भोपाल, 18 दिसंबर । मध्यप्रदेश विधानसभा में आज मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का मुद्दा उठाते उनके खिलाफ की गयी कार्रवाई को वापस लेने की मांग की।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि विद्यार्थियों के खिलाफ पहले प्राथमिकी दर्ज करायी गयीं और अब 23 को निष्कासित कर दिया गया है।
श्री चौहान ने इस कार्रवाई का विरोध करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई को वापस लिया जाना चाहिए।
संसदीय कार्य मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार पूरी तरह से छात्रों के साथ हैं और घटनाक्रम से जुड़ी जानकारियां विश्वविद्यालय से मंगायी जा रही है। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि विद्यार्थियों के हितों का संरक्षण किया जाएगा।
छात्रों का निष्कासन निरस्त किया जाये-एनएसयूआई
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने आज यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर छात्रों का निष्कासन निरस्त करने की मांग की।
एनएसयूआई के प्रदेश सचिव अभिमन्यु तिवारी के नेतृत्व में छात्रों ने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रशासन को ज्ञापन सौपा।
ज्ञापन में कहा गया कि छात्रों को प्रदर्शन का तरीका या अपनी बात रखने का तरीका गलत हो और छात्रों द्वारा उठाया गया मुद्दा भी वाजिब या गैर वाजिब हो सकता है यह भी जांच पड़ताल का विषय है, किन्तु छात्रो के साथ हुए निष्कासन का हम विरोध करते हैं। छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आदेश पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर छात्रों के निष्कासन को निरस्त किया जाये एवं इन छात्रों पर विश्वविद्यालय की शिकायत पर पुलिस द्वारा जो कार्यवाही की गई है उसे भी विश्वविद्यालय द्वारा वापस लिया जाये।
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के 23 विद्यार्थी निष्कासित
कल के घटनाक्रम में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय परिसर में हाल में घटित घटनाक्रम के मद्देनजर 23 विद्यार्थियों को निष्कासित कर दिया गया।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर में हाल में प्रदर्शन आदि की घटनाओं के मद्देनजर एक समिति ने संपूर्ण मामले की जांच की। इन घटनाओं के वीडियो फुटेज और इससे जुड़े घटनाक्रमों के आधार समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की। इसके मद्देनजर 23 विद्यार्थियों को निष्कासित कर दिया गया।