नयी दिल्ली 04 सितम्बर । सेना में सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर चल रही बहस के बीच सेना प्रमुख जनरल रावत ने कहा है कि बदलती परिस्थितियों में सेना को सोशल मीडिया से वंचित नहीं किया जा सकता बल्कि सेना को इसे दुश्मन के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना होगा।
‘सोशल मीडिया और सशस्त्र सेनाएं’ विषय पर मंगलवार को यहां आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि ये सोशल मीडिया का जमाना है और सेनाओं को इससे वंचित नहीं किया जा सकता। दुश्मन भी मनोवैज्ञानिक लड़ाई के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता है तो हमें भी इसे दुश्मन के खिलाफ हथियार बनाना होगा। सोशल मीडिया का फायदा उठाने के तरीके अपनाने होंगे।
उन्होंने कहा कि यह सलाह दी गयी है कि जवानों को सोशल मीडिया से दूर रखा जाये।
उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा, “ क्या यह संभव है, ऐसा किया जा सकता है, जवानों को स्मार्ट फोन से वंचित किया जा सकता है।”
इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जब इसे रोका नहीं जा सकता तो इसे इस्तेमाल करने के तरीके सुझाये जाने चाहिए और इसका फायदा उठाया जाना चाहिए। जवानों को जागरुक करना होगा कि स्मार्ट फोन और सोशल मीडिया का इस्तेमाल किस तरह से किया जाना है।
जनरल रावत ने कहा, “ मौजूदा दौर की लड़ाई में ‘सूचना युद्ध’ महत्वपूर्ण है। अब आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस की बात चल रही है। यदि हमें इसका फायदा उठाना है तो हमें सोशल मीडिया के मैदान में उतरना ही होगा। छद्म युद्ध और आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल जरूरी बन गया है। सेना ने सोशल मीडिया के बारे में अध्ययन कराया है और पता चला है कि सोशल मीडिया सेना का अभिन्न हिस्सा बन गया है। ”
उन्होंने कहा कि सेना ने जवानों को सोशल मीडिया के बारे में जागरुक बनाने और उसके इस्तेमाल के बारे में बताने के लिए अपनी एक एप ‘अरमान’ भी बनायी है।attacknews.in