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शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश के सभी नगरीय निकायों में लागू होगी पथ विक्रेता कल्याण योजना और हर घर में नल के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचाया जायेगा attacknews.in

भोपाल, 19 मई ।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में न्यू इंडिया के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है।

श्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में न्यू इंडिया का निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए सभी प्रदेशों का सकारात्मक योगदान महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए हम प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर भारत अभियान के संदर्भ में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए मंत्रियों और अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए मध्यप्रदेश अपना हरसंभव योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि श्री मोदी के मार्गदर्शन में हम प्रदेश में कृषि, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों का तेज़ी से विकास कर रहे हैं। जनकल्यानकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और विकासोन्मुखी नीतियों के निर्माण पर हमारा फोकस है जिससे मध्यप्रदेश को अग्रणी राज्य बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति होगी।

हर घर में नल के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचाएंगे: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा ली गई वीसी में कहा कि राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचाने के लक्ष्य को पूरा किया जाएगा।

आधिकारिक जानकारी अनुसार श्री चौहान ने मंत्रालय में वीडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से केन्द्रीय मंत्री श्री शेखावत से कहा कि केन्द्र द्वारा लक्ष्य को वर्ष 2024 के स्थान पर वर्ष 2023 तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। तद्नुसार योजना का पुनर्निधारण कर मिशन मोड में कार्य किया जाएगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव तथा अन्य संबंधित उपस्थित थे।

वीसी में केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री शेखावत ने बताया कि जल-जीवन मिशन के अंतर्गत अब वर्ष 2023 तक निर्धारित लक्ष्यों को पूरा किया जाना है। इस वर्ष केन्द्र सरकार मिशन के क्रियान्वयन के लिए मध्यप्रदेश को 1280 करोड़ रूपए का बजट देगी। इतनी ही राशि राज्य सरकार मिलाएगी। इसके साथ इस बार मध्यप्रदेश को लगभग 6500 करोड़ रूपए मनरेगा के अंतर्गत प्रदाय किए जाएंगे।

श्री शेखावत ने बताया कि मनरेगा में 65 प्रतिशत राशि जल संबंधी कार्यों के लिए खर्च की जानी है। अत: इसमें से भी कुछ राशि का प्रयोग जल जीवन मिशन के लिए किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रदेश में घर पर नल के माध्यम से जल प्रदाय से शेष लगभग 85 प्रतिशत (103.67 लाख) परिवारों को फंक्शनल हाऊसहोल्ड टैप कनेक्शन (एफएचटीसी) के माध्यम से वर्ष 2023-24 तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2012 में जल निगम का गठन किया गया था, जिसके द्वारा समूह जल प्रदाय योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मिशन शुरू हुए लगभग 09 माह व्यतीत हो गए हैं परंतु इसमें अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है।

श्री चौहान ने कहा कि कार्य को गति देने के लिए प्रदेश में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन बनाए जाकर उसके अंतर्गत अपेक्स समिति एवं एग्जीक्यूटिव समितियों का गठन कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के दिशा निर्देश अनुरूप मिशन के लेन-देन के लिए सिंगल नोडल एकाउंट खोले जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। साथ ही मिशन के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक संस्थाओं के एनपैनलमेंट की कार्रवाई भी शुरू हो गई है। पूर्व से स्थापित तथा वर्तमान में प्रचलित योजनाओं के रेट्रोफिटिंग का कार्य तुरंत प्रारंभ किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के कुल 321 गुणवत्ता प्रभावित गाँवों में शुद्ध पेयजल इस वर्ष के अंत तक उपलब्ध करवा दिया जाएगा। वर्ष 2020-21 की प्रस्तावित कार्ययोजना में अधिक से अधिक अजा-अजजा बाहुल्य गाँवों में कार्य प्रारंभ कराए जाएंगे। सांसद आदर्श ग्राम तथा आकांक्षी जिलों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जल निगम द्वारा 1231 करोड़ की 19 समूह योजनाओं को पूरा कर लिया गया है।

सभी नगरीय निकायों में लागू होगी पथ विक्रेता कल्याण योजना-शिवराज

केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक निर्भरता पैकेज का लाभ लेने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तत्काल तैयारियाँ करने के निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में पथ विक्रेता कल्याण योजना लागू होगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में मंत्रिपरिषद के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केन्द्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ और ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ संदर्भ में चर्चा करते हुए कहा कि इस पैकेज में मनरेगा, शहरी पथ विक्रेता और छोटे उद्योगों के लिये महत्वपूर्ण रियायतें और योजनाएँ घोषित की गई हैं।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण और क्रियाशील पूँजी उपलब्ध करवाने की योजना में नगर निगम सीमा के पथ विक्रेताओं के साथ ही प्रदेश के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में कार्यरत पथ विक्रेताओं को लाभान्वित किया जाये। योजना में हितग्राही को ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 10 हजार रुपये की पूँजी दी जायेगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के पैकेज के साथ ही राज्य स्तर पर विभागों की योजनाओं को इस तरह जमीन पर उतारा जाएगा जिससे निर्धन तबके को विशेष रूप से राहत मिले।

श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत के लिए पैकेज घोषित कर विभिन्न क्षेत्रों में योजनाबद्ध ढंग से प्रावधान किये हैं। मध्यप्रदेश की स्थानीय परिस्थितियों की दृष्टि से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प है, जिससे उद्योग, रोजगार, ग्रामीण विकास, कृषि के क्षेत्रों में कार्यों से बड़े वर्ग को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस समय जरूरतमंद श्रमिकों को काम की आवश्यकता है, जिससे उनकी रोजी-रोटी का ठीक से प्रबंध हो सके। इस उद्देश्य से गौशाला निर्माण, मंदिर सरोवर, मंदिर उद्यान के अधिकाधिक कार्य मनरेगा के तहत लिए जायें। मंदिर गौशाला के कार्यो को प्राथमिकता दी जाये। इसके लिए ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से कार्यवाही करें। मनरेगा के तहत ऐसी संरचनाएं निर्मित की जाएं, जिनमें बारिश में भी कार्य संभव हो सकें। हर जरूरतमंद को कार्य मिले। इन कार्यों में मशीनों का प्रयोग नहीं किया जाए। इसके साथ ही स्थायी प्रभाव वाले स्टाप डेम, चेक डेम, सरोवर निर्माण, खेत तालाब, मेड़ बन्धान, नंदन फलोद्यान जैसे कार्य करवाये जायें। स्थानीय श्रमिकों के साथ ही बाहर के श्रमिकों को भी जॉब कार्ड प्रदान किये जायें।

इस बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम विभाग और नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रेजेंटेशन हुए।

बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और गृह मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्र, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, किसान कल्याण एवं कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, खाद्य नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण एवं सहकारिता मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, आदिम जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह सहित मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।

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