भरतपुर 22 जुलाई । राजस्थान में भरतपुर के डीग कस्बे में 35 वर्ष पहले हुए बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्या कांड में उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक अदालत ने आज एक पूर्व पुलिस उपाधीक्षक सहित ग्यारह लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
मथुरा की जिला एवं सेशन कोर्ट जज साधना रानी ठाकुर ने मंगलवार को इस मामले में डीग के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक कान सिंह भाटी और थाना प्रभारी वीरेन्द्र सिंह सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया था और आज इन दोषियों को सजा सुनाई। इनके अलावा आरएसी के तत्कालीन हेड कांस्टेबल जीवाराम, भंवर सिंह, कांस्टेबल हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, एसआइ रवि शेखर को यह सजा सुनाई गई है।
अदालत ने भरतपुर पुलिस लाईन के तत्कालीन हेड कांस्टेबल हरी किशन, कांस्टेबल गोविन्द प्रसाद, इंस्पेक्टर कान सिंह सिरबी पर जीडी में फेरबदल करने का आरोप साबित नहीं होने के बाद मामले से बरी कर दिया।
गौरतलब है कि 20 फरवरी 1985 को विधानसभा चुनाव के दौरान डीग किले से पूर्व राजपरिवार के ध्वज हटाने को लेकर पुलिस तथा मानसिंह के बीच हुए विवाद में पुलिस फायरिंग में मानसिंह तथा उनके सहयोगी सुमेरसिंह और हरिसिंह की मौत हो गयी थी। मामले के राजनीतिक तूल पकड़ने पर जांच का काम केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौपने के साथ मामले की सुनवाई उत्तरप्रदेश में मथुरा के जिला एवं सेशन कोर्ट को सुपुर्द की गई थी।
श्री मानसिंह की पुत्री एवं पूर्व मंत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने दोषियों को सजा सुनाये जाने पर खुशी जताई है।
कल दिये गये थे मानसिंह हत्या कांड मामले में ग्यारह पुलिसकर्मी दोषी करार
कल आये फैसले में राजस्थान में भरतपुर के कस्वा डीग में 35 साल पहले हुए बहुचर्चित राजा मानसिंह हत्या कांड में उत्तर प्रदेश के मथुरा की एक अदालत ने 11 पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया जबकि तीन लोगों को बरी कर दिया था ।
मथुरा की जिला एवं सेशन कोर्ट जज साधना रानी ठाकुर ने मामले में भरतपुर के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक कान सिंह भाटी, एसएचओ डीग वीरेंद्र सिंह, सुखराम, आरएसी के हेड कांस्टेबल जीवाराम, भंवर सिंह, कांस्टेबल हरी सिंह, शेर सिंह, छत्तर सिंह, पदमाराम, जगमोहन, एसआइ रवि शेखर को दंड संहिता की धारा 148, 149, 302 के तहत दोषी करार दिया था ।