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मध्यप्रदेश में 2021 22 के लिए 2 लाख 41 हजार करोड़ रुपयों के प्रावधान वाले बजट में “आत्मनिर्भरता” को बनाया गया प्रमुख आधार attacknews.in

भोपाल, 02 मार्च । मध्यप्रदेश विधानसभा में आज वित्त वर्ष 2021 22 के लिए पेश किए गए वार्षिक बजट से संबंधित प्रमुख आकड़े और विभिन्न विभागों के बजट प्रावधान संबंधी इस प्रकार हैं।

-वर्ष 2021-22 में वर्ष 2020-21 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य के स्वयं के कर राजस्व में 22 प्रतिशत की वृद्धि

-मैग्निफिसेंट एमपी इन्वेस्टमेंट आकर्षण योजना हेतु 1237 करोड़। जिला /सिविल अस्पताल एवं औषधालय हेतु 1208 करोड़। चिकित्सा महाविद्यालय तथा संबद्ध चिकित्सालय हेतु 1172 करोड़। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन हेतु 1144 करोड़। मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम हेतु 1001 करोड़।

  • अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एण्ड अर्बन ट्रान्सफॉरमेंशन हेतु 1000 करोड़। सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान हेतु 1000 करोड़। लाड़ली लक्ष्मी योजना हेतु 922 करोड़। स्मार्ट सिटी हेतु 900 करोड़। ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना हेतु 878 करोड़। 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालय छात्रवृत्ति हेतु 872 करोड़।

कोरोना संकट के बावजूद सभी वर्गों का ध्यान रखा गया बजट में – देवड़ा

मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज कहा कि कोरोना जैसे अभूतपूर्व संकट के बावजूद राज्य सरकार के बजट में सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखकर नए कराधान का प्रावधान नहीं किया गया है।

श्री देवड़ा ने विधानसभा में वित्त वर्ष 2021 22 के लिए दो लाख 41 हजार करोड़ रुपयों के प्रावधान वाले वार्षिक बजट को पेश करने के बाद विधानसभा भवन के सभागार में संवाददाताओं से चर्चा में यह बात कही। इस दौरान वित्त विभाग की ओर से पेश किए गए प्रस्तुतिकरण के जरिए बजट प्रावधानों के बारे में भी बताया गया।

श्री देवड़ा ने कहा कि कोरोना जैसे अभूतपूर्व संकट से सिर्फ हमारा राज्य ही नहीं, पूरा देश प्रभावित हुआ है और इस वजह से राजस्व प्राप्तियां तथा आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुयी हैं। इसके बावजूद आत्मनिर्भर भारत और इसी से प्रेरित आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना को मूर्त रूप देने के उद्देश्य से बजट में प्रावधान किए गए हैं। इसमें जहां सभी वर्गों के हितों का ध्यान रखा गया है, वहीं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए ढांचागत सुविधाओं के विकास तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन पर ध्यान देते हुए उनके लिए बजट प्रावधान किए गए हैं।

बजट में 50 प्रतिशत से अधिक धनराशि तनख्वाह, पेंशन और इसी तरह के खर्च पर होने संबंधी सवालों के जवाब में वित्त मंत्री के साथ मौजूद वित्त विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह बात सच है, लेकिन जब हम शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यय करते हैं तो चिकित्सकों, नर्सों और अन्य कर्मचारियों के साथ ही शिक्षकों आदि की तनख्वाह पर भी व्यय करना पड़ेंगे। यह हमारे राज्य में ही नहीं, देश और विदेशों में भी होता है। इसलिए इस व्यय को व्यर्थ नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि विकासात्मक कार्यों में तनख्वाह प्रमुख खर्च है।

वित्त मंत्री की ओर से इस सवाल का जवाब तत्काल नहीं मिल पाया कि मध्यप्रदेश सरकार को पिछले एक दो वर्षों के दौरान केंद्र सरकार से कितनी धनराशि प्राप्त होना थी और कितनी राशि प्राप्त हुयी। अलबत्ता उनके साथ मौजूद अधिकारी ने यह बताया कि कोरोना संकट के कारण उपजी स्थितियों के चलते हाल ही में ‘जीएसटी कौंसिल’ की बैठक में तय किया गया था कि राज्य सरकार वित्तीय संस्थाओं से स्वयं ऋण राशि लें और उन्हें चुकाने की व्यवस्था करें।

वार्षिक बजट में ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ पर सबसे अधिक जोर

विधानसभा में पेश किए गए वार्षिक बजट में ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ पर सबसे अधिक जोर दिया गया है।

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण की शुरूआत में कहा कि अर्जुन के लक्ष्य ‘चिड़िया की आंख’ की तरह राज्य सरकार का लक्ष्य ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ है और इसी के अनुरूप बजट प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत ढांचागत सुविधाओं के विकास और विस्तार पर सबसे अधिक जोर दिया गया है।

श्री देवड़ा ने ‘पेपरलेस बजट’ की अवधारणा के तहत बजट भाषण पढ़ा। कोरोना संकटकाल से उभरने के प्रयास भी बजट प्रावधान में दिखायी दिए। बजट का आकार दो लाख करोड़ रुपयों के पार है।

मध्यप्रदेश के बजट में दो लाख इकतालीस हजार करोड़ रुपयों से अधिक का प्रावधान

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आज विधानसभा में वित्त वर्ष 2021 22 के लिए 2,41,375 करोड़ रुपयों के प्रावधान वाला बजट पेश किया, जिसमें मुख्य रूप से ‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’ की कल्पना को साकार करने के उद्देश्य से ढांचागत सुविधाओं के विकास और विस्तार के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और सुशासन पर विशेष जोर दिया गया है।

श्री देवड़ा के एक घंटे से अधिक समय तक चले बजट भाषण में कोरोना के अभूतपूर्व संकट के कारण राजस्व प्राप्तियां कम होने और केंद्र सरकार से भी राज्य का पर्याप्त हिस्सा नहीं मिलने की झलक दिखायी दी। इसके बावजूद बजट में नए करों का प्रावधान या मौजूदा करों की दर बढ़ाने का प्रावधान नहीं किया गया है।

बजट पर सामान्य चर्चा 04 और 05 मार्च को

विधानसभा में आज पेश किए गए वित्त वर्ष 2021 22 के वार्षिक बजट पर सामान्य चर्चा 04 और 05 मार्च को होगी।

विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा की ओर से बजट पेश किए जाने के बाद यह घोषणा की।

अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सहमति के आधार पर वे सदन की कार्यवाही 04 मार्च की सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर रहे हैं। इसका आशय यह हुआ कि अब 03 मार्च को सदन की बैठक नहीं होगी।

इसके पहले वित्त मंत्री श्री देवड़ा ने अपना बजट भाषण लगभग 75 मिनट में पूरा पढ़ा। कोरोना जैसे अभूतपूर्व संकटकाल के बीच पेश किए गए बजट में महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बार कोई नए कर का प्रस्ताव नहीं किया गया है। न ही किसी प्रकार के कर की दर बढ़ाने का प्रावधान किया गया है।

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