कांग्रेस पार्टी का गढ़ रही मध्यप्रदेश की मंडला संसदीय सीट 5 चुनावों से भाजपा के फग्गन सिंह कुलस्ते के नाम है लेकिन इस बार आसान नहीं है attacknews.in

मंडला, 17 मार्च । लंबे समय तक कांग्रेस का गढ़ रही और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित मध्यप्रदेश की मंडला संसदीय सीट को आजादी के करीब सात दशक बाद भी महिला प्रतिनिधित्व की दरकार है।

वर्तमान में यहां से भारतीय जनता पार्टी के फग्गन सिंह कुलस्ते सांसद हैं। मंडला संसदीय सीट पर पांच बार भाजपा ने जीत हासिल की है और हर बार पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री कुलस्ते ने ही उसे यहां से जीत दिलायी। वह 1996 से 2004 तक लगातार वह यहां से सांसद चुने गए। वर्ष 2009 में कांग्रेस के बसोरी सिंह ने उनसे ये सीट छीन ली, लेकिन अगले ही चुनाव में साल 2014 में श्री कुलस्ते फिर से यहां काबिज हो गए। मंडला जिला आदिवासी बहुल इलाका है और इस क्षेत्र के लोग कृषि पर सबसे ज्यादा निर्भर हैं। जिले में अनुसूचित जनजाति के लोगों की आबादी अच्छी खासी है।

इस सीट के चुनाव इतिहास पर नजर डाली जाये तो 1957 यहां पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के मंगरू गनू उइके सांसद चुने गए। वह 1971 तक यहां से लगातार चुनाव जीतते रहे ।

कांग्रेस काे 1977 के चुनाव में यहां पहली बार हार का सामना करना पड़ा । भारतीय लोकदल पहली बार इस सीट को जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस ने 1980 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर इस सीट पर वापसी की और 1991 तक अपना कब्जा बरकरार रखा। कांग्रेस कुल मिलाकर नौ बार इस सीट पर जीती है।

वर्ष 1996 से यहां श्री कुलस्ते का जादू चलना शुरु हुआ और वह लगातार चार चुनाव जीते। उन्हें 2009 में हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस के बासोरी सिंह ने कुलस्ते को शिकस्त दी थी। बासोरी सिंह को 3,91,113 वोट तथा श्री कुलस्ते को 3,26,080 वोट मिले। श्री कुलस्ते ने मोदी लहर में उन्होंने 2014 में यहां फिर वापसी की। पिछले चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के ओमकार सिंह को हराया था। श्री कुलस्ते को 5,85,720 तथा ओमकार सिंह को 4,75,521 वोट मिले थे.

मंडला संसदीय क्षेत्र में शहपुरा, डिंडोरी, बिछिया, निवास, मंडला, केवलारी, लखनादौन और गोटेगांव विधानसभा सीट शामिल हैं। वर्तमान में इनमें से छह पर कांग्रेस और दो पर भाजपा का कब्जा है। यहां चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा।

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