उज्जैन 08 सितम्बर। प्रदेश के मुख्य सचिव श्री सुधिरंजन मोहन्ती ने कहा है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट का कार्य जघन्य अपराध की श्रेणी का है। ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध जितनी भी बड़ी कार्यवाही की जाये, कम है।
उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि वे मिलावट के विरूद्ध प्रतिबंधात्मक कार्यवाही निरन्तर जारी रखें। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरी के विरूद्ध निरन्तर प्रभावी कार्यवाही की जाना चाहिये, न कि दिखावटी।
मुख्य सचिव ने कहा कि पहले कई सालों से इस विषय पर किसी ने ध्यान नहीं दिया और एजेन्सियां भी लापरवाह हो गई। धीरे-धीरे हमें इस दृष्टिकोण को बदलना होगा। मिलावटखोरी मानवता के विरूद्ध जघन्य अपराध है। इसके विरूद्ध कार्य मानवता की सबसे बड़ी सेवा होगी और हमारी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित रहेगा।
उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से यदि मिलावटखोरों के बारे में संचार माध्यम से आमजन में जानकारी फैलेगी तो लोग जागरूक होकर स्वयं शिकायत लेकर आयेंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि न केवल दूध एवं दूध से बने पदार्थों, बल्कि मसालों, फलों में कार्बाईड का उपयोग, तेल घी में मिलावट, दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिये ऑक्सीटोसिन आदि का उपयोग भी मिलावट की श्रेणी में आता है, इन पर भी जिला मजिस्ट्रेट्स को सख्ती से कार्यवाही करना चाहिये। आमजन को यह लगना चाहिये कि सरकार उनके हित में बड़ा काम कर रही है और मिलावट करने वाले समाज के सबसे बड़े अपराधी हैं। इनके विरूद्ध राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में तगड़ी कार्यवाही की जाना चाहिये।
मुख्य सचिव ने सेम्पल की जांच में तेजी लाने, प्रयोगशालाओं में वृद्धि करने एवं प्रयोगशाला में उपयोग होने वाले रिएजेन्ट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये शीघ्र ही कार्यवाही करने की बात कही है।
मुख्य सचिव ने आज उज्जैन संभाग के सभी जिला कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की बैठक लेकर संभाग के विभिन्न विभागों के कामकाज की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में प्रमुख सचिव गृह श्री एसएन मिश्रा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्रीमती पल्लवी जैन गोविल, प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव खनिज संसाधन श्री नीरज मण्डलोई, प्रमुख सचिव खाद्य श्रीमती नीलम शमी राव, संभागायुक्त श्री अजीत कुमार, अपर आयुक्त श्री पीएस कतरोलिया, उज्जैन कलेक्टर श्री शशांक मिश्र, शाजापुर कलेक्टर श्री वीएस रावत, रतलाम कलेक्टर श्रीमती रूचिका चौहान, मंदसौर कलेक्टर श्री मनोज पुष्प, नीमच कलेक्टर श्री अजय गंगवार, देवास कलेक्टर श्री श्रीकान्त पाण्डेय, आगर कलेक्टर श्री संजय कुमार एवं सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अपर कलेक्टर मौजूद थे।
बैठक के प्रारम्भ में मुख्य सचिव श्री सुधिरंजन मोहन्ती ने संभाग में वर्षा की स्थिति, सोयाबीन फसल में हो रहे अफलन एवं रबी की तैयारियों को लेकर चर्चा की।
बैठक में बताया गया कि संभाग में सोयाबीन की फसल में अधिकांश 9560 वेरायटी बोई जाती है, जो कि 90 दिन में तैयार हो जाती है, किन्तु इस बार वर्षा अधिक होने से इस फसल में नुकसान है। मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर्स को नुकसान का सही-सही आंकलन करने के निर्देश दिये हैं।
बैठक में रबी फसल की तैयारी के लिये खाद-बीज की आवश्यकता की समीक्षा की गई। कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि युरिया को छोड़कर बीज एवं समस्त रासायनिक खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। युरिया 16 रैक की आवश्यकता होगी, जिसमें अक्टूबर से रैक की आवक प्रारम्भ होने की उम्मीद जताई जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री कार्यालय से आने वाले प्रकरणों के निराकरण एवं आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की समीक्षा की गई।
मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि मुख्यमंत्री कार्यालय से आने वाले प्रकरणों का निराकरण समय-सीमा में किया जाये तथा ऐसे मामले जिनका निराकरण संभव नहीं है, उनके बारे में स्पष्ट रूप से वरिष्ठ कार्यालय को लिखा जाये।
मुख्य सचिव ने आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के बारे में सभी कलेक्टर्स से फीडबैक लिया तथा निर्देश दिये कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिये जिला स्तर से भी नवाचार करते हुए अधिक से अधिक गांवों में कार्यक्रम आयोजित किया जाये और आम जनता की समस्या का निराकरण किया जाये।
