नयी दिल्ली , नौ मई ( भाषा ) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति तारिक मंसूर ने आज यहां गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
कुलपति ने विश्वविद्यालय परिसर में मोहम्मद अली जिन्ना की लगी तस्वीर को लेकर उठे विवाद के बीच प्रतिष्ठित शैक्षिणक संस्थान से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक के बारे में एक अधिकारी ने बताया कि सिंह ने विश्वविद्यालय में सामान्य स्थिति बनाए रखने के लिए मंसूर को केन्द्र सरकार से सभी सहायता मुहैया कराने का आश्वासन दिया।
मंसूर ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि बैठक लंबे समय से तय थी और इसका वर्तमान विवाद से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने बताया , ‘‘ मैने गृह मंत्री से इंजीनियरिंग सेवा जैसे केन्द्रीय सेवाओं में छात्रों की भर्ती के लिए केन्द्र सरकार के अधिकारियों को भेजने का अनुरोध किया। ’’
कुलपति ने कहा कि एएमयू छात्र संघ के कार्यालय में 1938 से पाकिस्तान के संस्थापक की तस्वीर लगी हुयी है अैर यह कोई मुद्दा नहीं है।
भाजपा सांसद सतीश गौतम ने मंसूर को पत्र लिख कर तस्वीर पर आपत्ति व्यक्त की थी। इस मुद्दे को लेकर वहां हिंसा हुयी और 12 मई की परीक्षा रद्द कर दी गयी थी। इस सिलसिले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है।
कुलपति ने कल इस मुद्दे को लेकर धरने पर बैठे छात्रों को वापस जाकर पढ़ाई करने की नसीहत दी थी।
एक खुले पत्र में उन्होंने उनसे ‘ कुछ ताकतों के जाल में नहीं फसंने का अनुरोध किया जो हमारे संस्थान की छवि को नष्ट करने पर आमदा हैं और आपके उज्जवल भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। ’’
विश्वविद्यालय ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ बातचीत के लिए संकाय के वरिष्ठ सदस्यों की 16 सदस्यीय एक समन्वय समिति गठित की है।
नारेबाजी करते हुये परिसर में घुस आये दक्षिणपंथी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के दौरान दो मई को पुलिस के साथ हुये एक संघर्ष के बाद एएमयू के अनेक छात्र अनिश्चितकालीन ‘ धरना ’ पर बैठे हुये हैं।
वे ‘ पुलिस की निष्क्रियता ’ और भाजपा के सांसद द्वारा चित्र पर आपत्ति जताये जाने के बाद जिस तरह से विवाद उत्पन्न हुआ उसकी न्यायिक जांच कराने की मांग कर रहे हैं
कुलपति की अपील:
इधर बैठक से पहले अलीगढ़ में मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति तारिक मंसूर ने जिन्ना तस्वीर प्रकरण को लेकर परिसर में धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं से आज कहा कि वे एएमयू की छवि बिगाड़ने की कोशिश करने वालों की साजिश से बचें और अपनी पढ़ाई का नुकसान ना करें।
हालांकि उनके इस आह्वान को छात्रसंघ ने अनसुना कर दिया है।
कुलपति ने छात्र-छात्राओं को लिखे खुले पत्र में उनसे आग्रह किया कि वे एएमयू की छवि बर्बाद करने की जुगत में लगी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य से खिलवाड़ कर रही शक्तियों के जाल में नहीं फसें। उन्होंने पत्र में यह भी कहा कि छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें, क्योंकि परीक्षाएं नजदीक हैं।
एएमयू में विभिन्न पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं आगामी 12 मई को शुरू हो रही हैं।
हालांकि एएमयू छात्रसंघ ने कुलपति की इस अपील को ठुकराते हुए स्पष्ट किया कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने तक धरना जारी रहेगा।
छात्रसंघ के अध्यक्ष मशकूर उस्मानी ने कहा कि उनकी तीन ही प्रमुख मांगें हैं। पहली, गत दो मई को एएमयू में हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं द्वारा की गयी हिंसा की न्यायिक जांच करायी जाए। दूसरी, उन कार्यकर्ताओं पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की तामील की जाए और तीसरी, उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई हो, जिन्होंने एएमयू के छात्रों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया था।
ज्ञातव्य है कि एएमयू के यूनियन हॉल में पाकिस्तान के ‘कायद-ए-आजम’ मुहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर गत दो मई को हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने विश्वविद्यालय परिसर में हंगामा किया था। अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एएमयू के छात्रों को तितर-बितर करने के लिये पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस घटना में कई छात्र जख्मी हो गये थे।
उसके बाद से एएमयू की छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय के बाब-ए-सैयद गेट पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका कहना है कि मांगें पूरी नहीं होने तक उनका धरना जारी रहेगा।attacknews.in