भोपाल 11 जून । मध्यप्रदेश में पुलिस स्थापना बोर्ड की बैठक में आरक्षक से उपनिरीक्षक स्तर के पुलिस कर्मियों के स्थानांतरण के संबंध में लिये गए निर्णय के अनुसार पूर्व में जारी परिपत्र को निरस्त कर जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड का गठन किया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने समस्त जोनल पुलिस महानिरीक्षक, रेंज पुलिस उप महानिरीक्षक तथा पुलिस अधीक्षक (रेल सहित) को इस संबंध में पत्र जारी किया है। जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड में अध्यक्ष अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक/ पुलिस महानिरीक्षक जोन तथा दो सदस्य क्रमश: पुलिस उप महानिरीक्षक रेंज तथा जोन के संबंधित पुलिस अधीक्षक रहेंगे।
जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड के कार्य
जिला पुलिस बल के आरक्षक से उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों/कर्मचारियों के जोन अन्तर्गत एक इकाई से दूसरी इकाई में स्थानांतरण संबंधी आवेदन/प्रस्ताव जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किये जाएंगे। जोनल पुलिस स्थापना बोर्ड द्वारा अनुमोदित स्थानांतरण आदेश जोनल पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जारी किए जाएंगे।
जिला पुलिस बल के निरीक्षक श्रेणी के अधिकारियों के जोन अन्तर्गत एक इकाई से दूसरी इकाई में स्थानांतरण प्रशासन शाखा पुलिस मुख्यालय के अनुमोदन उपरांत किए जाएंगे।
आरक्षक से निरीक्षक श्रेणी के अधिकारियों के स्थानांतरण जोन के बाहर किसी अन्य इकाई या गैर जिला बल इकाई करने संबंधी आवेदन/प्रस्ताव इकाई/जोन स्तर से प्रशासन शाखा, पुलिस मुख्यालय, भोपाल को अभिमत सहित अग्रिम कार्यवाही हेतु भेजे जाएंगे।
स्थानांतरण संबंधी कार्यवाही में इन शर्तों का होगा पालन
अनुकंपा से नियुक्त अधिकारी/कर्मचारी को छोडकर किसी भी नवनियुक्त आरक्षक का स्थानांतरण तभी किया सकेगा, जबकि वह जिस जिले में भर्ती हुआ हो, उस जिले में नियुक्ति पश्चात् पांच वर्ष का सेवाकाल पूर्ण कर लिया हो एवं बुनियादी प्रशिक्षण उत्तीर्ण कर लिया हो।
आरक्षक से निरीक्षक स्तर के अधिकारी/कर्मचारी गृहजिले में स्थानांतरण/पदस्थापना के पात्र नहीं होगें, लेकिन यदि उसकी सेवानिवृत्ति में एक वर्ष का समय बचा हो तो गृह जिले में पदस्थ किया जा सकता है। अविवाहित,विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता महिला अधिकारी/कर्मचारी एवं अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण में उनके गृह जिले में स्थानांतरण किया जा सकेगा।
प्रस्ताव की अनुशंसा करते समय ध्यान में अवश्य रखा जाएगा कि आरक्षक/ प्रधान आरक्षक संवर्ग की योग्यता सूचि पर योग्य कर्मचारियों की प्रत्याशित पदोन्नति पर प्रतिकूल असर नहीं होना चाहिए। जिन अधिकारियों/कर्मचारियों का पूर्व में स्थानांतरण शिकायत एवं अन्य अक्षमता के आधार पर किया गया था. उनकी पुनः उसी इकाई में पदस्थापना नहीं की जाएगी।
प्रधान आरक्षक एवं सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदोन्नति पश्चात पदस्थापना के जिले में पांच वर्ष एवं तीन वर्ष क्रमश: सेवाकाल पूर्ण करने के बाद ही अन्यत्र स्थानांतरण की पात्रता होगी। पति-पत्नी के स्वयं के व्यय पर एक ही साथ पदस्थापना के लिये आवेदन-पत्र प्राप्त होने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा, परन्तु पदस्थापना का स्थान प्रशासकीय आवश्यकता के अनुरूप निर्धारित होगा। इसका आशय यह नहीं कि पति/पत्नी यदि एक ही जिले/मुख्यालय में कार्यरत हों तो उनका स्थानांतरण नहीं किया जा सकता है।
स्वयं के व्यय पर आपसी स्थानांतरण के लिए प्रस्तुत किये जाने वाले आवेदन-पत्र पर आवेदक के हस्ताक्षर उसके कार्यालय प्रमुख के द्वारा सत्यापित किये जाएंगे। स्वयं के व्यय पर रिक्त पद/परस्पर किये गये स्थानांतरण तथा प्रशासनिक कारणों से किये गये स्थानांतरण संबंधी आदेश अलग-अलग जारी किये जायेगें।
कैंसर जैसी टर्मिनल तथा अत्यंत गंभीर बीमारी, किडनी खराब होने के कारण डायलेसिस कराने या ओपन हार्ट सर्जरी के कारण नियमित जांच कराना आवश्यक हो और वर्तमान पदस्थापना के स्थान पर ऐसी सुविधा उपलब्ध न हो तो जिला मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर शासकीय सेवक द्वारा स्थानांतरण चाहने पर स्थानांतरण किया जा सकेगा। जिला पुलिस बल संवर्ग में रिक्त पदों के विरूद्ध ही स्थानांतरण किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। किसी भी इकाई में स्वीकृत पदों से अधिक पदस्थापना नहीं की जाएगी। स्वयं के अनुरोध पर किये जाने वाले स्थानांतरण आदेशों में अनुरोध का संदर्भ उल्लेखित करना आवश्यक होगा।
स्थानांतरण पर उत्पन्न विवाद/गतिरोध की स्थिति में अंतिम निर्णय पुलिस महानिदेशक का मान्य होगा। मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य एवं जिला स्तर के स्थानांतरण के लिये जारी की जाने वाली स्थानांतरण नीति का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं।