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मध्यप्रदेश

बजट में कोई नया कर नहीं;आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के 4 स्तंभ भौतिक अधोसंरचना,शिक्षा एवं स्वास्थ्य,अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार,सुशासन के तहत 9 नए मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय ,मिशन नगरोदय, मिशन निरामय,मिशन बोधि,मिशन अर्थ, मिशन दक्ष, मिशन स्वावलंबन मिशन जन-गण शुरू किए जाएंगे attacknews.in

गति पथ पर ले जाना वाला बजट

प्रमुख बिंदु:

आम जनता का बजट,आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के महत्वपूर्ण लक्ष्य को लेकर तैयार किया गया विशेष बजट

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए मिशन मोड में कार्य होगा जिसके लिए चारों क्षेत्रों सुशासन, भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा एवं स्वास्थ्य, अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के लिए 9 नए मिशन संचालित होंगे

बजट में नौ मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने का प्रावधान है

बजट में गत वर्ष की तुलना में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

नौ नए मिशन देंगे मध्यप्रदेश के विकास को गति

सर्वे भवन्तु सुखिनः के भाव को चरितार्थ करता मध्यप्रदेश का बजट

आत्म निर्भर मध्यप्रदेश पर आधारित है बजट

पूंजीगत व्यय में बीते वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि

नागरिकों के जीवन को आसान बनाने के लिए किए गए अनेक प्रावधान

भोपाल 2 मार्च ।मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश का आज विधानसभा में प्रस्तुत बजट प्रदेश को प्रगति पथ पर ले जाएगा। मध्यप्रदेश तेज गति से आत्म-निर्भरता के मार्ग की तरफ बढ़ेगा। गत वर्ष की तुलना में नए वित्त वर्ष में पूँजीगत व्यय में 42 प्रतिशत की वृद्धि, आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए नौ नए मिशन और नागरिकों के जीवन को आसान बनाने वाले बुनियादी क्षेत्रों में आवश्यक सुविधाओं के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान इस बजट की विशेषता है। यह बजट ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे संतु निरामया’ के ध्येय वाक्य को क्रियान्वित करने का माध्यम है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज पेश हुए मध्यप्रदेश के बजट को जन-आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक मान सकते हैं। यह बजट सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। इससे कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों के बाद क्षतिग्रस्त हुई अर्थ-व्यवस्था को पुन: खड़ा कर आम लोगों का हित संवर्धन सुनिश्चित होगा।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाने का बजट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्म-निर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिये आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प सितम्बर 2020 में लिया गया था। मध्यप्रदेश में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप का निर्माण किया गया। जनता के सुझाव प्राप्त किए गए। अधोसंरचना, स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार को आधार बनाया गया। इन प्राथमिकताओं के अनुसार दीर्घ अवधि की दृष्टि से बजट का निर्माण किया गया है।

मिशन मोड में कार्य करेंगे 9 नए मिशन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के चार प्रमुख स्तंभ हैं। इसके अंतर्गत 9 नए मिशन संचालित होंगे। भौतिक अधोसंरचना के तहत मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय प्रारंभ होंगे। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के अंतर्गत मिशन निरामय और मिशन बोधि प्रारंभ होंगे। अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार के तहत मिशन अर्थ, मिशन दक्ष और मिशन स्वावलंबन शुरू किए जाएंगे। इसके अलावा आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के एक महत्वपूर्ण स्तंभ सुशासन के तहत भी एक मिशन शुरू होगा, जिसका नाम मिशन जन-गण होगा। सरकार दिन-रात मिशन मोड में कार्य कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।

अधोसंरचना विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के लिए बजट प्रावधान

