भोपाल, 10 जून । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी यात्रा के दौरान आज प्राकृतिक वातावरण में परिवार के साथ समय व्यतीत करते हुए वृक्षों की महिमा निरुपित की और इसे भारतीय संस्कृति से जोड़ते हुए सभी से पौधा रोपने का आह्वान किया।
श्री चौहान ने इस सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए अनेक आकर्षक फोटो भी पोस्ट किए, जो यहां सत्ता के गलियारों में भी चर्चा का केंद्र बने और राजनीति से जुड़े लोग इनका ”गूढ़ रहस्य” खोजते हुए नजर आए।
श्री चौहान ने रात्रि में किए ट्वीट में लिखा है ””मेरी अर्धांगनी के जन्मदिन के अवसर पर आज हमने परिवार सहित पेड़ लगाया और ये संकल्प लिया की हर ख़ुशी के अवसर पर हम पेड़ लगाएँगे ताकि पर्यावरण को बचाने में हम योगदान दे सकें।
आप सभी से भी ये अपील है कि हर ख़ुशी के मौक़े पर एक पेड़ ज़रूर लगाएं।””
होशंगाबाद जिले में स्थित हिल स्टेशन पचमढ़ी की यात्रा पर गए मुख्यमंत्री ने एक अन्य ट्वीट में लिखा है:
””हमारे धर्म में प्रकृति के संरक्षण एवं उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने की विशेष परंपराएं हैं।हमारी संस्कृति और जीवन पद्धति प्रकृति से अटूट सबंध और वृक्षों के प्रति श्रद्धा के भाव का निर्माण करती है और इसलिये हमारी सनातन परंपरा में वृक्षों की पूजा का विशेष विधान है।वट वृक्ष या बरगद के पेड़ को हिंदू धर्म में विशिष्ट माना गया है।धार्मिक मान्यता के अनुसार, वट वृक्ष या बरगद के पेड़ के तने में भगवान विष्णु, जड़ में ब्रह्मा तथा शाखाओं में शिव का वास होता है।वट वृक्ष को त्रिमूर्ति का प्रतीक माना गया है।””
श्री चौहान ने इस ट्वीट के साथ पचमढ़ी में स्थित वर्षों पुराने माने जाने वाले चर्चित विशाल वट वृक्ष की छाव तले खिचवाए छायाचित्र भी पोस्ट किए हैं।
वट वृक्ष अपनी गहरी जड़ों और विस्तारित शाखाओं के लिए पहचाना जाता है और माना जाता है कि वट वृक्ष के आसपास कोई अन्य पेड़ नहीं पनप पाता है।
राजनैतिक विश्लेषक मध्यप्रदेश में सत्तारूढ़ दल भाजपा में चले हाल के दिनों के राजनैतिक घटनाक्रमों से जोड़कर इन ट्वीट को देख रहे हैं।
प्रसन्नचित मुद्रा में नजर आ रहे श्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा है ””पचमढ़ी में आज वट सावित्री व्रत के शुभ दिन पर बरगद का पौधा लगाया।विशाल एवं दीर्घजीवी होने के कारण वट वृक्ष की पूजा लम्बी आयु की कामना के लिए की जाती है।आज बहनों ने अपने पतियों की लंबी आयु के लिये वट सावित्री की पूजा की, इस अवसर पर मैं सभी बहनों को बधाई देता हूँ एवं प्रार्थना करता हूँ कि वट वृक्ष की भांति परिवार में खुशहाली फैलें।””
श्री चौहान ने ट्वीट में लिखा है ””आज बरा बरसात की पूजा के शुभ दिन पर मुझे पचमढ़ी के बड़कछार के प्रसिद्ध वटवृक्ष के दर्शन और उसकी छाया में समय व्यतीत करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।मान्यता है कि इसकी विशाल जटाएं दीवार बनकर नागरिकों की सुरक्षा कर रही हैं।यह शुभ और मंगलकारी दीवार सदैव ऐसे ही खड़ी रहे, यही शुभकामना।””
इसके अलावा श्री चौहान ने पचमढ़ी में लगभग पांच वर्ष पहले रोपे पौधे के पनपकर फल देने की घटना का जिक्र भी ट्वीट में इस प्रकार किया:
”” ”मेहनत का फल” शायद इसे ही कहते हैं! मेरे द्वारा 16 अगस्त 2016 को लगाये गए आम के पेड़ में फल आ गए हैं।आप भी जब पौधा लगाएंगे, उसकी देखभाल करेंगे और जब वह पेड़ बड़ा होकर आपको फल देगा, तो मैं विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि उससे ज़्यादा आनंद की अनुभूति आपको नहीं होगी।””
दरअसल राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में दो दिन पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जल संसाधन विभाग से जुड़े एक प्रस्ताव का विरोध करते हुए सख्त आपत्ति दर्ज करायी थी।
इसके बाद वे बैठक से चले गए और सीधे प्रदेश संगठन के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की।
राजनीति के गलियारों में इस घटनाक्रम को श्री चौहान को सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है।
इसके पहले प्रदेश भाजपा के कतिपय वरिष्ठ नेताओं ने अनेक मेल मुलाकातें कीं और सोशल मीडिया पर इनसे जुड़े चित्र खूब प्रचारित करवाए।
हालाकि इन सभी घटनाक्रमों पर श्री चौहान का कोई बयान नहीं आया है, लेकिन श्री मिश्रा कह चुके हैं कि राज्य में हम सब भाजपायी श्री चौहान और श्री विष्णुदत्त शर्मा (प्रदेश भाजपा अध्यक्ष) के नेतृत्व में आगे बढ़ रहे हैं।