भोपाल, 16 अगस्त । मध्यप्रदेश में पिछले चौबीस घंटों में कई स्थानों पर हुई मूसलाधार बारिश से नदी नालों में उफान आने और 10 से 11 बड़े बांधों के लबालब होने के बाद अतिरिक्त पानी की निकासी करने से कुछ स्थानों पर बाढ़ के हालात बन गए हैं।
इस दौरान नदी नालों में बहने से 6 लोगों की मौत हो गई है। इसमें राजगढ़ जिले में सुकड़ी नदी का पुल पार करते हुए बाई सवार एक युवक बह गया। उज्जैन जिले की महीदपुर तहसील में दो महिलाओं सहित तीन लोगों बह गए तथा खाचरोद कस्बे में दो बच्चे बह गए। इनमें से 5 लोगों के शव बरामद हुए हैं।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल समेत लगभग समूचे राज्य के इन दिनों भारी बारिश से बेहाल होने के चलते सड़कों पर सैलाब जैसे मंजर दिखाई दे रहे हैं। कई शहरों का एक-दूसरे से संपर्क पूूरी तरह कट गया है।
लगातार बारिश के चलते लगभग सभी छोटे-बड़े बांधों के गेट लगातार खोले जा रहे हैं। इसी बीच राज्य के विभिन्न हिस्सों में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर स्थानों पर जलभराव, नदियों का पानी पुलों के ऊपर से बहने की समस्याओं की खबरें राजधानी भोपाल तक पहुंच रही हैं।
ध्वजारोहण कर लौट रहीं दो शिक्षिकाओं समेत तीन बहे
उज्जैन जिले में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर स्कूल में ध्वजारोहण के बाद लौटने के दौरान कार समेत उफनते नाले में बहीं दो शिक्षिकाओं समेत तीन लोगों के आज शव बरामद कर लिए गए।
महिदपुर पुलिस सूत्रों के अनुसार झार्डा थाना क्षेत्र के बरखेड़ा खुर्द स्कूल की दो शिक्षिकाएं नीता सरकार व शैलजा पारीख कल कार से अपने स्कूल में झंडावंदन करने गईं थीं। लौटते समय महिदपुर थाना क्षेत्र के पिलियाखाल नाले में पानी होेने के बावजूद कार चालक राधेश्याम ने नाला पार करने की कोशिश की। इस दौरान कार चालक समेत तीनों लोग बह गए। सभी लोग इन्दौर निवासी हैं।
उफनते नाले में दो बच्चे बहे
उज्जैन जिले में दो अलग-अलग क्षेत्रों में उफनते नालों में दो बच्चे बह गए।
एक शव पुलिस ने आज बरामद कर लिया। दूसरे की तलाश की जा रही है।
इंदिरा सागर बांध के गेट खोले-
खंडवा, 16 अगस्त (वार्ता) बारिश से त्राहि-त्राहि कर रहे मध्यप्रदेश में नर्मदा में जलप्रवाह लगातार बढ़ने के बीच आज खंडवा जिले स्थित इंदिरा सागर बांध के भी चार गेट खोल दिए गए।
ये चारों गेट आधा-आधा मीटर खोले गए हैं। जिले स्थित ओंकारेश्वर बांध में यह स्थिति अभी नहीं बनी है। प्रशासन ने बांध के डूब क्षेत्र के सभी गांवों में मुनादी करवा कर निचली बस्तियों के लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। ओंकारेश्वर में श्रद्धालुओं को नर्मदा में स्नान करने से रोक दिया गया है।
इंदिरा सागर बांध बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार इंदिरा सागर बांध की अधिकतम क्षमता 262.13 मीटर की है जिसमें अभी 260. 92 मीटर पानी भरा हुआ है। इस बांध की सभी आठ टरबाईन चालू रखकर इससे पूर्ण क्षमता में विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। यहाँ से कुल दो हजार 340 क्यूसेक जलराशि प्रवाहित हो रही है। ओंकारेश्वर बांध की अधिकतम क्षमता 196. 60 मीटर की है जहाँ फ़िलहाल जलस्तर 192.57 मीटर का है। यहाँ अभी बांध के गेट नहीं खोले गए है।
शिवपुरी का अशोकनगर से कटा संपर्क
शिवपुरी एवं उसके आसपास के जिलों में पिछले दो दिनों से जारी बारिश के बाद शिवपुरी का जहां एक ओर अशोकनगर जिले से संपर्क टूट गया है, वहीं शिवपुरी के कई गांव भी जिला मुख्यालय से कट गए हैं।
जिले में लगभग सभी नदी नाले उफान पर हैं। सिंध नदी में पिछले दो दशकों बाद इतना पानी आया है। शिवपुरी के पास बने अटल सागर मणिखेड़ा बांध के आज दोपहर तक गेट खोले जाने संभावना है। इसे देखते हुए निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
बरगी बांध के 15 गेट खोले-
