भोपाल, 21 मार्च : विपक्षी पार्टी कांग्रेस के विधायकों के भारी हंगामे और शोरगुल के चलते मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र अपने निर्धारित समय से सात दिन पूर्व ही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया गया।
विपक्षी कांग्रेस के सदस्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के मंत्री रामपाल सिंह के पुत्र से विवाह करने वाली 28 वर्षीय एक युवती द्वारा कुछ दिन पहले खुदकुशी किये जाने के मामले में स्थगन प्रस्ताव के जरिये बहस कराने की मांग कर रहे थे। कल से कांग्रेस द्वारा की जा रही इस मांग के चलते विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के बीच तेज आवाज में आरोप प्रत्यारोप लगाये गए जिससे हंगामें की स्थिति बनी । इसके कारण आज भी कई दफा सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
अंतत: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरण शर्मा ने पुनरीक्षित कार्यसूची के अनुसार सदन में बजट सत्र की आने वाली दिनों की कार्यवाही बिना चर्चा के पूरी करते हुए विधानसभा के सत्र को निर्धारित अवधि से सात दिन पहले ही आज अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया।
सुबह प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक आरिफ अकील और राम निवास रावत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा एक युवती द्वारा खुदकुशी करने के गंभीर मामले पर दिये गये स्थगन प्रस्ताव पर सदन में चर्चा करायी जानी चाहिये। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि मामला प्रश्नकाल के बाद लिया जा सकता है। इसे अनसुना करते हुए सत्ता पक्ष भाजपा और विपक्ष कांग्रेस के विधायक आपस में सीधे छींटाकशी करने लगे। प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष का एक मात्र उद्देश्य सदन की कार्यवाही नहीं चलने देना। कांग्रेस के कई विधायक आसंदी के सामने खड़े होकर जोर से बोलने लगे।
इस पर हंगामा बढ़ते देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही चार दफा स्थगित की।
सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने पर कांग्रेस के विधायक आसंदी के सामने खड़े होकर नारे लगाने लगे और हंगामे के कारण अध्यक्ष ने आगामी दिनों के कार्यो को आज की कार्यसूची में शामिल करते हुए बजट प्रस्ताव को बिना चर्चा के पारित कराया और विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दिया।
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डॉ गोविन्द सिंह तथा राम निवास रावत ने विधानसभा अध्यक्ष पर सत्तापक्ष के दबाव में काम करने का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष डॉ शर्मा के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव का संकल्प विधानसभा के प्रमुख सचिव को प्रस्तुत किया और बाद में उसकी प्रति मीडिया को जारी की।
कांग्रेस सदस्यों ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदन का संचालन निष्पक्षता से न करके संसदीय कार्यमंत्री के निर्देश एवं सरकार के दबाव में किया जा रहा है।attacknews.in