नयी दिल्ली, 22 नवंबर ।महाराष्ट्र में चुनाव के बाद एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना के गठबंधन के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में शुक्रवार को याचिका दायर की गई।
महाराष्ट्र के सुरेंद्र इंद्र बहादुर सिंह नामक व्यक्ति की ओर से याचिका दायर की गई है।
याचिका में कहा गया है कि राज्य के मतदाताओं ने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए जनादेश दिया है, अब चुनाव के बाद कोई दूसरे गठबंधन को सरकार बनाने का मौका मतदाताओं के साथ विश्वासघात होगा।
अर्जी में मांग की गई है कि न्यायालय राज्यपाल को निर्देश दे कि वह एनसीपी कांग्रेस शिवसेना के गठबंधन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित न करे।
याचिका में ऐसे गठबंधन को “असंवैधानिक” करार देने की भी मांग की गई है।
गठबंधन को “अनैतिक” करार देते हुए महाराष्ट्र निवासी सुरेंद्र इंद्रबहादुर सिंह ने कहा कि जिन दलों के खिलाफ शिवसेना ने चुनाव लड़ा, उन्हीं के साथ मिलकर सरकार बनाने की इजाजत दिया जाना संवैधानिक मान्यताओं के खिलाफ होगा और यह जनादेश को कमजोर करने जैसा होगा।
याचिका में कहा गया, “यह याचिका तीनों राजनीतिक दलों के खिलाफ अनैतिक गठबंधन को रोकने की मांग करती है, जिन्होंने अलग-अलग चुनाव लड़ा था लेकिन अब चुनावी जनादेश को धोखा दे साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं।”
यह शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ दायर दूसरी याचिका है। पहली याचिका प्रमोद पंडित जोशी द्वारा दायर की गई थी जिसमें उन्होंने गठबंधन को सत्ता हासिल करने के लिये मतदाताओं से “धोखा” घोषित करने की मांग की थी।
नयी जनहित याचिका में कहा गया कि राज्यपाल लोकप्रिय सरकार की परिकल्पना पर विचार करने के लिये संवैधानिक रूप से बाध्य हैं लेकिन शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के बीच चुनाव बाद गठबंधन सत्ता की साझेदारी की परिकल्पना पर आधारित है और इन दलों को लोगों ने मतदान देकर बाहर किया था।
याचिका में आरोप लगाया गया कि भाजपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाली शिवसेना के रुख में बदलाव “कुछ और नहीं बल्कि लोगों द्वारा राजग में जताए गए विश्वास से धोखा है।”