जबलपुर जिले स्थित बरगी बांध के पंद्रह गेट खोले जाने के कारण नर्मदा नदी के ऊफान पर आने से रायसेन जिले के बरेली के समीप बारना नदी के पुल पर बैक वाटर आ गया जिसके चलते रायसेन का जबलपुर और भोपाल से सड़क संपर्क टूट गया।
बरगी बांध के सभी गेट खुले होने से देर रात को बरेली के पास बारना नदी पर पानी आ गया। जिस कारण नर्मदा नदी के किनारे बसे गावों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बारना पुल पर पानी आने से राष्ट्रीय राजमार्ग 12 का सड़क मार्ग बंद हो गया है। इसके भोपाल जबलपुर सड़क मार्ग बन्द है। दोनों तरफ बाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। वहीं विदिशा रायसेन राष्ट्रीय राजमार्ग 146 तीन दिन से है बंद है।
यहां बेतवा के पगनेश्वर पुल पर 10 फिट पानी है। जबलपुर के बरगी डेम के 15 गेट खुले हुए हैं। इसके चलते रायसेन जिले के उदयपुरा में नर्मदा नदी पर बने पुल पर पानी आ गया है। यह पुल रायसेन जिले को नरसिंहपुर जिले से जोड़ता है। इस क्षेत्र में लगभग 100 ग्राम बसे हुए हैं, जिनका संपर्क पर टूट गया है।
बरगी बांध के कंट्रोल रूम के अधिकारियों के अनुसार बुधवार रात से बरगी डेम के 15 गेट डेढ़ मीटर तक खोले गए हैं। जिनसे 3450 क्यूसिक पानी प्रति सेकेंड निकल रहा है। बताया गया है कि 1 लाख 28 हजार 900 क्यूसिक पानी छोड़ा जाना है। जिस कारण वर्तमान जलस्तर से नर्मदा नदी का जलस्तर 5 से 6 मीटर ऊपर बढने की संभावना है। अचानक बढ़ते जलस्तर को दृष्टिगत रखते हुए रायसेन जिला प्रशासन ने यहां नर्मदा नदी किनारे बसें ग्रामों में मुनादी भी कराई गयी है।
रपटा पार करते बहे युवक की मौत
राजगढ़ जिले के लीमाचौहान थाना क्षेत्र के ग्राम दराना में एक युवक उतावली नदी के रपटे को पार करते तेज बहाव में बह गया, जिसका शव आज बरामद कर लिया गया।
पुलिस के अनुसार दराना निवासी बनेसिंह वर्मा गांव के रपटे पर कल उस समय बह गया, जब उतावली नदी काफी ऊफान पर थी। पहले युवक द्वारा रपटे पर सेल्फी ली गई। इसके बाद उसने उफनते रपटे को पार करना चाहा। इसी बीच उसका संतुलन बिगड़ गया और वह पानी के तेज बहाव में बह गया। लोगों ने उसे बचाने का प्रयास किया किया, किंतु पानी के तेज बहाव में युवक बह गया।
नीमच में औसत से छह इंच ज्यादा हुई बारिश
नीमच जिले में पिछले चौबीस घण्टों से अनवरत जारी बारिश के चलते चालू मानसून सत्र में अभी तक लगभग 39 इंच वर्षा दर्ज हुई है, जो जिले की औसत बारिश से 6 इंच अधिक है।
लगातार पानी बरसने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। जिला मुख्यालय नीमच की कुछ निचली बस्तियों के घरों में पानी भर आया है। जिले की रेतम नदी उफान पर होने से ग्राम पालसोड़ा और आसपास के क्षेत्रों के खेतों और घरों में पानी भर गया है।
पांच दिन बाद सीहाेर को मिली बरसात से राहत
सीहोर जिले में पिछले पांच दिनों से लगातार हो रही बरसात से आज लोगों को कुछ हद तक राहत मिली है।
लगातार बारिश से जिले में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। नर्मदा, पार्वती और अन्य नदियां उफान पर आ गई हैं। बस्तियों ओर गांवों में भी पानी भर गया है।
मध्यप्रदेश के 28 जिलों में सामान्य से अधिक और 19 जिलों में हुई सामान्य वर्षा
मध्यप्रदेश में इस वर्ष मानसून में एक जून से 1 जून से 15 अगस्त तक 28 जिलों में सामान्य से अधिक, 19 जिलों में सामान्य और 4 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रदेश में सर्वाधिक वर्षा मंदसौर जिले में और सबसे कम वर्षा सीधी जिले में दर्ज हुई है। प्रदेश के सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिलों में मंदसौर, नीमच, झाबुआ, भोपाल, बुरहानपुर, बड़वानी, शाजापुर, रतलाम, खंडवा, आगर-मालवा, उज्जैन, अलीराजपुर, सीहोर, इंदौर, राजगढ़, रायसेन, खरगोन, गुना, सिंगरौली, धार, नरसिंहपुर, देवास, श्योपुरकलां, अशोकनगर, होशंगाबाद, मंडला, जबलपुर और विदिशा जिले शामिल हैं।