मुंबई, चार दिसम्बर । मालेगांव विस्फोट मामले में शुक्रवार को सुनवाई फिर से शुरू हुई और बचाव पक्ष के वकीलों ने उन गवाहों से जिरह की जो पंचनामे के समय मौके पर मौजूद थे और जिन्होंने वहां से बरामद दो मोटरसाइकिलों तथा पांच साइकिलों की पहचान की थी।
उन्होंने पिछले साल जुलाई में विशेष अदालत के समक्ष अपनी गवाही दर्ज की थी और तब से उनकी जिरह लंबित थी।
उत्तरी महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट एक मोटरसाइकिल पर बंधे विस्फोटकों में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गये थे।
पुलिस के अनुसार मौके से बरामद बाइकों में से एक भोपाल से भाजपा सांसद एवं आरोपी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम पंजीकृत थी। ठाकुर इस समय जमानत पर हैं।
शुक्रवार को सुनवाई शुरू होने पर ठाकुर और रमेश उपाध्याय के वकीलों ने गवाहों से जिरह की।
मामले में 400 गवाहों में से लगभग 140 की गवाही हो चुकी है। मामले की अगली सुनवाई की तिथि सात दिसम्बर तय की गई।
कोरोना वायरस महामारी के कारण मार्च में इस मामले की सुनवाई को रोक दिया गया था।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), भारतीय दंड संहिता और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के संबंधित प्रावधानों के तहत ठाकुर समेत सात आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं।