भंडारा, नौ जनवरी । महाराष्ट्र के भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात विशेष नवजात देखरेख इकाई में आग लगने से 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई। डॉक्टरों ने यह जानकारी दी।
एक डॉक्टर ने बताया कि नवजात बच्चों की उम्र एक महीने से तीन महीने के बीच थी।
जिला सिविल सर्जन प्रमोद खंडाते ने बताया कि भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बजकर 30 मिनट के आसपास आग लग गयी। इकाई में 17 बच्चे थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले एक नर्स ने अस्पताल के शिशु देखभाल विभाग से धुआं उठते देखा, जिसके बाद डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को जानकारी मिली और वे पांच मिनट के भीतर यहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि इकाई के ‘इनबाउंड वार्ड’ से सात बच्चों को दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन 10 बच्चों को बचाया नहीं जा सका।
खंडाते ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है, वहां लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत होती है। उन्होंने बताया, ‘‘वहां आग बुझाने वाले उपकरण थे और कर्मियों ने उनसे आग बुझाने की कोशिश की। वहां काफी धुआं हो रहा था।’’
उन्होंने बताया कि आग का शिकार होने वाले बच्चों के माता-पिता को इसकी जानकारी दे दी गई है और बचाए गए सात बच्चों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया कि आईसीयू वार्ड, डायलिसिस और लेबर वार्ड से रोगियों को सुरक्षित दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है। अभी तक आग लगने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट होने का संदेह है।
अस्पताल सूत्रों के मुताबिक नवजात देखभाल वार्ड में तड़के करीब 02.00 बजे आग लग गयी। आग लगने के कारणों का तात्कालिक पता नहीं चल सका है , लेकिन आशंका जतायी गयी है कि शार्ट सर्किट के कारण यह घटना हुई।
डॉ खंडाते ने बताया कि मृतक बच्चों के अभिभावकों को घटना के बारे में जानकारी दी गयी है। हादसे में बचे सात बच्चों को अन्य वार्ड में ले जाया गया ।
इस बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे और जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से संपर्क कर घटना की जानकारी ली। उन्होंने घटना की जांच के आदेश भी दिये हैं।