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अधोसंरचना विकास के लिए सिंचाई क्षेत्र के लिए 44 हजार 152 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। शिक्षा और उससे जुड़े क्षेत्रों पर 40 हजार 958 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। कृषि से संबंधित प्रावधान 35 हजार 353 करोड़ रूपये, स्वास्थ्य एवं संबंधित क्षेत्रों के लिए 15 हजार 622 करोड़ रूपये, गरीब कल्याण के लिए 11 हजार 950 करोड़ रूपये, बच्चों, विद्यार्थियों और युवाओं के लिए 11 हजार 136 करोड़ रूपये और महिलाओं के लिये 10 हजार 674 करोड़ रूपये की राशि का प्रावधान किया गया है।

बजट की बड़ी विशेषताएँ

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के बजट में गत वर्ष से 22 प्रतिशत अधिक राशि है। वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश का जीएसडीपी 10 लाख करोड़ रूपये के पार पहुँच सकता है, जो एक कीर्तिमान होगा। राजकोषीय घाटा, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है। इसे अगले तीन वर्ष में और घटाकर 3 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। राजस्व घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 0.73 प्रतिशत है। इसे भी अगले 3 वर्ष में घाटे से आधिक्य में बदलने का लक्ष्य है। गत 11 माह में सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदमों के कारण भारत सरकार से 19 हजार 353 करोड़ रूपये के अतिरिक्त वित्तीय संसाधन प्राप्त हो रहे हैं। बजट में किसी प्रकार के नए कर प्रस्तावित नहीं है और न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है।

बहनों और बेटियों के लिए सौगात है बजट

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह बजट बहनों और बेटियों के लिए सौगात लेकर आया है। हर ग्राम पंचायत में एक राशन की दुकान खुलेगी और एक तिहाई दुकानें महिलाएँ संचालित करेंगी। हर जिले में महिला पुलिस थाना प्रारंभ होगा। बजट में लाड़ली लक्ष्मी योजना के अंतर्गत 900 करोड़ रूपये से अधिक के प्रावधान सहित महिलाओं के लिए कुल 10 हजार करोड़ से अधिक की राशि का प्रावधान राज्य सरकार के महिला कल्याण के लक्ष्य का परिचायक है।

गरीब कल्याण और जन-कल्याण पर फोकस

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि गरीबों के कल्याण और आमजन के कल्याण के लिए बजट में समुचित प्रावधान हैं। संबल के अंतर्गत हितग्राही लाभान्वित होंगे। संबल में 600 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में 3,200 करोड़ रूपये, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 602 करोड़ रूपये, सीएम राइज स्कूल के लिए 1,500 करोड़ रूपये, अन्नपूर्णा योजना में 400 करोड़ रूपये, जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर तक नल से जल पहुँचाने के कार्यों के लिए 5,762 करोड़ रूपये, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 3,035 करोड़ रूपये, लाड़ली लक्ष्मी योजना में 922 करोड़ रूपये, अटल कृषि ज्योति योजना में 4,592 करोड़ रूपये, नये मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए 300 करोड़ रूपये, उच्च शिक्षा में सुधार के लिए 400 करोड़ रूपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 2,500 करोड़ रूपये, सड़क, पुल निर्माण के लिए 5,739 करोड़ रूपये, व्यवसायिक कौशल प्रशिक्षण के लिए 397 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूहों की सहायता और युवाओं को रोजगार के लिए संचालित कार्यक्रमों के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। संभाग स्तर पर मॉडल आई.टी.आई. और ग्लोबल पार्क के लिए भी धनराशि का प्रावधान है।

किसान-कल्याण

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कृषि अर्थ-व्यवस्था का आधार है। कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान के लिए 1000 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है। नई मुख्यमंत्री कृषक फसल उपार्जन सहायता योजना प्रारंभ होगी। इसी तरह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 2,220 करोड़ रूपये की राशि बजट में रखी गई है।

शहरों को मिलेगा नया स्वरूप

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बजट में स्मार्ट सिटी के अंतर्गत शहरों के विकास और सौन्दर्यीकरण पर 900 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जाएगी। मेट्रो रेल सुविधा बढ़ाने के लिए 262 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। आपदा प्रबंधन और राहत के लिए 1680 करोड़ रूपये का बजट प्रावधान किया गया है।

