भोपाल, 30 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा आज सुबह दिल्ली से वापस लौट आए।लौटने के बाद वह नियमित काम से लग गये जिससे लगता है कि, मंत्रिमंडल का विस्तार कुछ दिनों के लिए टल गया ।
श्री चौहान के साथ सुबह विशेष विमान से प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत भी लौटे हैं। श्री चाैहान रविवार को अपरान्ह दिल्ली रवाना हुए थे और कल रात उन्हें लौटना था, लेकिन वे आज सुबह लौटे।
श्री चौहान की दो दिनों तक भाजपा के केंद्रीय नेताओं से चर्चा हुयी, लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अंतिम फैसला फिलहाल नहीं हो पाया है।
माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार फिलहाल एक दो दिन टल गया है। इस बीच कल दोपहर अचानक दिल्ली पहुंचे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी अभी दिल्ली में रुके हुए हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़ी कुछ बातों पर अभी भी चर्चा चल रही है। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का भी आज का भोपाल दौरा स्थगित हो गया है।
राज्य में मार्च माह के राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते वरिष्ठ नेता श्री सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और उनके समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों ने भी विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। इन विषम स्थितियों में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था और 23 मार्च को श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी।
इसके पूरे एक माह बाद अप्रैल में पांच मंत्रियों को शपथ दिलाकर श्री चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का गठन किया। इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होना था, लेकिन वह विभिन्न कारणों से लगातार टल रहा है।
विधानसभा में सदस्यों की संख्या के मान से राज्य में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इस तरह श्री चौहान अधिकतम 29 और लोगों को मंत्री बना सकते हैं।
राजनैतिक प्रेक्षकों के अनुसार दरअसल श्री सिंधिया से जुड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करना है। इसके अलावा भाजपा में पहले से ही मौजूद अनुभवी और वरिष्ठ विधायकों की भी कमी नहीं है। वर्तमान में प्रदेश भाजपा में भी सत्ता के अनेक केंद्र हैं। इन सब स्थितियों के साथ सभी के बीच सामंजस्य बिठाने का प्रयास किया जा रहा है।
घटनाक्रम-शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार मंगलवार को होने की संभावना थी
मध्यप्रदेश की तीन माह से अधिक पुरानी शिवराज सिंह चौहान सरकार के मंत्रिमंडल का बहुप्रतीक्षित विस्तार मंगलवार को होने की पूरी संभावना थी ।
मुख्यमंत्री श्री चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा रविवार को अपरान्ह भोपाल से दिल्ली रवाना हुए थे और रात में ही उनकी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हो गयी थी । बैठकों का दौर सोमवार को भी चला और श्री चौहान ने अपरान्ह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी । इसके बाद देर रात तक श्री चाैहान वापस भोपाल नहीं लौटे और मंगलवार को लौटने पर पता चला कि,अब मंत्रिमंडल का विस्तार बाद में किया जाएगा ।
इस बीच मध्यप्रदेश की प्रभारी राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल भी सोमवार की सुबह लखनऊ से भोपाल पहुंचने वाली थी और वे स्वयं शपथ ग्रहण करने वाली थी लेकिन उन्होंने आगमन स्थगित कर दिया था । उन्हें रविवार को ही मध्यप्रदेश के राज्यपाल पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। राज्यपाल लालजी टंडन के अस्वस्थ होने के चलते श्रीमती पटेल को यह प्रभार दिया गया है। पहले श्रीमती पटेल के आज भोपाल पहुंचने की संभावना थी, लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब वे बुधवार सुबह ही यहां आएंगी।
राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर काफी दिनों से कवायद चल रही है। नए मंत्रियों के नामों को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच सहमति बनाने और केंद्रीय नेतृत्व को विश्वास में लेने के लिए श्री चौहान दिल्ली रवाना हुए थे। उनके साथ प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत भी गए थे ।
राज्य में मार्च माह के राजनैतिक घटनाक्रमों के चलते वरिष्ठ नेता श्री सिंधिया ने कांग्रेस का साथ छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था और उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था। इन विषम स्थितियों में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 20 मार्च को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था और 23 मार्च को श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी।
इसके पूरे एक माह बाद अप्रैल में पांच मंत्रियों को शपथ दिलाकर श्री चौहान ने अपने मंत्रिमंडल का गठन किया। इसके बाद मंत्रिमंडल का विस्तार होना था, लेकिन वह विभिन्न कारणों से लगातार टल रहा था।
