नयी दिल्ली, सात मार्च। बिजली मंत्री आर के सिंह ने आज कहा कि ईईएसएल कल 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिये निविदा जारी करेगी। उन्होंने उद्योग को इस क्षेत्र में निवेश करने और विनिर्माण को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।
कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के तहत सरकार ने 2030 तक सभी वाहनों को बिजली से चलाने का लक्ष्य रखा है।
बिजली मंत्रालय के अधीन आने वाली एनर्जी इफीशिएंसी सर्विसेज लि. (ईईएसएल) इससे पहले पिछले साल 10,000 वाहनों की ई-निवदा जारी की थी।
राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए सिंह ने यहां कहा, ‘‘भविष्य इलेक्ट्रिक वाहनों का है। कच्चे तेल के आयात पर देश को अरबों डालर खर्च करने करते होते हैं। पिछले साल 10,000 इलेक्ट्रिक का की सफल निविदा के बाद केंद्र और राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों में ई-वाहनों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिये ईईएसएल 10,000 इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये कल नई निविदा जारी करेगी।’’
उन्होंने उद्योग से क्षेत्र में निवेश और विनिर्माण के लिये आह्वान करते हुए कहा, ‘‘भारत एक बड़ा बजार है। जो भी पहले क्षेत्र में आएगा, उसे लाभ होगा। उद्योग को जो भी सहायता की जरूरत होगी, सरकार उपलब्ध कराएगी।’’
इलक्ट्रिक वाहनों की लाभ की बात की जाए तो जहां पेट्रोल-डीजल वाहनों पर खर्चा साढ़े छह रुपये प्रति किलोमीटर बैठता है वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में यह लगभग 85 पैसे है। कुल 20,000 इलेक्ट्रिक वाहनों से देश में हर साल 5 करोड़ लीटर ईंधन की बचत होगी और फलत: 5.6 लाख टन सालाना सीओ-2 उत्सर्जन में कमी आएगी।
इस मौके पर सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में श्रम शक्ति भवन स्थित बिजली मंत्रालय में इलेक्ट्रिक वाहन तथा चार्जिंग स्टेशनों का उद्धघाटन भी किया।
बिजली मंत्रालय में संयुक्त सचिव अनिरूद्ध कुमार ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग एवं अन्य बातों को लेकर जो भी संदेह है, उसे जल्दी ही दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण चार्जिंग, मानकों आदि के बारे में इस माह के अंत तक मानदंडों को जारी करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्जिंग करने का शुल्क छह रुपये से कम होगा।attacknews.in
इस मौके पर बिजली सचिव अजय भल्ला ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाकर न केवल देश में ‘मेक इन इंडिया’ के तहत विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा बल्कि सहायक उद्योग के लिये भी बाजार सृजित होगा।’’
ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने कहा, ‘‘विभिन्न राज्यों से इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है। आंध्र प्रदेश, गुजरात तथा दूसरे राज्यों एवं रेलवे समेत अन्य विभागों को इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति करने के लिये हमने समझौता किया है।’’
सिंह ने ईईएसएल के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि अबतक 29 करोड़ एलईडी बल्ब, 50 लाख से अधिक स्ट्रीट लाइट, 52 लाख ट्यूलाइट बदलें गये हैं जिससे 8,000 मेगावाट बिजली की बचत हुई है।attacknews.in