मुंबई, 26 नवम्बर । महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने पिछले दो साल में 86 लोगों को चरमपंथ से दूर किया है। यह 26/11 के मुंबई हमले के बाद गुमराह युवकों को चरमपंथ से दूर करने के एटीएस के प्रयास का एक हिस्सा है।
एक अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों को मुख्यधारा में लाया गया है उनमें सुशिक्षित लोग हैं। उनमें एक युवा दंपति भी शामिल है। दोनों ने फारमेसी में पोस्ट ग्रैजुएट किया है। इसके अलावा चरमपंथ से हटा कर मुख्यधारा में लाए गए लोगों में एक वैमानी इंजीनियर और एक आईटी पेशेवर भी शामिल हैं।
एटीएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोगों को सामान्य जीवन में वापस लाने के लिए उन्हें चरमपंथ से दूर किया गया है जो जिहाद के नाम पर भटक गए थे।
उन्होंने कहा कि आठ महिलाओं समेत ये सभी लोग सोशल मीडिया के जरिए अपने हैंडलर्स के संपर्क में थे और इन्हें ऑनलाइन चरमंपथ के रास्ते पर लाया गया था।
उहोंने कहा कि वे आतंकी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने की दहलीज पर थे या इसके लिए काम करने की योजना बना रहे थे। कानून प्रवर्तन एजेंसियां खमोशी से उनकी गतिविधियों पर नजर रख रहीं थी और उन्हें सामान्य जीवन में वापस लाने में कामयाबी हासिल की।
उन्होंने कहा कि एटीएस ने इन लोगों के परिवार के सदस्यों, उनके समुदायों के अध्यात्मिक नेताओं से संपर्क किया और काउंसलरों को भी इसमें शामिल किया। प्रत्येक मामले में दो महीने से ज्यादा का वक्त लगा जिसके बाद इन सभी लोगों को चरमपंथ से दूर किया गया और अब उन्हें मुख्यधारा में लाया गया।
अधिकारी ने कहा कि 26/11 मुंबई हमले के बाद आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से एटीएस का एक कार्यक्रम अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं की ऑनलाइन निगरानी करना शामिल है।attacknews