भोपाल, 05 जनवरी । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में आज हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के तहत किसानों के दो लाख रूपये तक के ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया। योजना में 31 मार्च 2018 तक के ऋण माफ होंगे और 12 दिसम्बर 2018 तक ऋण पटाने वाले किसान लाभांवित होंगे।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार एक अप्रैल 2007 को अथवा उसके बाद ऋण प्रदाता संस्था से लिये गये फसल ऋण को इसमें शामिल किया गया है। योजना में सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण प्राप्त करने वाले किसानों को अधिकतम दो लाख की सीमा तक योजना पात्रतानुसार लाभ देने का निर्णय लिया गया।
ऐसे किसान जिन पर 31 मार्च, 2018 की स्थिति में रेगुलर आउट-स्टेंडिंग लोन और एनपीए/कालातीत लोन था तथा जिन किसानों ने दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 तक पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से कृषि ऋण पटा दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जायेगा। प्राथमिक कृषि साख समितियों द्वारा दिये गये अल्पकालीन फसल ऋण भी योजना में शामिल रहेंगे। योजना के दायरे में भूतपूर्व सैनिक शामिल रहेंगे।
मंत्रिपरिषद की बैठक में बताया गया कि योजना का लाभ लगभग 55 लाख कृषकों को मिलेगा। इसमें लघु और सीमांत 37 लाख कृषकों को प्राथमिकता से ऋण माफी का लाभ मिलेगा। प्रत्येक विकासखंड में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत योजना के क्रियान्वयन के लिये जिम्मेदार होंगे। सूची के प्रकाशन के बाद आधार कार्ड सीडेड सूची (हरी सूची) के किसानों से हरे रंग के आवेदन-पत्र तथा गैर आधार कार्ड सीडेड सूची (सफेद सूची) के किसानों से सफेद रंग के आवेदन-पत्र ग्राम पंचायत में सूची चस्पां होने के बाद ग्राम पंचायत कार्यालय में ऑफ लाइन प्राप्त किये जायेंगे।
दोनों सूची में शामिल नहीं होने वाले किसान गुलाबी रंग के आवेदन-पत्र में आवेदन कर सकेंगे। तीनों किस्म के आवेदन-पत्र की जानकारी 26 जनवरी 2019 को ग्राम सभा की बैठक में दी जायेगी। मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन के बारे में प्राप्त होने वाले सुझावों और क्रियान्वयन प्रक्रिया में आने वाली दिक्कतों के निराकरण के लिये मंत्रि-परिषद की समिति निर्णय लेगी। समिति मुख्य रूप से छूटे हुए किसानों से संबंधित निर्णय लेगी।
किसानों को 22 फरवरी 2019 से उत्साह पूर्वक कार्यक्रम कर ‘ऋणमुक्ति प्रमाण-पत्र’ और किसान सम्मान-पत्र दिये जायेंगे। ऐसे किसान जिन्होंने 31 मार्च 2018 को बकाया ऋण को पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से दिनांक 12 दिसंबर 2018 तक पटा दिया है, उन्होंने योजना में लाभ प्रदान करने के अतिरिक्त ‘किसान सम्मान-पत्र’ से सम्मानित किया जायेगा।
बैठक में मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना अन्तर्गत दी जाने वाली राशि को 28 हजार से बढाकर 51 हजार रूपये करने का निर्णय लिया। इस राशि में से सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजन के लिये अधिकृत निकायों को 3 हजार रूपये प्रति कन्या के मान से और शेष राशि 48 हजार कन्या के बचत बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी। आदिवासी अंचलों में जनजातियों में प्रचलित विवाह प्रथा के तहत होने वाले एकल या सामूहिक विवाह को भी कन्या विवाह सहायता की राशि दी जाएगी।
मंत्रि-परिषद ने ग्वालियर व्यापार मेला वर्ष 2018-19 में मध्यप्रदेश में पंजीकृत गैर परिवहन यानों तथा छोटे परिवहन यानों को, मेला अवधि के दौरान विक्रय पर जीवन काल कर में 50 प्रतिशत की छूट सशर्त देने का निर्णय लिया।
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