Home / राजनीति / ममता बनर्जी 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाएगी Attack News 
ममता बनर्जी

ममता बनर्जी 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाएगी Attack News 

कोलकाता, 24 नवंबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को इस बात की ओर पर्याप्त रूप से इशारा किया कि वह 2019 लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने के लिए खुद पहल करने से नहीं हिचकेंगी।

तृणमूल कांग्रेस मुखिया ने सामूहिक नेतृत्व पर भी जोर दिया और मोदी सरकार को विश्वासयोग्य चुनौती पेश करने के लिए विपक्ष के लगातार एक साथ काम करने पर जोर दिया।

ममता बनर्जी ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट में यह बात कही।

उन्होंने कहा, यह निर्भर करेगा… हम वैसे भी संसद में साथ काम कर रहे हैं। हम देखेंगे। मैं पटना में (राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख) लालू प्रसादजी के पास गई थी। मेरे (समाजवादी पार्टी अध्यक्ष) अखिलेशजी और (बसपा प्रमुख) मायावतीजी के साथ अच्छे संबंध हैं।

ममता ने 2019 चुनावों में महागठबंधन के बारे में पूछे जाने पर कहा, साथ ही, मेरे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के स्टालिन और ओडिशा में नवीन पटनायकजी के साथ अच्छे संबंध हैं। महाराष्ट्र में उद्धव मुझसे मिलने आए थे। मैंने कई अन्य लोगों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए हुए हैं। यहां तक की भाजपा में भी, मेरे कुछ के साथ अच्छे संबंध हैं लेकिन सबके साथ अच्छे संबंध नहीं हैं।

जब उन्होंने यह कहा कि सबके साथ अच्छे संबंध नहीं हैं तो कॉन्क्लेव में मौजूद सभी लोगों ने जोरदार ठहाका लगाया।

उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के संदर्भ में संभवत: ऐसा कहा था।

अगले आम चुनाव में विपक्षी दलों के साथ आने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई निजी एजेंडा नहीं है। जब भी लोग समस्याओं का सामना करते हैं, यह हमारा कर्तव्य है कि हम आवाज उठाएं। मैं सामूहिक नेतृत्व में विश्वास करती हूं। वर्तमान में, सभी (विपक्षी) साथ काम कर रहे हैं और यह सर्वोत्तम नीति है। हमें एकसाथ मिलकर काम करना चाहिए।

सामूहिक नेतृत्व के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि बंगाल में, कांग्रेस और वामपंथी दल भाजपा के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन, राष्ट्रीय स्तर पर, हम महसूस करते हैं कि हमें साथ मिलकर लड़ना चाहिए। हमलोग दूसरी पार्टियों के साथ भी काम कर रहे हैं।

धर्मनिरपेक्ष चैंपियन के रूप में देखे जाने के बावजूद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ उनकी बैठक पर प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा, पहले, मैं किसी से भी धर्मनिरपेक्षता पर सर्टिफिकेट नहीं लेना चाहती हूं क्योंकि यह मेरी जिंदगी है और इसे में अपने हिसाब से जी रही हूं। मैं उनकी आभारी हूं क्योंकि नोटबंदी के बाद जब हम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलने गए थे तो वह हमारे साथ थे।

उन्होंने कहा, उन लोगों ने (शिवसेना ने) नोटबंदी का विरोध किया था। हम उसे भूल नहीं सकते। इसलिए हम उनके साथ कार्य संबंध (वर्किं ग रिलेशनशिप) बनाए हुए हैं। अगर समान मुद्दा है, तो निश्चित ही हम साथ काम करेंगे।

बनर्जी ने नोटबंदी और जीएसटी को मोदी सरकार की सबसे बड़ी भूल बताया।

राहुल गांधी के कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष चुने जाने की प्रकिया शुरू होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है और मैं सोनिया गांधी और दिवंगत राजीव गांधी का काफी सम्मान करती हूं।

उन्होंने इस बारे में कोई साफ बात नहीं कही कि अगर राहुल गांधी के नेतृत्व में कोई व्यापक गठबंधन बनता है तो क्या वह उनके नेतृत्व में काम करेंगी। उन्होंने पलटकर कहा, मैंने आपको बताया (सामूहिक नेतृत्व पर)। उन्हें (राहुल गांधी को) काम करने दीजिए। आप मेरे विचार जानने के लिए मुझपर दबाव नहीं बना सकते। यह भविष्य पर निर्भर करेगा। हमलोग साथ काम कर रहे हैं। हमलोग 17-18 पार्टियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

