मुंबई, 13 मार्च। नासिक से 180 किलोमीटर की दूरी तय करके यहां पहुंचे आंदोलनकारी किसान आज महाराष्ट्र सरकार से मांगे मान लेने का आश्वासन और आंखों में दिन बदलने का सपना लेकर अपने- अपने घरों को वापस लौट गए।
माकपा की अखिल भारतीय किसान सभा( एआईकेएस) के बैनर तले करीब 35,000 किसान नासिक से180 किलोमीटर की दूरी तय कर मुंबई पहुंचे थे। तपते सूरज के नीचे छह दिन से पैदल चलकर आए इन किसानों की मांग पूर्ण ऋण माफी और वन भूमि के उनके अधिकार को लेकर थी।
किसानों ने कल अपना आंदोलन वापस ले लिया था जब भाजपा नीत सरकार ने घोषणा की कि उसने किसानों की“ लगभग सभी” मांगों को लिखित रूप में स्वीकार कर लिया है और समयबद्ध तरीके से पूरा करने का आश्वासन दिया है।
इन प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर किसान और आदिवासी शामिल थे। ये लोग अपना आंदोलन कल मुंबई तक ले आए जहां वह आजाद मैदान में एकत्रित हुए।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आंदोलनकारी यातायात के विभिन्न माध्यमों के जरिए अपने घर लौटे।
उन्होंने बताया कि सरकार ने किसानों को घर लौटाने के लिए दो रेलों की व्यवस्था की।
एआईकेएस के अध्यक्ष और माकपा केंद्रीय समिति के एक सदस्य अशोक धावले ने बताया कि किसान सरकार द्वारा चलाई गई विशेष रेलों से रवाना हुए।
सभी किसानों ने टिकट खरीदी और तब यात्रा की क्योंकि सरकार से किसी तरह का समर्थन लेना ठीक नहीं था।
“ जब11 मार्च की रात हमारा मार्च सोमैया मैदान पहुंचा था, सरकार हमें दक्षिणी मुंबई छोड़ने के लिए100 बेस्ट बसें उपलब्ध कराने को तैयार थी। लेकिन हमने उस दिन भी किसी तरह की मदद लेने से इंकार कर दिया था।”
धावले ने कहा कि किसानों को सरकार से जो कुछ भी मिला वे उससे खुश थे।
उन्होंने कहा, “ हमने जंग जीत ली है, लेकिन संघर्ष अभी भी जारी है। हम देखना चाहते हैं कि जमीनी स्तर पर सरकार किस तरह से हमें दिए गए लिखित आश्वासन को अंजाम देती है।”attacknews.in