प्रत्येक कार्यकाल में बुनियादी क्षेत्रों को रखा केन्द्र में

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने बुनियादी क्षेत्रों के विकास को सदैव केन्द्र में रखा है। जहाँ उन्होंने प्रथम कार्यकाल में सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी, वहीं द्वितीय कार्यकाल में सिंचाई क्षेत्र के विस्तार का कार्य प्रमुखता से किया गया। इसके पश्चात तृतीय कार्यकाल में विद्युत उत्पादन बढ़ाने और सुचारू बिजली प्रदाय पर ध्यान दिया गया। इस कार्यकाल में उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल की सुविधाएँ तेजी से बढ़ाने का निश्चय किया है। इसके क्रियान्वयन की शुरूआत हो चुकी है। यह बजट आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की लक्ष्य प्राप्ति में सहयोगी होगा।

अन्य प्रमुख विशेषताएँ

ओंकारेश्वर में विश्व के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट और 6 जिलों में नये सोलर पार्क के लिए बजट।

65 लाख हेक्टेयर की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए बजट।

पुलिस में चार हजार और शिक्षकों के लिए 24 हजार पदों पर भर्ती का निर्णय।

पाँच विकासखंडों में कक्षा 9 से 12वीं के विद्यार्थियों को स्कूल के लिए परिवहन व्यवस्था का पायलट प्रोजेक्ट।

चंबल प्रोग्रेस-वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बजट।

प्रधामनंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में 6 हजार किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण का लक्ष्य।

शहरी क्षेत्रों के लिए भी जल-जीवन मिशन।

13 जिलों में 86 स्थानों पर वन धन केन्द्र का विकास।

3 विमुक्त विशेष पिछड़ी जनजातियों बैगा, सहरिया और भारिया की 38 आश्रम शालाओं में पायलट बेसिस पर प्री-प्रायमरी कक्षाओं का संचालन।

मुख्यमंत्री स्व-रोजगार ब्याज परिदान योजना प्रारंभ होगी।

इज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए ‘स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज’ पर तेजी से अमल प्रारंभ होगा।

50 बिस्तर का पुलिस चिकित्सालय बनेगा।

पन्ना में डायमंड म्यूजियम बनेगा।

छतरपुर जिले में जटाशंकर पर रोप-वे का निर्माण होगा।

भोपाल गैस पीड़ितों के लिए केन्द्रीय पेंशन योजना समाप्त हो जाने के फलस्वरूप मध्यप्रदेश सरकार अपने बजट से पेंशन की व्यवस्था करेगी।

प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेजों के लिए मंजूरी।

संबल योजना पुन: प्रारंभ की गई है।

छोटे और सीमांत किसानों को वर्ष में 10 हजार रूपए की राशि मिलेगी। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के साथ ही मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना का लाभ भी प्राप्त होगा।

बजट – किस क्षेत्र में कितनी राशि

क्रं.              क्षेत्र                 बजट का हिस्सा (प्रतिशत)

1.अधोसंरचना विकास             20.35

2.        शिक्षा                          18.87

3.    कृषि एवं सम्बद्ध  क्षेत्र         16.29

4.   स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध क्षेत्र         7.20

5.     गरीब कल्याण                    5.51

6.       महिला                            4.92

बजट में कोई नया कर नहीं : मुख्यमंत्री श्री चौहान
डिजीटल रूप में प्रस्तुत हुआ बजट:

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2021-22 के प्रदेश के बजट में किसी प्रकार के नये कर प्रस्तावित नहीं है और न ही किसी भी कर की दर को बढ़ाया गया है। पहली बार डिजिटल स्वरूप में प्रस्तुत हुए बजट के माध्यम से प्रयास यह है कि हम निरंतर सकारात्मक रहते हुए अपना श्रेष्ठ देते रहे। इसी क्रम में राज्यकोषीय घाटा राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4.5 प्रतिशत है, इसे अगले तीन वर्ष में घटाकर 3 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।

