भोपाल, 25 मई । मध्यप्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पा लेने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार सभी नागरिकों और संबंधितों से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए और अधिक सतर्क रहने का अनुरोध कर रहे हैं, ताकि तीसरी लहर के प्रकोप को राेका जा सके।
श्री चौहान ने आज यहां मंत्रिपरिषद की बैठक के पहले मंत्रियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जनता, जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के सहयोग और कड़ी मेहनत से दूसरी लहर पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है। अब हम धीरे धीरे ‘अनलॉक’ की ओर बढ़ेंगे। लेकिन अभी भी लगातार सतर्क रहना है, क्योंकि कोरोना गया नहीं है। यदि हमने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया, मॉस्क का उपयोग नहीं किया, वैक्सीन नहीं लगवाया और ‘कोरोना एप्रोप्रिएट बिहेवियर’ का पालन नहीं किया तो हम तीसरी लहर रोकने में सफल नहीं हो पाएंगे।
कोरोना नियंत्रण में है:शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोविड के विरूद्ध युद्ध के साथ-साथ आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से काम करना होगा।
श्री चौहान आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के मुख्य बिन्दुओं पर संबंधित अधिकारियों को मंत्रालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोविड के विरूद्ध लड़ाई जारी रहेगी पर दूसरी गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करना है। कोरोना संक्रमण के कारण राजस्व और विकास के कार्य प्रभावित हुए हैं, परंतु उपार्जन, मनरेगा और तेंदूपत्ता तुड़ाई का काम निर्बाध रूप से जारी रहा। अगस्त 2020 में हमने व्यापक विचार-विमर्श कर आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप बनाकर सभी क्षेत्रों में लक्ष्य निर्धारित किये थे। इस दिशा में हम तेजी से कार्य कर रहे थे। परंतु कोरोना की आपदा के कारण इनमें से कई कार्य धीमे पड़े या रूक गये। प्रदेश में अब कोरोना नियंत्रण में है, अत: हमें एक बार फिर तेजी से इस दिशा में कार्य आरंभ करना है।
श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर भारत के रोडमैप के चार मुख्य आधार स्तम्भ क्रमश: भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, शिक्षा और स्वास्थ्य तथा अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार हैं। स्वास्थ्य के अंतर्गत कोरोना की तीसरी संभावित लहर का सामना करने के उद्देश्य से डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती, ऑक्सीजन में आत्म-निर्भरता, आवश्यक अधोसंरचना विकास और उपकरणों की आपूर्ति जैसे कार्य करना है। इसके साथ ही अर्थ-व्यवस्था और रोजगार के क्षेत्र में भी तेजी से गतिविधियाँ बढ़ानी हैं। जब कोरोना का प्रकोप अधिक नहीं था उन दिनों लगभग 1900 एमएसएमई ईकाइयों का लोकार्पण किया गया था। रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए इस प्रकार की गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के अंतर्गत निर्धारित अधिकांश गतिविधियों की समय सीमा वर्ष 2023 है। कोरोना के कारण गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं। आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आठ मिशन क्रमश: मिशन अर्थ, मिशन दक्ष, मिशन जनगण, मिशन निरामय, मिशन बौधि, मिशन निर्माण, मिशन ग्रामोदय और मिशन नगरोदय के अंतर्गत गतिविधियाँ संचालित की जाना हैं। सभी मिशनों के अंतर्गत कार्यों को गति देते हुए इनकी मानिटरिंग आत्म-निर्भर पोर्टल के माध्यम से करना तत्काल आरंभ किया जाए।
श्री चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप में 906 गतिविधियाँ और 3 हजार 25 उप गतिविधियाँ आरंभ की गई थीं। यह प्रसन्नता का विषय है कि 796 गतिविधियाँ अब तक पूर्ण भी हो चुकी हैं। इस दिशा में हमें पुन: उत्साह से लगातर कार्य करना है।
उन्होंने कहा है कि सम-सामयिक कार्यों जैसे वर्षा काल की तैयारी,सड़कों का रख-रखाव, विद्युत व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था, उपार्जन, बोवनी की तैयारियों की निरंतर समीक्षा भी आवश्यक है।