चेन्नई, 14 अक्टूबर ।मद्रास उच्च न्यायालय ने अभिनेता रजनीकांत की ओर से अपने मैरिज हॉल के लिए साढ़े छह लाख रूपयों की संपत्ति कर को चुनौती देने वाली याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति अनिता सुमंत ने मामले की सुनवाई के बाद अदालत का समय बर्बाद करने के लिए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाने तथा उनकी कर छूट याचिका पर विचार करने के लिए जल्दबाजी के लिए चेतावनी दी।
अभिनेता के वकील ने मामले को वापस लेने के लिए अर्जी दी थी , जिसे न्यायालय ने स्वीकार कर लिया और मामला वापस ले लिया गया। ।
रजनीकांत नें अपनी याचिका में कहा था कि वह कोडम्बकम इलाके में स्थित राघवेंद्र मैरिज हाल के संपत्ति कर का नियमित रूप से भुगतान करते रहे हैं तथा 14 फरवरी को अंतिम भुगतान किया गया था। इस बीच कोरोना महामारी के कारण केंद्र और राज्य सरकारों ने 24 मार्च से पूर्णबंदी लागू थी जिसके बाद जिसके बाद मैरिज हॉल खाली रहा और तब से किसी को किराए पर नहीं दिया गया। इसी दौरान 10 सितम्बर को ग्रेटर चेन्नई निगम से अप्रैल से सितम्बर तक की छह महीने की अवधि का साढ़े छह लाख रूपये संपत्ति का भुगतान का चालान मिला।
उन्होंने कहा कि 24 मार्च के बाद मैरिज हॉल के लिए सभी बुकिंग रद्द कर दी थी और सरकार की मंशा के अनुरूप अग्रिम राशि भी लौटा दी गयी , इसलिए वह इस संपत्ति कर छूट के पात्र हैं।