बंगाल तक सीमित रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस पंजाब, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और झारखंड में इकाई की वजह से राष्ट्रीय पार्टी मानी जाती है।

उन्होंने कहा, बंगाल मेरी मातृभूमि है। हम सभी भारत को प्यार करते हैं। बंगाल मेरी शुरुआत है, मेरा अंत है। लेकिन, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हम राष्ट्रीय स्तर पर काम नहीं कर सकते। मैं 23 वर्षो से सांसद हूं। मैंने केंद्र में रेल और खेल मंत्रालय संभाला है। क्षेत्रीय राजनीति के बिना, कोई राष्ट्रीय राजनीति नहीं है।

उन्होंने कहा, मैं बंगाल को नहीं भूल सकती…लेकिन हम देश के लिए काम कर सकते हैं। पहले ही, मैं देश के लिए काम कर चुकी हूं। अगर क्षेत्रीय राजनीति मजबूत होगी, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीति मिलकर अच्छा काम कर सकती हैं।
उन्होंने राष्ट्रीय राजनीति को मजबूत बनाने के लिए क्षेत्रीय राजनीति को मजबूत करने पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री बनने की उनकी महत्वाकांक्षा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मुझे एक कम महत्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में आगे बढ़ने दीजिए।

लेकिन, बाद में उन्होंने कहा, बंगाल देश का नेतृत्व करेगा।

यह पूछे जाने पर कि बंगाल या बंगाली, उन्होंने कहा, बंगाल देश की अगुवाई करेगा।

पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा अपनी पहुंच बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा, बिलकुल भी ऐसा नहीं है। उन लोगों को उनके पार्टी के मामलो की चिंता करने दीजिए। मुझे नहीं लगता वे लोग बंगाल में अपना असर छोड़ पाएंगे। हमलोग 99 प्रतिशत हैं। वे लोग 1 प्रतिशत हैं। वे लोग सोचते हैं कि वे बांट कर शासन कर सकते हैं। लेकिन, यह स्वामी विवेकानंद, रविन्द्रनाथ टैगोर और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमि है। लोग उन्हें (भाजपा को) कभी स्वीकार नहीं करेंगे।attacknews

About Administrator Attack News

Dr.Sushil Sharma Admin/Editor

Check Also

लोकसभा चुनाव के पहले ही बिखर गया विपक्ष;राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति चुनाव से विपक्ष में उभरा मतभेद, कांग्रेस-टीएमसी में घमासान तेज attacknews.in

लोकसभा चुनाव के पहले ही बिखर गया विपक्ष;राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति चुनाव से विपक्ष में उभरा मतभेद, कांग्रेस-टीएमसी में घमासान तेज

राहुल गांधी ने अरुणाचल से एक लड़के के लापता होने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुज़दिल कहा attacknews.in

राहुल गांधी ने अरुणाचल से एक लड़के के लापता होने के मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुज़दिल कहा

महात्मा गांधी पर अपमानजनक टिप्पणी मामले में अब ठाणे पुलिस ने कालीचरण महाराज को किया गिरफ्तार attacknews.in

ठाणे (महाराष्ट्र), 20 जनवरी । महाराष्ट्र के ठाणे शहर की पुलिस ने महात्मा गांधी के …

Video:छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियो द्वारा ही मुस्लिम वोटरों को पक्का करने के लिए हिंदू धर्म सभा का आयोजन करके कालीचरण महाराज को षड्यंत्र से फंसा दिया;राहुल गांधी भी इसमें शामिल attacknews.in

छत्तीसगढ़ में कांग्रेसियो द्वारा ही मुस्लिम वोटरों को पक्का करने के लिए धर्म सभा का आयोजन करके कालीचरण महाराज को षड्यंत्र से फंसा दिया;राहुल गांधी भी इसमें शामिल

वाह रे लोकतंत्र! बिहार में मरने वाले उम्मीदवार ने जीता पंचायत चुनाव;अधिकारियों को तब पता चला जब वे जीतने का प्रमाणपत्र सौंपने के लिए आवाज लगाते रहे attacknews.in

वाह रे लोकतंत्र! बिहार में मरने वाले उम्मीदवार ने जीता पंचायत चुनाव;अधिकारियों को तब पता चला जब वे जीतने का प्रमाणपत्र सौंपने के लिए आवाज लगाते रहे