उदयपुर 01 अप्रेल । राजस्थान में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने कतिपय छात्र नेताओं की मांग पर सात करोड़ के घोटालों एवं अनियमितताओं की जांच के लिए एसीबी और एसओजी जांच के लिए सरकार से अनुशंसा की है।
प्रो सिंह ने बताया कि स्पोर्ट्स बोर्ड में विभिन्न लोगों की भर्ती प्रक्रिया और वहां की गई वित्तीय अनियमितताओं की भी पड़ताल की जाएगी।
परीक्षा विभाग में पूर्व कुलपति के कार्यकाल में हुई मार्कशीट घोटाले की एसीबी और एसओजी जांच की सिफारिश पहले ही की जा चुकी है।
इस मामले में अन्य कई तत्वों की लिप्तता भी सामने आई है, उनकी भी जांच की जाएगी।
कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि जांच में किसी भी प्रकार से दोषी पाए जाने पर सम्बंधित व्यक्ति के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि छात्र नेता नियमित तौर पर सात करोड़ के घोटालों के जांच की मांग कर रहे थे।
इसी पर संज्ञान लेते हुए प्रो सिंह ने उनके कार्यकाल से पूर्व की विभिन्न अनियमितताओं, गलत तरीके से हुई भर्तियों एवम नियम विरुद्ध प्रमोशन की जांच करवाई जाएगी।
इसके साथ ही पीएचडी में नियमों के खिलाफ हुए प्रवेश का मामला भी जांचा जाएगा।
विवाद तब गहराया था जब VC ने डीन की राज्यपाल-सीएम गहलोत से की थी शिकायत:
यह मामला 22 सितम्बर 2020 को गहराया था जब कुलपति अमेरिका सिंह ने आनंद पालीवाल पर विश्वविद्यालय को साढ़े सात करोड़ का नुकासन पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उन्हे सुधरने की हिदायत दे डाली।
दरअसल, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के नव नियुक्त कुलपति प्रो अमेरिका सिंह ने लॉ कॉलेज के डीन और एबीवीपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पास से दो महत्वपूर्ण दायित्व को ले लिया।कुपलति ने डीन पालीवाल को विश्वविद्यालय के लीगल एडवाइजर के साथ क्रीड़ा परिषद के अध्यक्ष पद से हटा दिया।जिसके विरोध में एबीवीपी के छात्रों ने वीसी निवास के बाहर प्रदर्शन किया।
इसके बाद कुलपति सिंह ने आनंद पालीवाल पर विश्वविद्यालय को साढ़े सात करोड़ का नुकासन पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उन्हे सुधरने की हिदायत दे डाली।
यही नहीं, कुलपति सिंह ने छात्रा के सहयोग से उन पर दबाव बनाने का आरोप भी मढ़ दिया।साथ ही कुलपति ने डीन आनंद पालीवाल के खिलाफ राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायती पत्र भी लिखा।
वहीं, अपने उपर लगे गंभीर आरोपों के बाद लॉ कॉलेज के डीन डॉ आनंद पालीवाल खुलकर मीडिया के सामने आए।प्रो पालीवाल ने वीसी को मार्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने की नसीहत दे डाली।उन्होने कहा कि अगर वीसी उन पर लगे आरोपों को साबित कर दें तो वे सहर्ष अपने पद से इस्तीफा दे देगें और अगर वे इसे साबित नहीं कर सके तो खुद पद छोड़ दें।
पालीवाल ने कहा था कि उनके उपर जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे बेबुनियाद है और वे खुद किसी भी स्तर की जांच के लिए तैयार हैं. यही नहीं, उन्होने इस पूरे षड़यंत्र के पीछे कला महाविद्यालय के दो प्रोफेसर्स के शामिल होने की आशंका जाहिर की और इसके लिए वे जल्द ही शिकायत भी दर्ज करवाएंगे।
बता दें कि यह को पहला मौका नहीं है जब विश्वविद्यालय के अंदर का विवाद बाहर आया है।पूर्व में भी इस तरह के विवाद विश्वविद्यालय के गेट से बाहर आए हैं. जिससे उदयपुर संभाग के सबसे बड़े और ए ग्रेड प्राप्त कर चुके विश्वविद्यालय की साख पर कलंक लगा है. साथ ही विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों को भी प्रभावित किया है. ऐसे में देखना होगा कि इस बार यह विवाद कहां तक पहुंचता है।