भोपाल, 3 मई । मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि ऑक्सीजन की समस्या के दीर्घकालीन निदान के लिए ऑक्सीजन उत्पादन के लिए अधिकतम 75 करोड़ रुपए तक की सहायता का विशिष्ट पैकेज प्रदान करने का निर्णय सरकार ने लिया है।
उन्होंने बताया कि इस संबंध में प्रशासन द्वारा आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। योजना का लाभ नवीन इकाइयों, पूर्व से संचालित इकाइयों, मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को भी मिल सकेगा।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु विशिष्ट पैकेज अंतर्गत प्रदेश में न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता की इकाइयों को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन ( रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता देय होगी। इसके तहत अधिकतम 75 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान की जाएगी। इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर एक रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त एक रूपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी।
डॉ.मिश्रा ने बताया कि इकाइयों द्वारा सुरक्षा मानकों में किए गए व्यय का 50 प्रतिशत अधिकतम एक करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति भी की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से लघु सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए 3 वर्षों में तीन किश्तों में तथा वृहद उद्योगों को 5 वर्षों में पाँच किश्तों में मिल सकेगी।
डॉ.मिश्रा ने बताया कि विशिष्ट पैकेज योजना से प्रदेश में अधिकतम स्थानों पर ऑक्सीजन उत्पादन संबंधी इकाइयाँ लगाई जा सकेगी और पूर्व संचालित इकाइयों का विस्तार भी निश्चित तौर पर होगा। इससे ऑक्सीजन संबंधी समस्या का न केवल तात्कालिक अपितु दीर्घकालिक निदान भी हो सकेगा।
मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन के लिये मिलेगी विशेष वित्तीय सहायता
राज्य शासन ने प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की क्षमता वृद्धि के लिये प्रोत्साहन हेतु इकाईयों को विशेष वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया है। इस संबंध में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन के प्रमुख सचिव श्री संजय कुमार शुक्ल ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग के सचिव, मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक तथा सभी कलेक्टरों को सूचित किया है।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने बताया कि प्रदेश में पात्र इकाई जिनकी उत्पादन क्षमता न्यूनतम 10 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा ऑक्सीजन उत्पादन की होगी, को यंत्र एवं संयंत्र तथा भवन (भूमि एवं रिहायशी इलाकों को छोड़कर) में किये गये पूंजी निवेश पर 50 प्रतिशत की स्थिर दर से मूल निवेश प्रोत्साहन सहायता देय होगी। उक्त सहायता की अधिकतम सीमा 75 करोड़ रूपये होगी। पात्र इकाईयों को प्रचलित विद्युत टेरिफ पर एक रूपये प्रति यूनिट की छूट दी जायेगी। उक्त छूट एमपीईआरसी द्वारा दी जा रही छूट, यदि कोई हो, के अतिरिक्त एक रूपये प्रति यूनिट होगी। इसकी प्रतिपूर्ति एमएसएमई या एमपीआईडीसी द्वारा पात्र इकाईयों को की जायेगी। इस सुविधा का लाभ वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ दिनांक से 3 वर्ष की अवधि के लिये प्राप्त हो सकेगा।
प्रमुख सचिव श्री शुक्ल ने सभी कलेक्टरों से कहा है कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादकता बढ़ाने के लिये अपने जिले में स्थित ऑक्सीजन उत्पादक इकाईयों, ऑक्सीजन उपकरण निर्माता इकाईयों, बड़े निजी अस्पतालों एवं इच्छुक उद्यमियों को मेडिकल ऑक्सीजन की उत्पादक इकाईयाँ स्थापित करने के लिये प्रेरित करें।