विधानसभा में सदस्यों की संख्या के मान से राज्य में अधिकतम 35 मंत्री हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इस तरह श्री चौहान अधिकतम 29 और लोगों को मंत्री बना सकते हैं, हालाकि रणनीतिक तौर पर हमेशा मंत्रिमंडल में कुछ स्थान रिक्त रखे जाते हैं।
मंत्रिमंडल विस्तार में श्री सिंधिया की राय को तवज्जो और उनके समर्थकों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिए जाने की पूरी संभावना है। अभी जो सूचनाएं मिल रही हैं, उसके अनुसार लगभग दो दर्जन नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है।
शिवराज ने नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद सिंधिया से भेंट कर बधाई दी थी:
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से भेंट कर बधाई दी।
श्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से लिखा था कि ‘आज नई दिल्ली में नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया से भेंट कर बधाई दी’।
उन्होंने कोविड-19 के राहत कार्यों के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में 30 लाख की राशि का चेक मुझे सौंपा। मध्यप्रदेश की बेहतरी के लिए आपके द्वारा दिये गए योगदान के लिए धन्यवाद देता हूँ।
नरोत्तम मिश्रा अचानक दिल्ली गए:
शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार पर पेंच शुरुआत से फंसता नजर आ रहाथा. दिल्ली में सीएम शिवराज सिंह की मौजूदगी में मंत्रिमंडल विस्तार के मंथन के बीच जब प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अचानक दिल्ली पहुंच गए थे. मिश्रा ग्वालियर में थे और वहां से उन्हें भोपाल आना था. उनके भोपाल में कई कार्यक्रम तय थे लेकिन उन्हें अचानक दिल्ली से बुलावा आया. वह ग्वालियर से सीधे दिल्ली पहुंच गए।
यह माना जा रहा है कि संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में पेंच फंसने की वजह से ग्वालियर चंबल के सभी प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाया गया . हालांकि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले से ही दिल्ली में मौजूद रहे ।
सूत्रों की मानें तो ग्वालियर चंबल में सबसे ज्यादा उपचुनाव की 16 सीट होने की वजह से मंत्रिमंडल विस्तार में वहां के गणित को साधने पर खासतौर से चर्चा की जा रही है. मंत्रिमंडल विस्तार के बाद बीजेपी के अपने नेताओं की संभावित नाराजगी दूर करने पर भी मंथन हो रहा है।
दो दिन तक जारी रहा मंथन:
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत 28 तारीख से दिल्ली में डेरा जमाए रहे । 28 तारीख को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा फिर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात हुई थी. उसके बाद देर रात गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे. दोनों के बीच करीब 2 घंटे तक विचार हुआ. 29 जून को भी दिल्ली में बैठकों के दौर जारी रहा ।
सिंधिया शिवराज मुलाकात में भी मंथन:
मंत्रिमंडल के नामों पर अंतिम मुहर लगने से पहले हो रहे मंथन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच भी मुलाकात हुई.दोनों नेताओं के बीच दिल्ली में 1 घंटे से भी ज्यादा तक मंथन हुआ।
बताया जा रहा है कि इसमें सिंधिया खेमे से मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले नामों और उनके विभागों को लेकर चर्चा की गयी.हालांकि जिस तरह से गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा अचानक दिल्ली पहुंचे हैं उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि मंत्रिमंडल के नाम फाइनल करने में अभी भी कुछ अड़चन है. सभी नामों और विभाग पर शायद सहमति नहीं बन पा रही है.।
इनसे भी हुई मुलाकात
रविवार को शिवराज ने संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री बीएल संतोश के साथ चर्चा की और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से भी मिलने गए। दोनों नेताओं के साथ मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हुई। इसके बाद रविवार शाम को ही आठ बजे पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करने उनके बंगले पर गए। यहां दो घंटे तक दोनों में चर्चा हुई।इसी के बाद रात में गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर पहुंचे, शिवराज के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत, प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे भी पहुंचे थे।
बताया जाता है कि अमित शाह के आवास पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पहुंच गए थे। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल के लिए क्षेत्र, वर्ग और सबसे अहम उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए नामों पर मंथन हुआ।
मध्यप्रदेश में दो डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा:
स्वास्थ्य एवं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्र भी दिल्ली पहुंच गए, शिवराज कैबिनेट में शामिल किए गए पांच मंत्रियों में से तुलसी सिलावट और नरोत्तम मिश्रा को डिप्टी सीएम बनाए जाने की चर्चा मजबूती के साथ हैं ।