कई बड़े नेता तृणमूल कांग्रेस छोड़ देंगे.
अधीर ने कहा कि मुकुल के पार्टी छोड़ने के बाद तृणमूल कांग्रेस के पर्दे के पीछे के कई राज खुलेंगे. मुकुल राॅय के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना से संबंधित प्रश्न पर श्री चौधरी ने कहा कि यदि वह पार्टी में आने की इच्छा जताते हैं, तो इस पर फैसला पार्टी नेतृत्व ही लेगा. रही बात मुकुल राॅय से उनकी मुलाकात की, तो वह औपचारिक थी. मुकुल से उनके घरेलू संबंध हैं. कांग्रेस में शामिल होने के मुद्दे पर उन दोनों में कोई चर्चा नहीं हुई.