भोपाल, 01 दिसंबर ।मध्यप्रदेश में सरकारी विद्यालयों की गुणवत्ता सुधारने के प्रयासों के बीच स्कूल शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए पहले चरण में 84 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई प्रारंभ की है, जिनमें से 16 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति प्रदान की गयी है।
दरअसल मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित दसवीं की परीक्षा में काफी दयनीय परिणाम देने वाले विद्यार्थियों से जुड़े शिक्षकों को पिछले छह माह के दौरान विभागीय परीक्षाओं के दौर से गुजरना पड़ा। इसके बाद 84 ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार की गयी, जो कसौटी पर खरे नहीं उतरे और अंतत: उन्हें सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है।
स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि 50 वर्ष की आयु अथवा 20 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर शासकीय सेवकों ( शिक्षकों) के अभिलेखों की छानबीन के लिए विभागाध्यक्ष स्तर पर एक समिति गठित की गयी है, जिसमें लोक शिक्षण आयुक्त जयश्री कियावत, लोक शिक्षण संचालक गौतम सिंह और स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव सुधीर कोचर सदस्य हैं। समिति ने इन 84 प्रकरणों के संदर्भ में परीक्षण कर अपनी सिफारिशें शासन को भेजी और इस आधार पर कल कार्रवाई की गयी।
सूत्रों ने बताया कि इसी वर्ष मई में यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्णय लिया गया था कि कक्षा दसवीं के विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम कम आने के कारणों का विश्लेषण कर संबंधित शालाओं में कार्यरत शिक्षकों की दक्षताओं को परखा जाए। इसके लिए इसी वर्ष 12 जून को ऐसे शिक्षकों के लिए परीक्षा आयोजित की गयी, जिनके विषय से संबंधित विद्यार्थियों के परिणाम 30 प्रतिशत से कम थे।