नयी दिल्ली 03 जून । अरूणाचल प्रदेश में लापता वायु सेना के ए एन-32 परिवहन विमान
का अभी तक पता नहीं चला है और सेना तथा अन्य एजेन्सियों के बाद अब नौसेना भी दिन-रात चलाये जा रहे तलाशी अभियान में शामिल हो गयी है।
वायु सेना ने कहा है कि विमान का पता लगाने के लिए दिन-रात अभियान चलाया जा रहा है और खराब मौसम से निपटते हुए विमान का पता लगाने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
इस बीच विमान में सवार सभी वायु सैनिकों के परिजनों को घटना के बारे में पूरी जानकारी दे दी गयी है और उन्हें विमान का पता लगाने के लिए चलाये जा रहे अभियान की ताजा जानकारी से भी अवगत कराया जा रहा है।
तलाशी अभियान में परिवहन विमान सी-130 , ए एन-32 , एम आई -17 हेलिकॉप्टरों और सेना के हेलिकॉप्टरों के साथ साथ नौसेना को भी लगाया गया है।
नौसेना के अनुसार उसके टोही विमान पी 8आई ने आज दोपहर तमिलनाडु स्थित नौसेना के वायु सैनिक अड्डे आईएनएस रजाली से उडान भरी। यह विमान वायु सेना के परिवहन विमान की तलाश के लिए जोरहाट और मेचुका के बीच उडान भरेगा। पी-8आई विमान विशेष रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल तथा इन्फ्रा रेड सेंसर से लैस है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के उपग्रह कार्टोसेट तथा रिसेट भी दुर्घटना के संभावित क्षेत्र की लगातार तस्वीरें ले रहे हैं।
ए एन-32 विमान ने सोमवार को दिन में 12 बजकर 25 मिनट पर असम के जाेरहाट से अरुणाचल प्रदेश के पश्चिमी सियांग जिले स्थित मेचुका एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के लिए उडान भरी थी। एक बजे के करीब इस विमान का नियंत्रण कक्ष और अन्य एजेन्सियों से संपर्क टूट गया। विमान में चालक दल के आठ सदस्य और पाँच अन्य यात्री सवार हैं।
वायु सेना ने विमान से संपर्क टूटने और इसके गंतव्य तक नहीं पहुँचने पर उसकी तलाश के लिए जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी।
ए एन-32 विमान का सबसे भयानक हादसा 22 जुलाई 2016 में हुआ था। चेन्नई के ताम्बरम हवाई अड्डे से उडान भरने वाला वह विमान पश्चिम बंगाल की खाड़ी के उपर उडान के दौरान लापता हो गया था। इस विमान में 29 लोग सवार थे और इसके बारे में बाद में कोई सुराग नहीं मिला।
दस वर्ष पहले 2009 में भी अरूणाचल प्रदेश में भी एक ए एन-32 विमान लापता हो गया था। उस विमान में भी 13 लोग सवार थे। वर्ष 1999 में दिल्ली में ए एन-32 विमान दुर्घटना में 21 लोगों की मौत हो गयी थी। attacknews.in