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मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल के कई निर्णय: चना,मसूर व सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी, वि.वि. के दैवेभो होंगे स्थायी कर्मी Attack News

भोपाल 12 अप्रेल। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में विभिन्न विभागों के महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
बैठक में अधिक उत्पादन एवं बाजार भाव समर्थन मूल्य से कम होने के कारण कृषकों को उनके फेयर एवरेज क्वालिटी की उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर विक्रय सुनिश्चित करने के लिये राज्य शासन ने भारत सरकार की प्राईस सपोर्ट स्कीम में शासकीय संस्थाओं के माध्यम से वर्ष 2017-18(मार्केटिंग सीजन 2018-19) में चना, मसूर और सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी करने का निर्णय लिया ।
इसके लिये प्रदेश में 12 फरवरी से 31 मार्च 2018 तक कृषकों का पंजीयन किया गया है।
पंजीकृत किसानों से पात्रता अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना, मसूर एवं सरसों की खरीदी का कार्य 10 अप्रैल से 9 जून 2018 तक किया जायेगा।
मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 के लिये केन्द्रांश 5700 करोड़ और राज्यांश 5700 करोड़ कुल 11 हजार 400 करोड़ की राशि निरंतर रखने का निर्णय लिया।
जनजातीय कार्य
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति बस्ती विकास एवं विदयुतीकरण योजना को वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर संचालन के लिये 520 करोड़ रूपये स्वीकृत किये।
मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जनजाति की विद्यार्थी कल्याण योजना के वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 तक निरंतर संचालन की मंजूरी दी।
उच्च शिक्षा
मंत्रि-परिषद ने उच्च शिक्षा विभाग की शासकीय महाविद्यालयों में नवीन संकाय खोलने के लिये अनुदान योजना को आगामी 3 वर्ष तक निरंतर रखने के लिये 2 करोड़ 48 लाख 25 हजार रूपये की सैद्धांतिक स्वीकृति दी ।
मंत्रि-परिषद ने उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित विश्वविदयालयों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी को स्थाई कर्मी घोषित करने का निर्णय लिया ।
राजस्व विभाग
मंत्रि-परिषद ने सहरिया, बैगा एवं भारिया विशेष आदिम जनजातियों के उम्मीदवारों को पटवारी पद पर सीधी भरती के लिये विशेष प्रावधान करने का निर्णय लिया। इनके लिये पटवारी के 143 अतिरिक्त पद सृजित किये जाएंगे।
मंत्रि-परिषद ने जिला मुरैना में तहसील बामौर का सृजन कर नई तहसील के लिये 16 पदों के सृजन की मंजूरी दी। इसमें तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, सहायक ग्रेड-1, जमादार/दफ्तरी/बस्तावरदार, वाहन चालक का एक-एक पद, सहायक ग्रेड-2 के दो पद, सहायक ग्रेड-3 और भृत्य के चार-चार पद शामिल है।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग
मंत्रि-परिषद ने नरसिंहपुर खेल प्रशिक्षण अकादमी में खिलाड़ियों के भोजन, आवास, शिक्षण, परिवहन प्रतिभा चयन एवं प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिये आगामी 3 वर्ष निरंतरता के लिये कुल 1 करोड़ 11 लाख की राशि की मंजूरी दी है। इसमें वर्ष 2017-18 के लिये 25 लाख 59 हजार रूपये, वर्ष 2018-19 के लिये 40 लाख 66 हजार और वर्ष 2019-20 के लिये 44 लाख 75 हजार रूपये की राशि शामिल है।
सूक्ष्म एवं लघु उद्योग
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री कृषक उद्यमी योजना में संशोधन करने का निर्णय लिया। इसमें परियोजना लागत 50 हजार से 2 करोड़ रूपये तक होगी। आयु पात्रता में 18 से 45 वर्ष करने का निर्णय लिया गया है। पात्र परियोजनाओं में उद्योग (विनिर्माण), सेवा एवं व्यवसाय से संबंधित सभी प्रकार की परियोजनाएँ, कृषि आधारित परियोजनाएँ- एग्रो प्रोसेसिंग, फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, मिल्क प्रोसेसिंग, केटल फीड, पोल्ट्री फीड, फिश फीड, कस्टम हायरिंग सेन्टर, वेजीटेबल डीहाईड्रेशन, टिश्यू कल्चर, कैटल फीड, दाल मिल, राईस मिल, आईल मिल, फ्लोर मिल,बेकरी, मसाला निर्माण, सीड ग्रेडिंग/शॉर्टिंग और अन्य कृषि आधारित/ अनुषांगिक परियोजनाओं को प्राथमिकता है।
