कोलंबो/माले, छह फरवरी । मालदीव के निर्वासित पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने आज इस द्वीपीय राष्ट्र में चल रहे संकट के हल के लिये भारत की तरफ से कूटनीतिक और सैन्य हस्तक्षेप की मांग की है। यहां राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने आपातकाल की घोषणा की है और सेना ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को गिरफ्तार कर लिया है।attacknews.in
हिंद महासागर के इस खूबसूरत द्वीपसमूह में गुरुवार को उस समय संकट गहराया जब सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद नौ विपक्षी राजनेताओं की रिहाई का आदेश दिया और कहा कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित और त्रुटिपूर्ण था।
सरकार ने इस फैसले को लागू करने से इनकार कर दिया जिससे राजधानी में विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया। इस दौरान कई जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों में संघर्ष भी हुआ।
यामीन ने कल आपातकाल का ऐलान किया था। इसके कुछ घंटों बाद ही मुख्य न्यायाधीश अब्दुल्ला सईद और एक अन्य न्यायाधीश अली हमीद को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके खिलाफ जांच और किसी आरोप के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है।attacknews.in
विपक्ष के साथ जुड़े पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गय्यूम को भी उनके घर से हिरासत में ले लिया गया।
नशीद अपनी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) का संचालन कोलंबो से करते हैं। उन्होंने भारत से मदद का अनुरोध किया है।
एमडीपी द्वारा जारी एक बयान में नशीद ने कहा, ‘‘हम चाहेंगे कि भारत सरकार न्यायाधीशों और पूर्व राष्ट्रपति मामून अब्दुल गय्यूम समेत हिरासत में लिये गये राजनेताओं को मुक्त कराने के लिये अपनी सेना के साथ एक दूत भेजे। जिससे इन्हें हिरासत से छुड़ाया जाय और वापस उनके घर लाया जा सके।’’
नशीद ने कहा कि राष्ट्रपति यामीन ने अवैध रूप से आपातकाल की घोषणा की है।attacknews.in
नशीद ने कहा कि राष्ट्रपति यामीन का ऐलान मालदीव में आपातकाल की घोषणा असंवैधानिक और अवैध है। मालदीव में किसी को भी इस गैरकानूनी आदेश को मानने की जरूरत नहीं है और उन्हें नहीं मानना चाहिये।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन्हें सत्ता से हटा देना चाहिए। मालदीव के लोगों की दुनिया की सरकारों से प्रार्थना है, खासतौर पर भारत और अमेरिका से।’’
इससे पहले भी नशीद ने सुप्रीम कोर्ट के राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई के आदेश के अमल में जानबूझकर की जा रही देरी पर चिंता जताई थी।attacknews.in