भोपाल, 01 मार्च । केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2019-20 के पुनरीक्षित अनुमान में राज्यों को केंद्रीय करों में दी जाने वाली हिस्सेदारी को बहुत कम किया गया है, जिस वजह से राज्य की वित्तीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
वर्ष 2021-22 के लिए राज्य सरकार के वार्षिक बजट को विधानसभा में पेश किए जाने के एक दिन पहले आज यहां मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण (2020 21) जारी किया गया, जिसमें यह टिप्पणी की गयी है।
सर्वेक्षण के मुताबिक राज्य के सकल घरेलु उत्पाद में 3़ 37 प्रतिशत की कमी हुयी है। इसके अलावा प्रति व्यक्ति शुद्ध आय में भी 6़ 12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है। राजस्व प्राप्तियां भी पिछले वर्ष की तुलना में 8़ 05 प्रतिशत कम है।
सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2011 12 के स्थिर भावों पर मध्यप्रदेश के सकल घरेलु उत्पाद में वित्त वर्ष 2019 20 की तुलना में वर्ष 2020 21 (अग्रिम) में 3़ 37 प्रतिशत की कमी रही, जबकि वर्ष 2019 20 में वर्ष 2018 19 की तुलना में 9़ 63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी।
आधार वर्ष 2011 12 के स्थिर भावों पर प्रदेश का सकल घरेलु उत्पाद 3,15,562 करोड़ रुपए था, जो वर्ष 2019 20 एवं 2020 21 में बढ़कर क्रमश: 5,80,406 करोड़ रुपए एवं 5,60,845 करोड़ रुपए हाे गया। इस तरह 2019 20 की तुलना में 2020 21 में कमी दर्ज की गयी।
सर्वेक्षण के अनुसार 2020 21 के अग्रिम अनुमानों के अनुसार राज्य के सकल घरेलु उत्पाद में वर्ष 2019 20 की तुलना में प्रचलित भावों पर 2़12 प्रतिशत तथा स्थिर भावों पर 3़ 37 प्रतिशत की कमी रही। वर्ष 2020 21 के दौरान विगत वर्ष से प्राथमिक क्षेत्र में 2़ 57 प्रतिशत की वृद्धि आकलित की गयी है। इसी प्रकार द्वितीयक एवं तृतीयक क्षेत्र में क्रमश: 3़ 90 प्रतिशत की और 8़ 94 प्रतिशत की कमी अनुमानित रही है।