नयी दिल्ली, 17 फरवरी । साख निर्धारण और बाजार अनुसंधान कंपनी मूडीज इनवेस्टर्स सर्विस ने 2020 के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले इसके 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था।
मूडीज ने वैश्विक आर्थिक परिदृश्य पर अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था में पिछले दो साल में सुस्ती आयी है। हालांकि चालू तिमाही में आर्थिक गति सुधने की उम्मीद है।
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि वृद्धि सुधरने की गति पहले के अनुमान से धीमी होगी। इसी लिए हमने 2020 की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमानघटाकर 5.4 प्रतिशत और 2021 का 5.8 प्रतिशत कर दिया है। यह हमारे 2020 और 2021 के बारे में पहले के क्रमश: 6.6 प्रतिशत और 6.7 प्रतिशत के अनुमान से कम है।’’
अनुमान कैलेंडर वर्ष पर आधारित हैं। भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2019 में 5 प्रतिशत रही।
मूडीज ने कहा है कि कमजोर अर्थव्यवस्था और कर्ज वृद्धि में नरमी का एक-दूसरे पर प्रतिकूल असर है। ‘‘ऐसे में आर्थित गति तेजी से सुधरने का अनुमान लगाना कठिन है…।’’
राजकोषीय मोर्चे पर उठाये गये कदम के बारे रिपोर्ट में कहा गया है कि मांग में नरमी से निपटने के लिये केंद्रीय बजट में ठोस प्रोत्साहन उपाए नहीं किये गये हैं। ‘‘ अन्य देशों के समान प्रकार के नीतगत उपायों के अनुभवों से यही पता लगा है कि जब लोग जोखिम से बचने के मूड में हो जाते हैं तो करों में कटौती से उपभोग और निवेश व्यय में वृद्धि होने की संभावना कम ही रहती है।’’
मूडीज ने कहा कि उसे रिजर्व बैंक की तरफ से नीतिगत दर में नरम रुख की उम्मीद है। हालांकि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगर ऊंची बनी रहती है तो केंद्रीय बैंक के लिये नीतिगत दर में कटौती चुनौतीपूर्ण होगी। खुदरा मुद्रास्फीति में मौजूदा तेजी का कारण खाद्य वस्तुओं के दाम में उछाल है।
वैश्विक वृद्धि के बारे में साख निर्धारित करने वाली एजेंसी ने कहा कि मूडीज कोरोना विषाणु के फैलने से इस साल वैश्विक वृद्धि में स्थिरता आने की उम्मीद धूमिल हुई है।
वैश्विक वृद्धि के अनुमान को कम किया गया है और मूडीज ने जी-20 देशों की आर्थिक वृद्धि 2020 में 2.4 प्रतिशत और 2021 में 2.8 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी है।
वहीं चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2020 में 5.2 प्रतिशत और 2021 में 5.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है।