भोपाल, 07 जून ।स्टायपेंड समेत विभिन्न मांगों को लेकर मध्यप्रदेश में पिछले लगभग एक सप्ताह से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन (जूडा) से संबंधित जूनियर डॉक्टर आज आंदोलन समाप्ति की घोषणा कर काम पर लौट आए।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और अन्य सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों (मेडिकल कॉलेज) के लगभग तीन हजार जूनियर डॉक्टर्स पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर थे।
जूडा के पदाधिकारियों ने यहां चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मुलाकात के बाद आंदोलन समाप्ति की घोषणा की।
श्री सारंग ने ट्वीट कर जानकारी दी और लिखा है ”सभी जूनियर डॉक्टर्स काम पर वापस आ गए हैं, बधाई।
” आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि जूडा की जायज मांगों पर विचार किया जाएगा।
जूनियर डॉक्टरों से कहा गया था कि उन्हें अभूतपूर्व कोरोना संकट के बीच पहले काम पर लौटना चाहिए।
इस संबंध में राज्य उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला भी दिया गया था।
जूनियर डॉक्टरों की प्रमुख मांग स्टायपेंड में वृद्धि की है, जो पहले से ही 50 हजार रुपए प्रतिमाह से अधिक है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में बताया: हड़ताल समाप्त, काम पर लौटे जूडा
जबलपुर, से खबर है कि, मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय के आदेश का परिपालन करते हुए जूनियर डॉक्टर हड़ताल समाप्त कर काम पर लौट आये है।
मुख्य न्यायाधीश मोह. रफीक व न्यायाधीश सुजय पॉल की युगलपीठ के समक्ष यह जानकारी आज पेश की गई। सुनवाई के दौरान जूडॉ की ओर से कहा गया कि मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा कुछ जूनियर डॉक्टरों को राशि जमा करने का नोटिस दिया गया है। इस मामले में महाधिवक्ता ने युगलपीठ को जारी नोटिस को वापस लेने का आश्वासन दिया।