जबलपुर, 10 दिसंबर ।मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से शहडोल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार हिमाद्रि सिंह को राहत मिली है।
न्यायाधीश अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने उनके निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका को हाईकोर्ट जस्टिस खारिज कर दिया। एकलपीठ ने सुनवाई के पाया कि कई अवसर देेने के बावजूद भी याचिकाकर्ता गवाही के लिए न्यायालय में उपस्थित नहीं हो रही है।
शहडोल लोकसभा से कांग्रेस की प्रत्याशी प्रमिला सिंह ने हिमाद्रि सिंह के निर्वाचन को चुनौती दी थी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव प्रक्रिया में निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया, लिहाजा हिमाद्रि सिंह का निर्वाचन रद्द घोषित किया जाए।
एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि 24 सितंबर 2019 को विचारण के मुद्दे तय होने के बाद 14 अक्टूबर को पक्षकारों ने गवाहों की सूची प्रदान की। इसके बाद 5 नवम्बर को प्रमिला सिंह की गवाही होना थी, लेकिन वे बीमारी की वजह से हाजिर नहीं हो सकीं। इसके बाद 13 नवम्बर को पुन: प्रमिला सिंह गवाही के लिए न्यायालय में उपस्थित नहीं हुई। याचिका पर 23 नवम्बर को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से जिला अस्पताल शहडोल का एक मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन पेश कर गवाही के लिए समय प्रदान करने आग्रह किया था।
एकलपीठ ने याचिकाकर्ता के रवैये को गंभीरता से लेते हुए कहा था कि कानूनी प्रावधान के अनुसार चुनाव याचिकाओं के निराकरण की समयसीमा 6 माह है। अधिकांश मामलों में ऐसा तब संभव होता है, जब पक्षकारों द्वारा सहयोग किया जाता है। दुर्भाग्य से इस मामले में याचिकाकर्ता खुद पीछे हट रहीं हैं। इस मत के साथ न्यायालय ने प्रमिला सिंह की गवाही का अधिकार समाप्त कर दिया।
आज सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से गवाही के लिए समय प्रदान करने का निवेदन किया गया।