मददगार रहा केन्द्रीय बजट का पहले आना

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में केन्द्र सरकार का बजट पहले प्रस्तुत होने की परम्परा बनी है। इससे राज्य को अपना बजट अधिक व्यवहारिक रूप से बनाने में मदद मिली।

15वें वित्त आयोग ने बढ़ायी प्रदेश की हिस्सेदारी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 14वें वित्त आयोग में राज्यों में बँटने वाले केन्द्रीय करों में मध्यप्रदेश के लिए तय की गई 7.548 प्रतिशत की हिस्सेदारी को बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश द्वारा ज्ञापन सौंपा गया था। 15 वें वित्त आयोग द्वारा वर्ष 2020-21 से 2025-26 की अवधि के लिए प्रदेश की हिस्सेदारी बढ़ा कर 7.85 प्रतिशत निर्धारित की गई है। इस बढ़ोत्तरी से वर्ष 2021-22 में प्रदेश को केन्द्रीय करों से लगभग 2 हजार करोड़ अतिरिक्त राशि प्राप्त होना अनुमानित है। पिछले साल की तुलना में नये वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय में 42 प्रतिशत से भी अधिक की वृद्धि हुई है। बजट में सभी जन-हितैषी और विकासोन्मुखी योजनाओं की निरंतरता के लिए आवश्यक प्रावधान रखे गये हैं।

2021-22 का बजट जनता का बजट है : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मिशन मोड में शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना और रोजगार के लिए होगा कार्य:

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वर्ष 2021-22 का प्रदेश का बजट जनता का बजट है। यह केवल आँकड़ों का दस्तावेज नहीं अपितु प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं और जनता का प्रतीक है। यह जनता और सरकार के विजन और मिशन का प्रतिबिम्ब है। आत्म-निर्भर भारत के निर्माण के यज्ञ के मध्य लाये गये इस बजट को आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए जनता के सुझाव प्राप्त कर तैयार किया गया है। यह जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए निर्मित बजट है, जिसमें आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की तड़प साफ दिखाई देती है।

मिशन एप्रोच से होगी आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य की प्राप्ति

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सरकार आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करेंगी। इसके लिए सुशासन, भौतिक अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के क्षेत्रों में मिशन एप्रोच अपनाकर गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।

मिशन को एक्शन में बदलेंगे

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक मिशन को एक्शन में बदलने वाले कार्यक्रम लागू होंगे।

मिशन जनगण – बार-बार जमा नहीं कराने होंगे दस्तावेज

आम आदमी को नागरिक सुविधाएँ संवेदनशीलता, पारदर्शिता और सहजता से समय-सीमा में प्राप्त हो यही सुशासन है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए मिशन जनगण का संचालन होगा। लोक सेवा गारंटी कानून में संशोधन कर मान्य अनुमोदन (डीम्ड एप्रूवल) का प्रावधान किया गया है। अब चयनित सेवाएँ प्राप्त करने संबंधी आवेदन यदि तय समय-सीमा में निराकृत न हो तो नागरिकों को पोर्टल से स्वत: ऐसी सेवा या प्रमाण-पत्र प्राप्त हो जाएंगे। इसी क्रम में एकत्व कार्यक्रम के अंतर्गत एकल नागरिक डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे शासकीय सेवाओं के लिए नागरिकों को बार-बार दस्तावेज जमा कराने की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही परिचय कार्यक्रम के अंतर्गत समस्त नागरिक सेवाओं को एकीकृत कर एक ही पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रदेश में भौतिक अधोसंरचना के लिए मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय संचालित किये जाएगे।

मिशन निर्माण में बनेंगे महापथ

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधोसंरचना का तेज गति से विकास आवश्यक है। इससे रोजगार के नये अवसर निर्मित होंगे और संतुलित क्षेत्रीय विकास संभव होगा। इस वित्तीय वर्ष के बजट में 2 हजार 441 किलोमीटर के नवीन सड़क कार्य तथा 65 नवीन पुल सम्मिलित है, साथ ही अधिक यातायात वाले सभी रेलवे फाटकों पर रेलवे ओवर ब्रिज बनाने का लक्ष्य हैं। चंबल अंचल के विकास को गति देने के लिए अटल प्रोग्रेस-वे बनाये जाने की कार्रवाई शुरू की जा चुकी है। प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी क्षेत्रों को जोड़ने वाले नर्मदा एक्सप्रेस-वे के निर्माण का परियोजना प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। इन महापथों के निर्माण से रोजगार और व्यवसाय के बेहतर अवसर स्थानीय रूप से मिलेंगे। लोक निर्माण के बजट में 475 करोड़ रूपये का इजाफा किया गया है।

मिशन ग्रामोदय

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश की लगभग 72 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च स्तर की अधोसंरचना उपलब्ध कराना तथा रोजगार के अवसर उत्पन्न कर ग्रामीण आमदनी को बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत सामान्य क्षेत्र के 500 और आदिवासी क्षेत्र के 250 से अधिक आबादी की जो बसाहटें सड़क मार्ग से नहीं जुड़ी, उन्हें बारहमासी डामरीकृत सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है। आवास निर्माण, रोजगार सृजन और प्रशिक्षण के लिए भी महत्वाकाँक्षी योजनाएँ हैं।

मिशन नगरोदय

भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल परियोजना को गति देने के लिए 262 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। हाउसिंग फॉर ऑल योजना के लिए 1 हजार 500 करोड़ रूपये, सीवरेज और जलप्रदाय कार्यों के लिए एक हजार करोड़ और स्मार्ट सिटी योजना के अंतर्गत चयनित शहरों के विकास के लिए 900 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।

मिशन बोधि- 24 हजार से अधिक शिक्षकों की होगी भर्ती

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि शासकीय शालाओं में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सी.एम. राइज स्कूल संचालित किये जाएंगे। इन स्कूलों में प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, कम्प्यूटर लैब और विद्यार्थियों के आवागमन के लिए बस सुविधा होगी। प्रदेश में 9 हजार 200 विद्यालय विकसित करने का लक्ष्य है। प्रथम चरण में 350 विद्यालयों का विकास किया जा रहा है, जिसके लिए वर्ष 2021-22 में एक हजार 500 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। वर्ष 2021-22 में लगभग 24 हजार 200 पदों पर शिक्षकों की नवीन भर्ती की जाएगी।

मिशन निरामय

प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं और प्रबंधन की गुणवत्ता में निरंतर सुधार के लिए मिशन निरामय लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं सम्बद्ध क्षेत्र के लिए वर्ष 2021-22 में 15 हजार 622 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। योग्य और विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एम.बी.बी.एस. सीटों को 2,035 से बढ़ाकर 3,250 किया जाएगा। शीघ्र ही 23 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय कार्यशील होंगे। प्रदेश के उप स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में विशेषज्ञ परामर्श के लिए टेली मेडिसिन सेवाएँ उपलब्ध करायी जा रही है।

मिशन अर्थ

प्रदेश के विकास में हर नागरिक भागीदार बने, रोजगार के नये अवसर सृजित हो और अर्थ-व्यवस्था तेजी से आगे बढ़े इसके लिए मिशन अर्थ के अंतर्गत कृषि, सहकारिता, उद्यानिकी, खाद्य-प्रसंस्करण, पशुपालन, मत्स्य- विकास, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन, पर्यटन तथा विमानन से जुड़ी गतिविधियों का सभंवित रूप से संचालन किया जाएगा। कृषि और संबंधित क्षेत्रों के कार्यों के लिए वर्ष 2021-22 में 35 हजार 353 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन राशि एक हजार 437 करोड़ रूपये की गई है।

मिशन दक्ष

स्थानीय अर्थ-व्यवस्था को संबंल देने और रोजगार के अतिरिक्त अवसर निर्मित करने के लिए तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास के क्षेत्र में अंधोसरचनात्मक सुधार किया जाएगा। ग्लोबल स्किल पार्क, आईटीआई, पॉलीटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों का उन्नयन प्रस्तावित है।

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