नयी दिल्ली, 23 नवम्बर । महाराष्ट्र में तेजी से बदले राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच श्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार गठन का मामला शीर्ष अदालत की दहलीज पर आज पहुंच गया।
शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस तीनों ने देर शाम संयुक्त रूप से याचिका दायर की और इसमें केंद्र सरकार, महाराष्ट्र सरकार, श्री फडणवीस तथा राकांपा नेता अजित पवार को प्रतिवादी बनाया है।
याचिकाकर्ता का यह प्रयास था कि न्यायालय रात में ही मामले की सुनवाई करे।
याचिका में राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा श्री फडणवीस को सरकार गठन के लिए आमंत्रित किये जाने को असंवैधानिक, निरंकुश, गैर-कानूनी एवं संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करार देने का शीर्ष अदालत से अनुरोध किया है।
याचिकाकर्ताओं ने शिवसेना- राकांपा और कांग्रेस गठबंधन ‘महा विकास अघाड़ी’ को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का राज्यपाल को निर्देश देने की भी मांग की है।
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन ‘महाविकास अघाड़ी’ के पास 144 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि श्री फडणवीस सरकार बहुमत के आंकड़े से बहुत पीछे है।
शीर्ष अदालत के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे परिवार सहित तिरुपति की दो-दिवसीय यात्रा पर हैं।
जस्टिस रमन की तीन-सदस्यीय विशेष बेंच करेगी सुनवाई:
उच्चतम न्यायालय के दूसरे नंबर के वरिष्ठतम न्यायाधीश एन वी रमन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ महाराष्ट्र में श्री देवेन्द्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार गठन के खिलाफ शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की रिट याचिका पर रविवार को सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर सुनवाई करेगी।
न्यायमूर्ति रमन की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना शामिल हैं। न्यायमूर्ति भूषण कर्नाटक में 2018 के राजनीतिक संकट के दौरान फ्लोर टेस्ट का आदेश देने वाली तीन-सदस्यीय पीठ के सदस्य थे।
सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने मामले की विशेष सुनवाई कल सुबह साढे ग्यारह बजे का समय निर्धारित किया है। एक बार फिर शीर्ष अदालत छुट्टी के दिन विशेष सुनवाई करेगी।
याचिकाकर्ताओं ने शिवसेना- राकांपा और कांग्रेस गठबंधन ‘महा विकास अघाड़ी’ को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने का राज्यपाल को निर्देश देने की भी मांग की है।