वाट्सअप पर कलेक्टरी न करें, मौके पर जायें।
मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने संभाग के सभी कलेक्टर्स को कहा है कि वे वाट्सअप पर आदेश-निर्देश जारी करने एवं रिपोर्ट भेजने की बजाय मौके पर जाकर आम जनता से मिलें और उनकी समस्याओं को समझकर उसका निराकरण करें।
उन्होंने कहा कि कलेक्टर मूलत: राजस्व के अधिकारी होते हैं, इसलिये राजस्व से सम्बन्धित सभी शिकायतें एवं कार्यों पर उनकी पकड़ होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि पटवारी, तहसीलदार को भी ग्रामीण क्षेत्र में भेजकर बंटवारा, सीमांकन, नामांतरण एवं भू-अधिकार पुस्तिका वितरण आदि का कार्य प्राथमिकता से करवायें, जिससे कि आमजन में असंतोष न पनपे।
मुख्य सचिव ने बैठक में राजस्व प्रकरणों के निराकरण, नामांतरण, बंटवारा एवं सीमांकन आदि के मामलों में उज्जैन संभाग द्वारा उल्लेखनीय कार्य करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कहा है कि दो से पांच वर्ष के लम्बित प्रकरणों का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाये।
अपात्रों का विलोपन 15 अक्टूबर तक किया जाये
बैठक में खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली की गई। बैठक में बताया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली से कई अपात्र लोग जुड़े हुए हैं। आगामी अक्टूबर माह तक अपात्रों का इस सूची से विलोपन करने के लिये अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें दोहरे व अस्तित्वविहीन हितग्राहियों का चिन्हांकन करना एवं अपात्रों का विलोपन करना आदि कार्य शामिल हैं। साथ ही प्रतिवर्ष गरीबी रेखा की सूची का भी अपडेशन करने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रसूति सहायता के प्रकरणों में तुरन्त भुगतान हो
समीक्षा बैठक में निर्देश दिये गये कि प्रसूति सहायता के कई प्रकरण जिलों में लम्बित पड़े हुए हैं। इनका निराकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाये। साथ ही बताया गया कि शीघ्र ही डॉक्टर, नर्स एवं कंपाउंडर्स की नियुक्ति की जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में अमले की कमी दूर होगी। बैठक में बारिश के बाद होने वाली बीमारियों जिनमें मलेरिया, डेंगू, चिकन गुनिया शामिल है, पर विशेष ध्यान देने एवं शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में लार्वा मारने के लिये दवाई का छिड़काव करने के कार्य की मॉनीटरिंग करने के लिये कहा गया है।
बैठक में बताया गया कि आने वाले समय में स्वाईन फ्लू बीमारी का प्रादुर्भाव हो सकता है, इसके लिये पर्याप्त मात्रा में दवाई, पृथक से वार्ड एवं सेम्पल की जांच की प्रक्रिया निर्धारित कर लेना चाहिये।
20 सितम्बर से सड़कों की मरम्मत का कार्य प्रारम्भ करें
मुख्य सचिव श्री मोहन्ती ने लोक निर्माण विभाग एवं सड़क विकास निगम को निर्देशित किया है कि वे बारिश के समाप्त होते ही 20 सितम्बर से सड़कों के गड्ढे भरने एवं पेंचवर्क का कार्य प्रारम्भ कर दें। इस कार्य के लिये धन की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी।
मुख्य सचिव ने यह कार्य नवम्बर माह के अन्त तक पूर्ण करने की हिदायत दी है। मुख्य सचिव ने साथ ही निर्देश दिये हैं कि सड़क सुरक्षा समितियों की बैठक प्रतिमाह आयोजित की जाये एवं सड़कों के ऐसे ब्लेकस्पॉट की पहचान की जाये, जहां ज्यादा एक्सीडेंट होते हों।
बैठक में मदद योजना एवं खनिज संसाधनों के अवैध खनन के प्रकरणों की समीक्षा की गई तथा निर्देश दिये गये कि अवैध खनन के मामलों पर नजर रखी जाये। मुख्य सचिव ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देशित किया है कि इस बार अत्यधिक वर्षा होने के बाद भी ऐसे गांवों का चिन्हांकन किया जाये, जहां आने वाली गर्मी में पेयजल संकट हो सकता है। ऐसे ग्रामों के लिये अभी से कार्य योजना बनाने को कहा गया है।
ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा है कि विद्युत वितरण के क्षेत्र में निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं कि गुणवत्तापूर्ण उपकरणों का उपयोग करते हुए ‘लाईन लॉस ‘में कमी लाई जायेगी। साथ ही बिजली चोरी एवं बिल वसूली पर भी ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 45 से 46 प्रतिशत का लाईन लॉस हो रहा है। इस घाटे को रोकने के लिये उन्होंने सभी जिला कलेक्टर्स को विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के साथ सहयोगात्मक रूख रखते हुए कार्य करने के निर्देश दिये हैं।