इस योजना का क्रियान्वयन सूक्ष्म, लघु और मध्यम उदयम विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग, जनजातीय कार्य विभाग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण विभाग, विमुक्त घुमक्कड़, एवं अर्द्धघुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग, किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, उद्यानिकी तथा खादय प्र-संस्करण विभाग, मछुआ कल्याण तथा मत्स्य पालन विभाग और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।
सहकारिता विभाग
मंत्रि-परिषद ने राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक एवं 38 जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के शेष कर्मचारियों के संविलियन के लिये नयी संविलियन योजना को अनुमोदित किया । संविलियन योजना की अवधि 31 मार्च 2019 रखी गई है।
मंत्रि-परिषद द्वारा पट्टा नवीनीकरण प्रक्रिया का अनुमोदन
राज्य सरकार द्वारा स्थाई पट्टों के नवीनीकरण तथा शर्त उल्लघंन के प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया के संबंध में जारी निर्देशों को आज मंत्रि-परिषद ने अनुमोदन प्रदान किया।
शासन का मानना है कि पट्टों का नवीनीकरण नहीं हो पाने तथा पट्टों की शर्तों के उल्लघंन के परिणामस्वरूप भू-भाटक के रूप में शासन को होने वाली निरंतर आय अवरूद्ध हो रही है। साथ ही जो पट्टेदार अपने पट्टे के भू-खण्ड को विक्रय,दान या अंतरित करना चाहते हैं वे अंतरण भी नहीं कर पा रहे हैं। इस स्थिति के समाधान के लिये राजस्व विभाग ने नई व्यवस्था स्थापित की है।
स्थाई पट्टे के नवीनीकरण तथा शर्त उल्लघंन के मामलों में जिला कलेक्टर या उनके द्वारा प्राधिकृत अपर कलेक्टर प्राधिकृत अधिकारी होंगें। पट्टा अवधि समाप्त हो जाने के बाद प्रस्तुत नवीनीकरण के आवेदन पर विलम्ब के लिये शमन राशि जमा कराना होगी। ऐसे मामलों में पट्टे की शर्तो के उल्लघंन या अपालन का परीक्षण करने के बाद ही प्रकरण नवीनीकरण के लिए आगे बढ़ाया जा सकेगा। स्थल निरीक्षण नजूल अधिकारी या तहसीलदार नजूल के माध्यम से कराया जाएगा।
यह अधिकारी पट्टेदार द्वारा जमा भू भाटक, बकाया राशि, उल्लंघन या अपालन की स्थिति, प्रचलित विकास योजना में नियत प्रयोजन के अनुसार उपयोग के संबंध में अपनी रिपोर्ट देंगे। जिसके आधार पर प्राधिकृत अधिकारी आगामी तीस वर्ष के लिये पट्टे का नवीनीकरण कर सकेंगे।
नवीनीकरण से पूर्व वार्षिक भू- भाटक का पुनर्निर्धारण हो, जो अंतिम निर्धारित भू भाटक का छ: गुना होगा।
स्थाई पट्टों की किन्हीं शर्तों के उल्लघंन या अपालन पर प्राधिकृत अधिकारी द्वारा पट्टेदार को समुचित अवसर देने के बाद ही प्रकरण का निराकरण किया जायेगा । प्राधिकृत अधिकारी शमन राशि लेकर पुर्नप्रवेश के अधिकार का त्यजन करते हुए शर्त उल्लंघन के मामलों का निराकरण कर सकेगा।
पट्टे की वैधता अवधि में अथवा नवीनीकरण के बाद यदि पट्टेदार पट्टे का उपयोग व्यवसायिक उददेश्य के लिए परिवर्तित कराना चाहता है और यह उपयोग विकास योजना में स्वीकृत है तो प्राधिकृत अधिकारी प्रीमियम व भू-भाटक निर्धारित करते हुए राशि जमा होने के बाद उपयोग परिर्वतन स्वीकृत कर सकेगा।
पट्टे की शर्त अनुसार भू-खण्ड में यदि अनुमति से अधिक क्षेत्रफल पर मूल प्रयोजन के लिए निर्माण किया गया है और इस संबंध में स्थानीय नगरीय निकाय की अनुमति प्राप्त की गई है अथवा शमन किया गया है तो पट्टे की ऐसी सुसंगत शर्त का उल्लंघन नहीं माना जायेगा।
मूल पट्टेदार की मृत्यु अथवा पट्टेदार द्वारा भू-खण्ड के विक्रय,दान की स्थिति में पट्टे के अंतरण की कार्यवाही अनिवार्य होगी। अंतरण के बाद छ: माह की अवधि के भीतर पट्टे के नवीनीकरण की कार्यवाही करना अनिवार्य होगा।attacknews.in

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