नयी दिल्ली 25 अक्टूबर । चुनाव आयोग के संसाधनों के तौर पर तैयार होने के बावजूद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना 2019 में पूरा होता तो नहीं दिखता लेकिन 2024 से यह व्यवस्था दो चरणों में लागू होने के आसार हैं।
चुनाव आयोग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सितंबर 2018 में आयोग के पास आवश्यक संसाधन के रूप में करीब 28 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और इतनी ही वीवीपीएटी मशीनें आ जाने की संभावना है जिसके बाद लोकसभा एवं सभी विधानसभा चुनाव एक साथ कराना संभव हो सकेगा।
वर्तमान में लोकसभा एवं चार विधानसभा चुनाव एक साथ कराने में आयोग को 1.10 करोड़ कर्मचारियों की ज़रूरत पड़ती है।
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