भोपाल 26 अक्टूबर । पूर्व विधायक पारस सकलेचा ने मप्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया है कि एमपी में कॉलेज छात्रों को दिए जा रहे स्मार्ट फोन मामले में लगभग 80 करोड़ रूपये का घोटाला किया गया है। यह घोटाला ईओडब्ल्यू के पाले में पहुंच गया है।
आरटीआई कार्यकर्ताओं के एक संगठन विचार मध्यप्रदेश की कोर समिति ने ईओडब्ल्यू में स्मार्ट फोन घोटाले में हुई आर्थिक अनियमितता की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है। साल 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने यूथ को पार्टी से जोड़ने के लिए सभी सरकारी कॉलेजों के छात्रों को स्मार्टफोन देने की घोषणा की थी।
पारस सकलेचा ने कहा कि घोषणा पूरी करने की बात आई तो आउट डेटेड स्मार्टफोन बांटे गए। जिन पर ऑपरेटिंग सिस्टम के नए वर्जन और एप्स ठीक से नहीं चल सकते हैं। विचार मध्यप्रदेश की कोर कमेटी के सदस्य गिरजा शंकर शर्मा, पारस सकलेचा, अक्षय हुंकाए, विनायक परिहार तथा विक्रांत राय ने आरोप लगाया कि जिस कार्वे डेटा मैनेजमेंट कंपनी को यह टेंडर दिया गया है। वह टेंडर की शर्तों को पूरा ही नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि जिस चीनी कंपनी फोर स्टार इंडस्ट्री लिमिटेड को 200 करोड़ सालाना टर्नओवर की कंपनी बताया जा रहा है। उस कंपनी का कोई पता ही नहीं है। यहां तक कि उसकी कोई वेबसाइट भी नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने केवल नाम के लिए घोषणा पूरी कर वाहवाही लूटी है। आरटीआई में जो जानकारी सामने आई हैए उससे स्पष्ट है कि प्रदेश सरकार ने इस घोषणा के माध्यम से छात्रों को नहींए बल्कि चंद लोगों को फायदा पहुंचाया है।
कोर कमेटी का कहना है कि पौने 4 लाख स्मार्ट फोन का टेंडर बंद हो चुकी कंपनी को दे दिया। जब छात्रों ने स्मार्ट फोन की शिकायत की तो कुछ दिनों के लिए स्मार्ट फोन वितरण पर रोक लगा दी गई। लेकिन कुछ समय बाद फिर कॉलेज छात्रों को स्मार्ट फोन बंटना शुरू हो गए और सरकार ने 31 अक्टूबर तक सभी कॉलेजों में स्मार्ट फोन बांटने के आदेश दे दिए। अब कॉलेजों में 75 फीसदी अटेंडेंस वाले छात्रों को ही स्मार्ट फोन दिए जा रहे हैं। कोर ग्रुप का कहना है कि ईओडब्ल्यू से संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई तो वह कोर्ट में वाद भी दायर करेंगे।