भोपाल, 17 अप्रैल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कवायद कर रहे हैं और यह कार्य एक सप्ताह में पूर्ण होने की संभावना है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने पर श्री चौहान ने 23 मार्च को यहां राजभवन में सादे समाराेह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसकेे साथ ही वे कोरोना के कारण उपजे हालातों से लगातार जूझ रहे हैं। वहीं मंत्रिमंडल के गठन को लेकर राजनैतिक गलियारों से कई बार चर्चाएं बाहर आयीं, लेकिन आज तक मंत्रिमंडल नहीं बन पाया।
पार्टी सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल के गठन को लेकर आंतरिक स्तर पर मुख्यमंत्री की वरिष्ठ नेताओं से लगातार चर्चाएं चल रही हैं। मंत्रिमंडल गठन में पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की राय को भी तवज्जो दी जा रही है। श्री सिंधिया और भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी संपर्क में है।
सूत्रों का कहना है कि कोरोना के देशव्यापी संकट और लॉकडाउन के कारण मंत्रिमंडल केे गठन का कार्य प्रभावित हुआ है। लेकिन अब एक सप्ताह के अंदर मंत्रिमंडल बन जाने की पूरी संभावना है। माना जा रहा है कि 20 या 21 अप्रैल को अथवा एक सप्ताह में मंत्रिमंडल अस्तित्व में आ जाएगा।
दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पंद्रह वर्षों बाद सत्ता में आयी थी, लेकिन वरिष्ठ नेता श्री सिंधिया और उनके समर्थक विधायकों के कांग्रेस से बगावत के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगभग एक माह पहले 20 मार्च को त्यागपत्र देना पड़ा था। इसके बाद 23 मार्च को श्री चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
दो सौ तीस सदस्यीय राज्य विधानसभा में सदस्यों की संख्या के मान से (अधिकतम 15 प्रतिशत) मंत्रिमंडल में अधिकतम 35 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। इस तरह अधिकतम 34 व्यक्तियों को मंत्री बनाया जा सकता है। लेकिन सामान्यत: रणनीतिक तौर पर मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल में कुछ पद रिक्त रखते हैं।