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मध्यप्रदेश के 3000 जूनियर डाक्टरों ने अपनी मांगों के समर्थन में त्यागपत्र सौंपे;अध्यक्ष अरविंद मीणा ने कहा:6 मई की चर्चा में सरकार के आश्वासन को पूरा करने की मांग पर कर रहे हैं आंदोलन  attacknews.in

 

भोपाल, 03 जून। मध्यप्रदेश में पिछले चार दिनों से अपनी विभिन्न मांगाें को लेकर हड़ताल कर रहे राज्य जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) के अध्यक्ष अरविंद मीणा ने कहा कि अपनी मांगों के समर्थन में आज राज्य के लगभग 3000 जूनियर डॉक्टर्स ने अपने त्यागपत्र संबंधित मेडिकल कालेज के डीन को सौंप दिए हैं।

श्री मीणा ने दूरभाष पर  कहा कि दरअसल वे जिन मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं, वो सरकार की ओर से पूर्व में दिए गए आश्वासन हैं।

उनका कहना है कि सरकार ने छह मई की चर्चा में जो भी आवश्वासन दिए थे, वे पूरे होने चाहिए। इन्हीं मुद्दों को लेकर हम लोग आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमसे बातचीत करने ही राजी नहीं है।

श्री मीणा ने कहा कि राज्य के विभिन्न मेडिकल कालेज के लगभग 3000 जूनियर डाक्टर्स ने आज देर शाम अपने त्यागपत्र संबंधित डीन को सौंप दिए हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार बात करे, तो अपना अगल कदम भी उठाने तैयार हैं।

इस बीच राज्य उच्च न्यायालय ने आज इस हड़ताल काे अवैधानिक घोषित करते हुए सभी हड़ताली डॉक्टरों से 24 घंटे के अंदर काम पर लौटने के लिए कहा है।

इसके पहले दिन में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी मीडिया से चर्चा के दौरान जूनियर डॉक्टर्स से अपेक्षा की है कि वे तुरंत अपना कार्य प्रारंभ करें।यह कोविड का अभूतपूर्व दौर है।

इस बीच सरकार की तरफ से कहा गया है कि जूडा स्टाइपेंड में 24 प्रतिशत बढोत्तरी चाहती है।

वे स्टाइपेंड को 55000 से बढ़ाकर 68200 और 57000 से बढ़ाकर 70680 और 59000 से बढ़ाकर 73160 रुपए चाहते हैं।शासन इसे अनुचित मानती है।

शासन का कहना है कि अन्य विभागाें की तरह सीपीआई अनुसार जूनियर डॉक्टर्स के स्टाइपेंड में 17 प्रतिशत की वृद्धि मान्य की गयी है।

शासन ने यह भी कहा कि कोविड ड्यूटी करने के कारण अतिरिक्त पारितोषिक व वजीफे की मांग युद्ध के मध्य युद्धरत सैनिक द्वारा किसी भी प्रकार की वित्तीय मांग किया जाने जैसा है।

जूडा की दूसरी मांग प्रत्येक वर्ष वार्षिक 6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी भी बेसिक स्टाइपेंड में करने की है।

शासन का कहना है कि प्राइज इंडेक्स के तहत बढ़ोत्तरी दी जाएगी, जैसे अन्य विभागों को दी जाती है।

जूडा की पीजी करने के बाद एक साल के ग्रामीण बांड को कोविड ड्यूटी के बदले हटाने के लिए एक कमेटी बनाने संबंधी है।

सरकार इस मांग को भी पूरी तरह अनुचित मान रही है।

ऐसा करने से ग्रामीण अंचल के गरीब व्यक्तियों को उच्च कोटि की गुणवत्तापूर्ण चिकित्सकीय सेवा से वंचित होना पड़ेगा।

जूडा की एक अन्य मांग है कि कोविड ड्यूटी में कार्यरत हर जूनियर डाक्टर को 10 नंबर का एक गजटेड सर्टिफिकेट मिलेगा, जो आगे उसे सरकारी नौकरी में फायदा प्रदान करेगा।

शासन का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से तीन मई 2021 को जारी गाइडलाइन के अनुसार अल्पावधि के कोविड कार्य करने वाले व्यक्तियों को आकर्षित करने के लिए जारी की गयी है।

इसी के अनुरूप सबको लाभ दिया जाएगा।

शासन का कहना है कि कोविड अथवा अन्य महामारी में सेवाएं दिया जाना किसी भी सरकारी चिकित्सक समुदाय का मूल कर्तव्य है।

इसके लिए अतिरिक्त पारितोषिक की मांग करना अनुचित है।

शासन ने शेष दो मांगों के संबंध में भी अपना पक्ष रखा है, जो उनके परिजनों को चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा मुहैया कराने से संबंधित है।

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