भोपाल, 01 मई । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की शुरूआत पर ही इलाज प्रारंभ कर दिए जाने से यह पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है, परंतु विलंब घातक हो सकता है।
श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना कोर ग्रुप के सदस्यों के साथ बैठक कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि थोड़े भी लक्षण दिखने पर तुरंत जाँच की जाए तथा जाँच के समय ही व्यक्ति को मेडिकल किट भी दे, जिससे कि उपचार प्रारंभ हो सके। लापरवाही बिल्कुल न करें, थोड़े लक्षण दिखते ही इलाज लें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घर-घर सर्वे कर मरीजों की पहचान की जाए तथा सर्दी, जुकाम बुखार आदि लक्षण होने पर मेडिकल किट देकर इलाज प्रारंभ कर दिया जाए। ‘अर्ली डिटेक्शन एंड क्योर’ की रणनीति पर चलते हुए हम प्रत्येक कोरोना मरीज़ को स्वस्थ कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार मध्यप्रदेश कोरोना पीक से नीचे आ रहा है।
प्रदेश में अब कोरोना के 88 हजार 511 एक्टिव प्रकरण हैं। पिछले 24 घंटे में एक्टिव प्रकरणों में 2285 की कमी आई है, 12 हजार 379 नए प्रकरण आए हैं, वहीं 14 हजार 562 मरीज़ ठीक हुए हैं। हमारी पॉजिटिविटी रेट 20.3 फीसदी हो गई है तथा साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 22 फीसदी है।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर डॉ. महेंद्र अग्रवाल द्वारा किए गए केस प्रेडिक्शन के अनुसार मध्यप्रदेश अपने कोरोना पीक पर पहुँच गया है। अब मामले कम हो रहे हैं।
श्री चौहान ने निर्देश दिए कि होम आइसोलेशन में उपचाररत मरीजों को दिन में कम से कम एक बार डॉक्टर आवश्यक रूप से फ़ोन करके सलाह दें।
प्रदेश में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति निरंतर हो रही है। प्रदेश को 589 एमटी ऑक्सीजन का कोटा मिल रहा है। 30 अप्रैल को 465 एमटी, एक मई को 489 एमटी ऑक्सीजन सप्लाई रही तथा 2 मई के लिए 503 एमटी आपूर्ति का अनुमान है।
प्रदेश के सभी जिलों में कुल 58 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाये जा रहे हैं। श्री चौहान ने कार्य को गति दिए जाने के निर्देश दिए।