भोपाल, 23 जलाई । मध्यप्रदेश में सरकारी नौकरियों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण का प्रावधान 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने संबंधी मध्यप्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण) संशोधन विधेयक को विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
इसके पहले विधेयक पर हुयी चर्चा का उत्तर देते हुए सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि ओबीसी के लिए आरक्षण बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया है।
उन्होंनें स्वीकार किया कि अब विभिन्न जातियों के लिए आरक्षण का प्रतिशत बढ़कर लगभग 70 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने यह प्रावधान करने के पहले उन राज्यों जैसे तमिलनाडु और कर्नाटक आदि की तरफ भी देखा, जहां आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक है।
डॉ सिंह ने विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव की बात के संदर्भ में कहा कि राज्य सरकार सरकारी नौकरियों में रिक्त पदों को भी शीघ्र ही भरेगी। इसके अलावा निगम मंडलों में भी रिक्त पदों को भरा जाएगा और यदि आवश्यक हुआ तो इसके अनुसार बजट का प्रावधान भी किया जाएगा। इन रिक्तियों की पूर्ति में आरक्षण का लाभ संबंधितों को मिलेगा।
मंत्री के जवाब के बाद संबंधित विधेयक सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया।
विधेयक के उद्देश्य में कहा गया है कि अन्य पिछड़े वर्ग की राज्य में कुल जनसंख्या लगभग 27 प्रतिशत है। यह वर्ग सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है। विधेयक में इस वर्ग के लोगों को लोक सेवाओं और पदों में रिक्तियों के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है।
चर्चा में शामिल होते हुए विपक्ष के नेता श्री भार्गव ने कहा कि सरकार इस तरह का आरक्षण बढ़ा रही है, लेकिन नौकरियों के अवसर उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को निजी कंपनियों में भी आरक्षण के मुद्दे पर अपना रुख साफ करना चाहिए।
विधायक निधि बढ़ाने को राजी:
मध्यप्रदेश विधानसभा में आज विधायकों की विधायक निधि में इजाफे की मांग पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विधायकों को निराश नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने कहा कि विधायकों की विधायक निधि में इजाफे का सुझाव अच्छा है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष इस बारे में उनसे चर्चा कर लें, विधायकों को निराश नहीं होने दिया जाएगा।
इसी दौरान उन्होंने कहा कि ये सभी विधायकों का सवाल है। सरकार को खाली तिजोरी मिली थी। इसके बाद भी जितना हो सकता है, उतना किया जा रहा है।
दरअसल प्रश्नकाल के दौरान विधायक सुदेश राय के एक सवाल के पूरक सवाल में विधायक रामेश्वर शर्मा ने ये मामला उठाया। उन्होंने अनुरोध किया कि मुख्यमंत्री विधायकों की विधायक निधि के बारे में कोई फैसला लें।
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि विधायकों पर विकास कार्यों का दबाव रहता है, जिससे उन्हें समस्याएं आती हैं।
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