उज्जैन 06 मई। मध्य प्रदेश पाटीदार समाज महिला संगठन के प्रान्तीय महिला महाधिवेशन में राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल शामिल हुईं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समाज में अच्छे काम कभी भी निरर्थक नहीं होते हैं। समाज में फैली कुरीतियों को दूर किया जाकर समाज के हित में अच्छे काम किये जाने चाहिये, जिससे समाज परिवार का विकास हो सके। माताएं अपने स्वास्थ्य का अधिक से अधिक खयाल रखें। अपनी बेटियों को पौष्टिक आहार दें एवं वर्ष में एक बार उनका हिमोग्लोबिन का परीक्षण करायें, ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी कुपोषण की शिकार न हो।
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की बात कहते हुए राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि हर परिवार में बेटा-बेटी एकसमान होने चाहिये। जिस तरह से बेटों को पढ़ाया जाता है, उन पर अधिक ध्यान दिया जाता है, ठीक उसी प्रकार बेटियों को भी खूब पढ़ायें और उनका भी बेटे के समान ही अधिक ध्यान रखें।
राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने कहा कि बच्चे के शारीरिक विकास में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। स्वस्थ बच्चे होंगे तो परिवार का विकास संभव है। माताएं अपने बच्चों को आठ वर्ष तक की आयु तक अच्छे संस्कार दें। समाज में कुप्रथाओं को समाप्त करना चाहिये। हम सबको मिलकर समाज हित में अच्छा काम करना चाहिये। विवाह में अधिक धनराशि न व्यय करें। कम खर्चे एवं कम लोगों को बुलाकर विवाह संस्कार पूर्ण किया जाना चाहिये। इसी प्रकार कार्यक्रम में पुरूष के पहले महिलाओं को भोजन कराया जाना चाहिये, क्योंकि उनके साथ बच्चे रहते हैं। विवाह आदि कार्यक्रमों में पैसे की बर्बादी न की जाये। कम खर्च में ही कार्यक्रम सम्पन्न कराये जायें। बचत राशि से बेटे-बेटियों को पढ़ाई और काम-धंधे में लगाया जाये, ताकि परिवार समाज का विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि समाज में घूंघट प्रथा भी बन्द होना चाहिये। महिलाएं अपने बड़ों का सम्मान अनिवार्य रूप से करें। महिलाएं अपने अधिकार को पहचानें। राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा कि आज वर्तमान में लड़के की संख्या में लड़कियों का अनुपात कम हो रहा है। इस खाई को पाटना होगा। कोई भी महिला गर्भपात न कराये। ऐसा करना कानूनी रूप से अपराध है। सोनोग्राफी जैसी आधुनिक मशीनें इसलिये आईं कि मां के गर्भ में पलने वाला शिशु स्वस्थ है या नहीं, की जांच की जा सके, लेकिन इसका आज वर्तमान में कई लोग दुरूपयोग कर रहे हैं, जबकि यह गैर-कानूनी है।
राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल ने उपस्थित महिला जन-समुदाय से कहा कि अपने परिवार समाज में बाल विवाह जैसी कुरीति से बचना चाहिये। वयस्क होने पर ही बालक-बालिका का विवाह सम्पन्न कराया जाना चाहिये। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं अपने भतीजे की कम उम्र में होने वाली शादी को रूकवाया था। अच्छे काम में थोड़ी तकलीफ जरूर आती है, परन्तु अच्छे काम करते रहना चाहिये। समाज में सुख-समृद्धि आये इसके लिये हम सबको मिलकर संकल्प लेकर अच्छे काम के लिये आगे बढ़ते रहना चाहिये।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में म.प्र.पाटीदार समाज महिला संगठन के प्रान्तीय महाधिवेशन में प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा पाटीदार ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि समाज में फैली कुप्रथाओं को दूर करना है। इसीलिये यह महिलाओं का महाधिवेशन बुलाया गया है। बेटियों को बोझ न मानकर उन्हें अच्छी शिक्षा देकर खूब पढ़ायें, ताकि समाज का अपने आप विकास हो सके।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश शासन इस सम्बन्ध में महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी अनेकों योजनाएं लागू कर महिलाओं के कल्याण के लिये कार्य कर रहा है। हमें उसका लाभ लेना चाहिये।
प्रान्ताध्यक्ष श्रीमती पुष्पा पाटीदार ने उपस्थित समस्त महिलाओं से संकल्प दिलवाया है कि “हम सब महिलाएं मिलजुल कर समाज में मृत्युभोज नहीं करना, शादी के पूर्व टीका प्रथा बन्द करना, गोदभराई रस्म, महंगे उपहार न देना, मामेरा प्रथा बन्द करना, समाज में अन्य कार्यक्रमों में होने वाले बड़े खर्चों को कम करना, घूंघट प्रथा बन्द करना, मात्र सर पर पल्लू रखना और बड़ों का सम्मान करना, जल बचाना, अधिक से अधिक पेड़ लगाना और स्वच्छता बनाये रखने के कार्य करेंगी।” उन्होंने कहा कि समाज में फैली रूढ़िवादिता को समाप्त करना ही महिला संगठन का मुख्य ध्येय है।
कार्यक्रम में जिला पंचायत रतलाम की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती निर्मला शंकर पाटीदार, गुजरात प्रान्त की साबरमती अहमदाबाद की पूर्व विधायक श्रीमती गीताबेन पटेल तथा पूर्व प्रान्ताध्यक्ष और जिला पंचायत इन्दौर की अध्यक्ष सुश्री कविता पाटीदार ने भी अपने-अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में फैली कुप्रथाओं को समाप्त किया जाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर महिलाएं चल रही हैं।
इन्होंने कहा कि बच्चों की प्रथम गुरू माताएं होती हैं, इसलिये माताएं अपने बच्चों को संस्कारवान बनायें और बेटे और बेटियों को खूब पढ़ायें। इनमें किसी भी प्रकार का अन्तर या भेदभाव न रखा जाये। हमारा आचरण और व्यवहार समाज में अच्छा होना चाहिये। समाज में बदलाव लाने के पूर्व हमें अपने आपको भी बदलना होगा, तभी समाज में फैली कुरीतियां दूर होंगी।
कार्यक्रम के शुभारम्भ अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल एवं अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में महिला संगठन के द्वारा प्रकाशित पुस्तक कल्याणी का विमोचन किया गया।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री मनीष सिंह, पुलिस अधीक्षक श्री सचिन अतुलकर, अपर कलेक्टर श्री बसन्त कुर्रे, एडीएम श्री जीएस डाबर, जिला पंचायत बुरहानपुर की अध्यक्ष श्रीमती गायत्री पाटीदार, इन्दौर की समाजसेवी एवं शक्ति पम्प इंडिया की संचालिका श्रीमती इंदिरा पाटीदार, कृषि उपज मंडी भोपाल के अध्यक्ष श्रीमती श्यामा भागीरथ पाटीदार, बुरहानपुर की पूर्व महापौर नगर निगम श्रीमती माधुरी अतुल पटेल, अहमदाबाद गुजरात के ओमिया कैम्पस की प्रोफेसर श्रीमती रूपलबेन पटेल, मां-बेटी सम्मेलन की प्रणेता श्रीमती जागृतिबेन पटेल, बदनावर की समाजसेवी श्रीमती श्यामगिरी पाटीदार, दूर-दराज से आये पाटीदार समाज के महिला-पुरूष उपस्थित थे।attacknews.in