भोपाल, 16 अक्टूबर । मध्यप्रदेश आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष गौरी सिंह ने आज राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जांच एजेंसियों को उपयुक्त परामर्श जारी करने का आग्रह किया है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गौरी सिंह की ओर से लिखे गए पत्र में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) द्वारा मध्यप्रदेश कैडर के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के मामले की जांच का जिक्र किया गया है।
मध्यप्रदेश आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन की अध्यक्ष गौरी सिंह ने पत्र में राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और उनके शहरी विकास विभाग में कार्यकाल का जिक्र करते हुए लिखा है कि यह मामला पहले भी उठा था और इस मामले में विभाग के वर्तमान प्रमुख सचिव ने प्रतिवेदन भी पेश किया है। इस प्रतिवेदन में अन्य बातों के अलावा इस बात का भी जिक्र है कि ‘उचित और पारदर्शी प्रक्रिया’ अपनायी गयी।
उन्होंने लिखा है कि लेकिन यह आश्चर्य का विषय है कि ईओडब्ल्यू के प्रमुख अधिकारी ने इस मामले के संबंध में प्रेस को बताने का निर्णय लिया। और वो भी संबंधित विभाग से विवरण और तथ्य मांगे बगैर। इसके मद्देनजर उन्होंने मुख्य सचिव से अनुरोध किया है कि जांच एजेंसियों को उपयुक्त परामर्श जारी किए जाएं।
सुश्री गौरी सिंह ने पत्र की शुरूआत में लिखा है कि जांच एजेंसियों में जिम्मेदार पदों पर बैठे अधिकारियों द्वारा मामले की उचित जांच करने के पहले ही केस से संबंधित विवरण, शिकायत और संभावित निष्कर्ष प्रेस के साथ साझा किए जाकर प्रसिद्धि पाने का चलन देखा जा रहा है। यह चलन शासकीय सेवकों के लिए काफी हतोत्साहित करने वाला और निर्णय लेने की प्रक्रिया पर विपरीत प्रभाव डालने वाला है।
उन्होंने लिखा है कि अधिकारी अक्सर अपने आधिकारिक दायित्व के चलते जटिल निर्णय लेते हैं, जिसमें कई लोग शामिल रहते हैं। ऐसे अनेक मामले हैं, जिनमें प्रतिस्पर्धियों के हित अंतिम निर्णय से प्रभावित होते हैं और वे या तो अदालत की शरण में जाते हैं या फिर जांच एजेंसियों में शिकायत दर्ज कराते हैं। इन स्थितियों में जांच एजेंसियों से अपेक्षा की जाती है कि वे निष्पक्ष भाव से ऐसे मामलों की जांच करें और इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि संस्थाओं और व्यक्तियों की छवि अनावश्यक रूप से मलिन नहीं की जाए।